सरकारी दर पर 90 लाख मत्स्य बीज का होगा वितरण
संवाद सहयोगी जामताड़ा चालू वित्तीय वर्ष में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप जिले में मत्स्य उत्पादन सुनिश्ि
संवाद सहयोगी, जामताड़ा : चालू वित्तीय वर्ष में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप जिले में मत्स्य उत्पादन सुनिश्चित करने को लेकर विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। मत्स्य विभाग जिले में उत्पादित 90 लाख मत्स्य बीज (जीरा) प्रशिक्षित मत्स्य पालकों के बीच सरकारी दर पर वितरण करेगा। मत्स्य बीज वितरण करने को मत्स्य विभाग ने जिला स्तरीय कार्यालय परिसर स्थित हैचरी को दुरुस्त करने का कार्य शुरू कर दिया है। राज्य मुख्यालय से निर्देश प्राप्त होते ही हैचरी से वितरण प्रारंभ हो जाएगा। जिले के विभिन्न छह प्रखंड में करीब 1200 मत्स्य पालक मत्स्य प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। इन सभी प्रशिक्षित मत्स्य पालकों को सरकारी दर पर बीज उपलब्ध कराया जाएगा। जीरा तैयार होने के उपरांत मत्स्य विभाग विभागीय प्रावधान के तहत टेंडर के माध्यम से जीरा बेचने की दर निर्धारित करेगा। मालूम हो कि प्रत्येक वर्ष टेंडर के माध्यम से मत्स्य बीज की दर निर्धारित होती है।
----तालाब की बंदोबस्ती नहीं हो पाई : मत्स्य विभाग के अधीन जिले में कुल 431 तालाब है लेकिन विभागीय प्रक्रिया पूर्ण नहीं होने के कारण मत्स्य जीवी सहयोग समिति के नाम तालाब की बंदोबस्ती नहीं हो पाई है। मत्स्य विभाग तालाब बंदोबस्ती प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए अंतिम प्रक्रिया पूरी कर रहा है।इधर मछली पालन के लिए तालाब में दवा का छिड़काव करने में पालक जुट गए हैं।
---प्रशिक्षण के लिए आवेदन : मछली पालन के क्षेत्र में उतरने वाले इच्छुक पालक प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए जिला मत्स्य कार्यालय में आवेदन दे सकते हैं। इच्छुक मत्स्य पालक को रांची में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के उपरांत प्रशिक्षुओं को विभाग कई प्रकार की सरकारी सहायता देगा। ताकि किसान अपने व्यवसाय को अच्छी तरह कर आर्थिक रूप से सबल हो सके। विभाग की मानें तो जिले के सरकारी व निजी तालाब सहित अन्य जल स्त्रोतों से करीब 3500 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन प्रतिवर्ष जिले में किया जाता है। यह उत्पादन जिले में मछली की खपत का आधा हिस्सा भी नहीं है। मत्स्य कार्यालय के फार्म से किसान मत्स्य बीज प्राप्त कर सकेंगे।
----रेहू व कतला की मांग सर्वाधिक : जामताड़ा जिले में तीन प्रकार की प्रजाति की मछली का उत्पादन किया जाता है। जिसमें रेहू, कतला व मिरगल शामिल है। इस प्रजाति की मछलियों के पालन के लिए जिले में अनुकूल माहौल है। अन्य प्रजाति की विदेशी मछलियों का पालन जिला में नहीं किया जाता है। जिला में रेहू व कतला मछली की मांग सबसे अधिक रहती है।
----वर्जन : विभाग 90 लाख मत्स्य बीज का वितरण किया करेगा। इसके लिए विभागीय प्रक्रिया पूरी की जा रही है। मत्स्य पालन को प्रशिक्षण दिया जा चुका है ताकि वे मछली का उत्पादन बढ़ा सकें। जिला को मछली उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना लक्ष्य है।
---दीपांकर सीड, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जामताड़ा