7051 नमूना कोरोना जांच के लिए लंबित
संवाद सहयोगी जामताड़ा वैश्विक महामारी नियंत्रण को लेकर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग संयुक्त रूप
संवाद सहयोगी, जामताड़ा : वैश्विक महामारी नियंत्रण को लेकर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग संयुक्त रूप से नमूना जांच अभियान चला रहा है। लेकिन समय सीमा के अंदर संग्रहित नमूना जांच नहीं होने से महामारी नियंत्रण का लक्ष्य पूरा करने में कई समस्याएं खड़ी हो रही। जिले की आबादी करीब आठ लाख है। अधिक से अधिक महिला, पुरुष तथा बच्चों का नमूना जांच कराने को लेकर पुलिस, प्रशासनिक तथा स्वास्थ्य विभाग दो माह से शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष नमूना जांच शिविर का आयोजन प्रतिदिन कर रहा है। अब तक जिले में 98538 व्यक्तियों का नमूना संग्रह किया गया है। जबकि 91487 संग्रहित नमूना की जांच हो पाई है। शेष 7051 संग्रहित नमूना पिछले 10 दिनों से पीएमसीएच धनबाद स्थित लैब में लंबित पड़ा हुआ है।
जिले में अब तक कुल 1164 संक्रमित मरीज की पहचान हुई है, जिसमें से उपचार के उपरांत 1106 संक्रमण मुक्त हुआ है। वर्तमान समय में 59 सक्रिय संक्रमित मरीज जिला स्तरीय कोरोना अस्पताल में इलाजरत है। जिला महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर अजीत कुमार दुबे ने बताया कि पुलिस तथा प्रशासनिक विभाग के सहयोग से जिले में प्रतिदिन एक दर्जन जगहों पर विशेष शिविर का आयोजन किया जा रहा है। अब तक 98 538 नमूना संग्रह किया गया है जिसमें से ट्रूर्नेट मशीन के माध्यम से जिला स्तरीय कोरोना अस्पताल में 16575 जबकि रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से विशेष नमूना जांच शिविर में 43098 नमूना की जांच की गई। इतना ही नहीं धनबाद रांची जमशेदपुर आदि अस्पताल के जांच घरों में 31814 नमूना की जांच आरटीपीसीआर के तहत की गई। वर्तमान समय में 7051 नमूना धनबाद समेत अन्य अस्पताल के जांच घर में लंबित है। लंबित नमूना की जांच रिपोर्ट आने से मरीजों में की संख्या और बढ़ने की संभावना है।
डॉ दुबे ने बताया कि सबसे अधिक संग्रहित नमूना का जांच धनबाद अस्पताल में लंबित है। जिले में नमूना संग्रह तथा जांच कार्य जोरों से चल रहा है ऐसे में धनबाद अस्पताल में लंबित नमूना का जांच शीघ्र करवाने को प्रतिदिन धनबाद अस्पताल प्रबंधन से बात की जा रही है। पहचान में आए मरीज स्वेच्छा से जिला स्तरीय कोरोना अस्पताल नहीं आना चाहते है। स्वजन भी अस्पताल भेजने में सहयोग नहीं करते हैं। ऐसे में मरीज को जहां उचित समय पर उपचार नहीं मिल पाता है वहीं चिकित्सक टीम को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।