गुलाब के फूलों से महकेगी किसानों के उद्यान
संवाद सहयोगी जामताड़ा बाजार में अब साल भर गेंदा गुलाब बेलीचमेली आदि फूलों की मांग रहत
संवाद सहयोगी, जामताड़ा : बाजार में अब साल भर गेंदा, गुलाब, बेली,चमेली आदि फूलों की मांग रहती है। त्योहार, प्रतिष्ठानों या घरों की सजावट करनी हो या फिर वैवाहिक कार्यक्रम हो, बिना फूलों के पूरे नहीं होते। ऐसे में गेंदा, गुलाब, बेली आदि फूलों की खेती करना जिले के किसानों के लिए काफी लाभकारी होगा। आमदनी के प्रमुख स्त्रोतों से बनाने के लिए किसानों को उद्यान विभाग फूलों की खेती के लिए प्रेरित कर रहा है।
चालू वित्तीय वर्ष में उद्यान विकास योजना तथा राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत जिले में 30 एकड़ भूखंडों को फूलों की खेती आच्छादित करने का लक्ष्य है। निर्धारित लक्ष्य पूरा करने को लेकर अनुमंडल उद्यान पदाधिकारी मोहम्मद शमसुद्दीन ने गांव स्तर पर किसानों की सूची तैयार कर खेतों की तैयारी शुरू कर दी है। किसानों को बताया जा रहा है कि विभाग इच्छुक किसानों को फूल की खेती करने में विभिन्न प्रकार के आधुनिक फूल के पौधे उपलब्ध कराएगा। इतना ही नहीं किसानों को फूल की खेती करने की नई तकनीक भी दी जाएगी। फूल उत्पादन के उपरांत उन्हें बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा।
अंसारी ने बताया कि जामताड़ा जिला ऐतिहासिक देवघर व पश्चिम बंगाल के धार्मिक स्थल से सटे होने के कारण यहां फूलों की खेती कराना ज्यादा लाभकारी होगा। पड़ोसी जिले में ऐतिहासिक, धार्मिक स्थल होने के कारण किसानों को फूलों का बाजार आसानी से उपलब्ध होगा। वर्तमान समय में 50 इच्छुक किसानों की सूची तैयार की जा रही है। चयनित किसान ने खेतों की तैयारी शुरू कर दी है। उद्यान विभाग के कार्यालय में विभिन्न प्रकार के फूल के पौधे उपलब्ध हो गए हैं। सब ठीक-ठाक रहा तो इसी सप्ताह 30 एकड़ भूखंड में फूलों का पौध रोपण हो जाएगा।
--- कम लागत पर ज्यादा मुनाफा : गुलाब, गेंदा, बेली, चमेली आदि फूलों की खेती में एक बीघा में करीब तीन से पांच हजार रुपये खर्च आता है। वहीं सिचाई की भी अधिक जरूरत नहीं पड़ती है। मात्र तीन से पांच सिचाई में फसल तैयार हो जाती है।