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पहाड़पुर में कोरोना से बचाव को कदम-कदम पर सजगता

नारायणपुर (जामताड़ा) नारायणपुर प्रखंड के पहाड़पुर गांव में कोरोना से कोई संक्रमित न

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 06:00 PM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 06:00 PM (IST)
पहाड़पुर में कोरोना से बचाव को कदम-कदम पर सजगता
पहाड़पुर में कोरोना से बचाव को कदम-कदम पर सजगता

नारायणपुर (जामताड़ा) : नारायणपुर प्रखंड के पहाड़पुर गांव में कोरोना से कोई संक्रमित नहीं हुए हैं। इसके पीछे इस गांव के लोगों की मेहनत और जागरूकता प्रमुख कारण है। यह पूरी तरह से आदिवासी बाहुल गांव है। गांव में करीब 60 घरों में 300 से 350 आबादी निवास करती है। देश में जब कोरोना की दूसरी लहर शुरू हुई लोग सावधान हो गए तथा घरों में रहने को प्राथमिकता देने लगे। गांव में शारीरिक दूरी का पालन किया जाने लगा। बाहर जाने से लोग परहेज करने लगे। घर में जो अनाज है, उसी को खाए परंतु बाहर नहीं गए। ऐसे गांव में अनायास कदम रख दें तो बाहर कोई देहरी पर मिलना भी मुश्किल होगा। गली से चौबारे तक सन्नाटा ही मिलेगा। सामने देहरी पर जाकर आवाज देंगे तभी कोई आवाज अंदर से जवाब में आएगी और घरवाले निकलेंगे। ये सारे नियमों की दीवारें कोरोना से बचाव को घर-घर के सामने लोगों ने खुद खड़ी कर रखी है। बाहरी व्यक्ति से पूछताछ के बाद कार्य रहने पर गांव की गली में प्रवेश दिया जाता है। इस गांव से कोई काम है तो आने-जाने में कोई रोक नहीं है। गांव के लोग एक दूसरे को जागरूक और सचेत भी कर रहे हैं।

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---कई घरों में टीवी पर संक्रमण की खबर देखते नहीं : इस गांव में कई घरों में टीवी है। कई लोग शिक्षित भी हैं। पर जब कोरोना की दूसरी लहर उफान पर थी तो टीवी खोलकर कोरोना की समाचार से भी दूरी बनाए रखे। ताकि नकारात्मक खबरों का असर न पड़े। ग्रामीण ज्यादा भयभीत न हों। अब जब कोरोना रोधी टीका समेत कोरोना से संबंधित अच्छी खबरें आ रही है तो लोग टीवी से नाता जोड़ने लगे हैं।

---प्रतिदिन चौपाल भी बचाव की सीख : गांव के सात-आठ प्रबुद्ध जनों की चौपाल लगती है तथा वर्तमान माहौल पर चर्चा होती है। यहां के लोग पूरी तरह से जान गए हैं कि शारीरिक दूरी, मास्क और हाथ साफ करने के क्या फायदे हैं। वैसे भी यह गांव प्रकृति की गोद में बसा है एक और से जंगल तो दूसरी ओर नदियां है। स्वच्छता के मामले में इस गांव के बारे में क्या कहना। संयोग बस नारायणपुर पंचायत के मुखिया बालेश्वर हेंब्रम भी इसी गांव के रहने वाले है। लोगों को जागृत करने में उनका भी अहम रोल है। ग्रामीण कहते हैं कि कोरोना से बचाव को गांव के लोगों ने मेहमानी जाना छोड़ दिए। साथ ही मेहमानों को बुलाने से भी परहेज कर रहे हैं। रविवार की सुबह 11 बजे गांव के बीचोंबीच पेड़ के नीचे बैठकर तीन लोग गप्पे लड़ा रहे थे। पूछने पर अपना नाम तो नहीं बताए परंतु इतना जरूर कहा कि सरकार ने जानमाल की सुरक्षा के लिए लॉकडाउन लगाया है। लॉकडाउन के बाद हमलोग घर पर ही रह रहे हैं।

क्या कहते हैं पहाड़पुर के लोग : गांव में बेवजह आवागमन ना हो इस दिशा में हम लोग पहल करते हैं। प्रशासन से जो दिशानिर्देश मिला है उसके अनुरूप कार्य करने का प्रयास रहता है। ताकि स्वयं सुरक्षित रहे और घर वालों को भी सुरक्षित रख पाएं। ---छोटे मुर्मू ग्रामीण

गांव के निर्णय के अनुरूप हम सभी लोग अपना आचरण करते है। कोरोना से बचाव के लिए जितना अधिक से अधिक हो सके सतर्कता बरतते। दूरी बनाकर रहते हैं। मुंह व नाक बांधकर चलते हैं। क्योंकि सावधानी आवश्यक है।

---सुधीर सोरेन ग्रामीण

---टीवी पर जिस तरह से खबरें आ रही थी, उसे देखकर हमलोग भी चितित हो गए हैं। इसलिए वैसी खबरों को देखना छोड़ दिए। बचाव के लिए अधिकांश लोग घर पर ही रहे। कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करते रहे। अभी तक यह गांव इससे महफूज है।

---वकील हेंब्रम ग्रामीण

---पिछले वर्ष कोरोना काल से ही गांव के लोगों ने सबक ली थी। इस बार बहुत सजगता के साथ गांव के लोग रह रहे हैं। गांव में किसी को भी कोरोना न हो, इसके लिए पूर्व से ही लोग घरों में रहने को प्राथमिकता दे रहे हैं। हम भी शारीरिक दूरी का पालन करते हैं, मास्क पहनते हैं, जनता को जागृत करने का कार्य करते हैं। एक भी संक्रमित व्यक्ति गांव में नहीं हैं।

बालेश्वर हेंब्रम, मुखिया नारायणपुर पंचायत।


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