अभियान : यातायात नियमों की अनदेखी से सड़कों पर जाती जानें
जामताड़ा शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे जिले में अधिक सड़क दुर्घटनाएं वाह
जामताड़ा : शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे जिले में अधिक सड़क दुर्घटनाएं वाहन चालकों की लापरवाही, चूक व यातायात नियम-कायदों की अनदेखी की वजह से होती हैं। ऐसे हादसों में चालकों, राहगीरों व यात्रियों की असमय जान जाती है, फिर भी लोग सुरक्षित यातायात के नियमों का पालन करने से गुरेज करते हैं। इस जिले का हाल यह है कि यहां हर माह औसतन पांच-सात लोगों की जान सड़कों पर जाती है। जबकि इसके जिम्मेदार 70 प्रतिशत वाहन चालक व 10 प्रतिशत वाहनों की तकनीकी खराबी, छह प्रतिशत खराब मौसम के कारण और शेष चार प्रतिशत खराब सड़कें होती है।
जानकारी के मुताबिक जिले में शायद ही कोई ऐसा सड़क हो जिसमें प्रतिमाह हादसे नहीं होते। नाला, कुंडहित, करमाटांड़, की सड़कों समेत व नारायणपुर-जामताड़ा होते हुए गुजरने वाली गोविदपुर-साहिबगंज हाईवे पर आए दिन हादसे का शिकार होकर जख्मी होते हैं। मिहिजाम-जामताड़ा एनएच पर भी लोग सड़क दुर्घटना का शिकार होकर जान गंवाते रहे हैं। वाहन चालकों की लापरवाही इन दुर्घटनाओं में सबसे अहम कारक है। ड्राइविग लाइसेंस निर्गत भी बगैर जांच के कर दिया जाता है। ऐसे चालक मनमानी तौर पर वाहनों को सड़कों पर रफ्तार देते हैं और दूसरों की जान को मौत के तौर पर खामियाजा भुगतना पड़ता है।
सड़क हादसों के दूसरे प्रमुख कारण में यातायात नियमों की अनदेखी की प्रवृत्ति है। केंद्र सरकार ने यातायात नियमों के उल्लंघन को गंभीरता से लेते हुए मोटर वाहन संशोधन अधिनियम में भारी जुर्माना लगाने की व्यवस्था की है। उल्लंघन पर जुर्माने के तौर पर एक लाख रुपये तक का भुगतान करना पड़ सकता है। नाबालिग द्वारा गाड़ी चलाने पर वाहन मालिक दोषी माना जाएगा और उस पर 25,000 रुपये जुर्माने के साथ तीन साल की जेल और वाहन का पंजीकरण भी रद हो सकता है। इसके अलावा बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर एक हजार रुपये का जुर्माना और तीन माह के लिए लाइसेंस निलंबित किया जाना शामिल है। फिर भी इन नियमों की अनदेखी हर सड़क पर की जाती है। नियमों को सख्ती से पालन कराने पर सड़क हादसों में की आ सकती है। ओवर लोडेड वाहन, खराब सड़कें भी यहां मौत को आमंत्रित करती है।
--- वर्जन : सड़क हादसे के प्रमुख तीन कारण क्रमश: तेज रफ्तार से वाहन चलाना, ड्रिक एंड ड्राइव तथा ओवरलोड है। तीनों गतिविधियों पर नियंत्रण लाने के लिए जिले के सभी थाना क्षेत्रों में अभियान के तहत वाहन जांच की जा रही है। सड़क सुरक्षा समिति की ओर से हर क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाती है। हर चालक नियमों का पालन करे तो असमय किसी की मौत सड़क पर बिरले ही होगी।
-- दीपक कुमार, व्यवसायिक विश्लेषक, सड़क सुरक्षा समिति।