गोमाता के रोम-रोम में श्रीकृष्ण का निवास
संवाद सहयोगी कुंडहित (जामताड़ा) प्रखंड के सियारसुली गांव में अन्नपूर्णा मंदिर में तीन दिवस
संवाद सहयोगी, कुंडहित (जामताड़ा)
: प्रखंड के सियारसुली गांव में अन्नपूर्णा मंदिर में तीन दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा शनिवार को समाप्त हुआ। कथावाचक सुशील चक्रवर्ती महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न अवतार, परीक्षित राजा का जन्म व मृत्यु, रुक्मिणी विवाह, पांडवों की रक्षा, कपिल मुनि प्रसंग आदि का बखान किया।
महाराज ने कहा कि मांस भक्षण करने वाले हाथ पूजा के योग्य नहीं होते। कथावाचक ने कहा हमें हमेशा जीवों के प्रति दया भावना रखनी चाहिए। हर जीवों के शरीर में भगवान का निवास है। गोमाता के रोम-रोम में भगवान श्रीकृष्ण का निवास है। मनुष्य को अच्छे कर्मो का फल अच्छा व बुरे कर्मों का फल बुरा मिलता है। कलियुग में पाप का विनाश हाथों हाथ मिल जाता है। इसलिए हमें हिसा, हत्या, अत्याचार, लालच आदि कुकर्मों को छोड़कर भगवान की चरणों की सेवा करनी चाहिए। भगवान की सेवा करने वालों को मुक्ति मिलती है। भगवान की भक्ति ही एकमात्र मोक्ष का रास्ता है।
कथा में बताया कि मांस भक्षण, मदिरापान, जुआ जैसे दुर्व्यसन जिनमें हैं, जो हाथ मांस भक्षण करता, वह भगवान की पूजा योग्य नहीं है। उन्होंने उपस्थित श्रोताओं को मन से भगवान की भक्ति करने और सेवा की भावना रखने का संदेश दिया। कहा जबतक मन में भक्ति नहीं होगी, तब तक तक मनुष्य लालच से बाहर नहीं निकल सकता। भागवत कथा सुनने के लिए सियारसुली के अलावा शालदहा, चंद्रबाद, अंबा, रामपुर, गड़शेमुला सहित दर्जनों गांव के लोग वहां पहुंचे थे। आयोजक मंडली सहयोग से कार्यक्रम सफल हुआ।