डीवीसी के पुराने डैम को ही नए तालाब का रूप देकर निकाल लिए 2.81 लाख रुपये
डीवीसी के पुराने डैम को ही नए तालाब का रूप देकर निकाल लिए 2.81 लाख रुपये
डीवीसी के पुराने डैम को ही नए तालाब का रूप देकर निकाल लिए 2.81 लाख रुपये
संवाद सहयोगी, मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : करीब 15 वर्ष पूर्व बने डीवीसी के डैम को तालाब का नया रूप देकर मनरेगा योजना से 2.81 लाख रुपये बिचौलिया ने कर्मियों के सहयोग से निकाल लिया। यह कारनामा नारायणपुर प्रखंड के नारायणपुर पंचायत के इचली झेर ग्राम में सामने आया है। जी हां, इस गांव में वित्तीय वर्ष 2020-21 में मुर्तजा शेख की जमीन पर मनरेगा योजना से सौ बाय सौ के तालाब निर्माण कार्य को स्वीकृति मिली। स्वीकृति के पश्चात मनरेगा कर्मियों की मदद से उक्त गांव में डीवीसी से बने डैम को ही थोड़ा बहुत आकार देकर तालाब का नया रूप दे दिया। योजना में इतनी बड़ी गड़बड़ी हुई और कनीय अभियंता, सहायक अभियंता सहित अन्य अधिकारियों ने इसे रोकने का प्रयास तक नहीं किया। इस योजना में जब जिओ टेग की बारी आई तो मनरेगा कर्मी ने जियो टैग भी आसानी से कर दिया। मजदूरों के नाम की जब डिमांड हुई तो उसे भी कर दिया। जब मास्टर रोल तैयार कर फर्जी निकासी की बारी आई तो उसमें भी हस्ताक्षर आंख बंद कर कर दिए गए। इस प्रकार दो वर्षों में 4.71 लाख के योजना में से 2 .81 लाख रुपये की निकासी आसानी से कर ली गई।
इतना ही नहीं, कुछ महीने पहले ही उक्त पंचायत में सामाजिक अंकेक्षण का कार्य भी हुआ, लेकिन वह टीम भी बिकाऊ निकली। उस टीम ने इसकी जमीनी हकीकत को देखकर भी कोई प्रश्न चिह्न खड़ा नहीं किया। सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को कर्मी से लेकर लोगों ने गड़बड़ झाला का योजना बनाकर रख दिया है। जैसा चाहे वैसा कर लें। इतना बड़ा गड़बड़ झाला इतनी आसानी से संभव नहीं है, जब तक इसमें लोगों की मिलीभगत नहीं रहे तब तक पैसे की निकासी संभव नहीं है।
उक्त गांव के ग्रामीण रघुनाथ मुर्मू तथा पति लाल मुर्मू ने बताया जब इसमें तालाब का कार्य आरंभ हुआ था तो लोगों ने इस योजना को जीर्णोद्धार बताया था। क्योंकि बहुत सारी योजनाएं जीर्णोद्धार की आती हैं, लेकिन जब पैसे की इतनी बड़ी निकासी हो गई, तब पता चल रहा है कि यह मनरेगा का नया तालाब का निर्माण की योजना थी। यह पहले ही डीवीसी का डैम था और इसके बड़े मेड़ में लेयर बनाया गया है। लंबे डैम में बीच में मेड़ देकर इसे खंड करने का काम किया गया है। इस योजना में गड़बड़झाला कर जिस पैसे की निकासी हुई है उसकी रिकवरी तथा संबंधित कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए। यदि ऐसी कार्रवाई नहीं होगी तो अन्य योजनाओं में भी फर्जी निकासी कर सरकार के पैसे को चुना लगा लिया जाएगा।
वर्जन ::यह मामला हमारे संज्ञान में नहीं था। इस योजना की जांच की जाएगी और जांच कर यथोचित कार्रवाई भी की जाएगी। दोषियों को किसी भी शर्त पर बख्शा नहीं जाएगा। डीवीसी के तालाब में नया तालाब का निर्माण मनरेगा से कतई संभव नहीं है, इसकी जांच होगी।
प्रभाकर मिर्धा, बीडीओ, नारायणपुर