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68 हजार किसानों की फसलों का होगा बीमा

चालू वित्तीय वर्ष में खरीफ फसल बीमा का लक्ष्य समय पर पूर्ण कराने को लेकर गुरुवार को सर्खेलडीह स्थित जिला संयुक्त कृषि सभागार में एक दिवसीय जिला स्तरीय खरीफ फसल बीमा कार्यशाला का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Jul 2019 12:46 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jul 2019 06:36 AM (IST)
68 हजार किसानों की फसलों का होगा बीमा
68 हजार किसानों की फसलों का होगा बीमा

संवाद सहयोगी,जामताड़ा : चालू वित्तीय वर्ष में खरीफ फसल बीमा का लक्ष्य समय पर पूर्ण कराने को लेकर गुरुवार को सर्खेलडीह स्थित जिला संयुक्त कृषि सभागार में एक दिवसीय जिला स्तरीय खरीफ फसल बीमा कार्यशाला का आयोजन किया गया। मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी सबन गुडिया ने मौजूद लैम्पस अध्यक्ष व सहकारिता पर्यवेक्षक,कृषक मित्र,आर्या मित्र को फसल बीमा क्रियान्वयन प्रक्रिया की जानकारी दी। बताया गया कि इस वर्ष जिले के 68 हजार किसानों का खरीफ धान व मकई फसल का बीमा किया जाना है। फसल बीमा कराने में किसानों को परेशानी नहीं हो इस निमित ग्राम स्तरीय कृषक मित्र,आर्या मित्र व लैम्पस अध्यक्ष का सहयोग लिया जाएगा। गांव भ्रमण कर उक्त कर्मी इच्छुक किसानों का फसल बीमा से संबंधित आवेदन भरकर संबंधित प्रखंड कृषि पदाधिकारी को सौंपेगा। जहां आवेदन को पूर्ण कर संबंधित बीमा कंपनी प्रतिनिधि को दिया जायेगा।

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सहकारिता निबंधक पदाधिकारी निलेंद्र कुमार मिश्र ने वर्ष 2019 के खरीफ धान व मकई फसल का बीमा कराने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के फसल और भविष्य सुरक्षित करने का कारगार उपाय है। किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और बीमारियों के हमले के कारण फसल बर्बाद होने पर बीमा संरक्षण और आíथक सहायता प्रदान करता है। ग्रामीण किसानों को प्राकृतिक आपदा से होने वाली क्षति से राहत पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का रजिस्ट्रेशन जिले के सभी लैम्पस में प्रारंभ हो चुकी है,इतना ही नहीं गांव भ्रमण कर कृषक मित्र व आर्या मित्र भी किसानों के फसल बीमा का पंजीकरण करेगें। जिसमें किसानों को एक एकड़ खरीफ फसल धान के लिए 497 रुपये किसान बतौर प्रीमियम देगी। वहीं मक्का के लिए 420 रुपये देय होगी। बैठक में उपस्थित किसानों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि पिछले तीन वर्ष में कराये गये फसल बीमा की क्षति पूíत राशि अब तक किसानों को नहीं मिल पाया है। पिछले तीन वर्ष से धान रोपनी कार्य बाधित हो रहा है यहां तक पिछले वर्ष सुखाड़ भी जिले को घोषित किया गया था। पूर्व में बीमा का प्रीमियम राशि जो किसानों ने जमा किया और बाद में वह निश्शुल्क कर दी गई और किसानों को प्रीमियम राशि वापस करने की बात कही गई थी। ॉ्रीमियम राशि दर्जनों किसानों के बैंक खाता में वापस नहीं हो पाया है। इन सवालों के जवाब में सरकार के रॉयल सुंदरम जेनरल इश्योरेंस कंपनी के जिला समन्वयक चंद्र भूषण सिंह ने कहा कि पहली बार मेरे कंपनी को इस जिले में फसल बीमा के लिए भेजा गया है। चालू वित्तीय वर्ष में फसल कार्य किसान हित में होगा।


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