ड्रेनेज : जामताड़ा में ड्रेनेज की कोई व्यवस्था नहीं
जामताड़ा करीब 40 हजार आबादी वाले जिला मुख्यालय जामताड़ा में 15 हजार परिवार निवास करते
जामताड़ा : करीब 40 हजार आबादी वाले जिला मुख्यालय जामताड़ा में 15 हजार परिवार निवास करते हैं। वर्ष 2000 में जिला का दर्जा मिलने के बाद करीब10 वर्षों में शहर में जनसंख्या का विस्तार हुआ है। इसी अवधि में हजारों मकान का निर्माण हुआ है, लेकिन जिला मुख्यालय में ड्रेनेज का निर्माण नहीं हो सका है। ऐसी स्थिति में बारिश तथा घरेलू उपयोग का पानी नाली-नाला के माध्यम से निकासी हो रहा है। शहर को स्वच्छता देने में नाली-नाला का अहम योगदान है। बहरहाल बारिश के दिनों में शहर की मुख्य समस्या जलजामव होती है। कई दिनों तक लोगों को इसका दंश झेलना पड़ता है। बारिश के पानी को तालाब नदी, तालाब आदि जलस्त्रोतों तक पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं है।
जिस अनुपात में शहर की आबादी बढ़ रही है, उस अनुपात में शहर को सुरक्षित रखने के लिए ड्रेनेज आवश्यक है। शहर की स्वच्छता बरकरार रखने के लिए नगर पंचायत में शहर के विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुसार ड्रेनेज लिए फाइनल डीपीआर तैयार कर राज्य मुख्यालय को स्वीकृति के लिए सौंपा गया है। मालूम हो कि जिला मुख्यालय पठारी क्षेत्रों में शुमार है। ड्रेनेज का उपयोग बारिश का पानी शहर से निकालकर उपयुक्त जल स्त्रोतों में समाहित करना है।
-- वर्जन : शहर में जिस अनुपात में आबादी बढ़ रही है, उस अनुपात में ड्रेनेज की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। वर्तमान समय में नाली तथा नाला के सहारे शहर को स्वच्छ रखने का प्रयास किया जा रहा है। कतिपय स्थानों में नाला-नाली स्वच्छता को बरकरार रखने में अक्षम है। ऐसे जगहों को स्वच्छ बनाए रखने के लिए ड्रेनेज का निर्माण अति आवश्यक है। शहर के प्रमुख स्थानों में ड्रेनेज निर्माण के लिए डीपीआर तैयार कर लिया गया है। तथा स्वीकृति के लिए नगर विकास विभाग को भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य आरंभ होगा। --- रीना कुमारी, अध्यक्ष, नगर पंचायत जामताड़ा