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उत्क्रमित मध्य विद्यालय जगन्नाथपुर के 202 बच्चों को मिला स्कूली बैग

विद्यासागर (जामताड़ा) विद्यालय में बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति के लिए सरकारी स्तर पर कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। सरकार बच्चों को एमडीएम छात्रवृत्ति पोशाक निश्शुल्क पाठ्य पुस्तक दे रही है। अब बच्चों को स्कूल बैग दिया जा रहा है ताकि बच्चे निजी विद्यालय की तरह सज-धजकर आ सकें।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 04:44 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 04:44 PM (IST)
उत्क्रमित मध्य विद्यालय जगन्नाथपुर के 202 बच्चों को मिला स्कूली बैग
उत्क्रमित मध्य विद्यालय जगन्नाथपुर के 202 बच्चों को मिला स्कूली बैग

विद्यासागर (जामताड़ा) : विद्यालय में बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति के लिए सरकारी स्तर पर कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। सरकार बच्चों को एमडीएम, छात्रवृत्ति, पोशाक, निश्शुल्क पाठ्य पुस्तक दे रही है। अब बच्चों को स्कूल बैग दिया जा रहा है ताकि बच्चे निजी विद्यालय की तरह सज-धजकर आ सकें। इसके तहत गुरुवार को विद्यासागर (करमाटांड़) प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय जगन्नाथपुर में 202 बच्चों के बीच स्कूल बैग का वितरण किया गया। साथ ही सुखाड़ग्रस्त क्षेत्र के अंतर्गत 50 प्रतिशत से अधिक उपस्थितिवाले 93 छात्र-छात्राओं को चावल और राशि भी दी गई। बैग पानेवाले बच्चों के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी।

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विद्यालय के बच्चों ने डुमरिया पंचायत की मुखिया लीलमुनी मुर्मू, बीआरपी गोवर्धन कुमार, बीआरसी के एकाउंटेंट नोनी गोपाल मंडल, एमडीएम ऑपरेटर पवन कुमार का आदिवासी रीतिरिवाज से स्वागत किया। इस दौरान बीआरपी गोवर्धन कुमार ने सभी बच्चों को नियमित विद्यालय आने की सलाह दी। एकाउंटेंट नोनी गोपाल मंडल ने कहा कि सरकार बच्चों को विद्यालय आने के लिए कई योजनाएं चलाती है। योजनाओं का लाभ देने का मुख्य उद्देश्य बच्चों के शिक्षा स्तर में सुधार लाना है।

प्रधानाध्यापक विद्यासागर ने कहा कि वैसे बच्चे जो प्रतिदिन स्कूल नहीं आते हैं उन्हें स्कूल लाने में अभिभावकों को सहयोग करने की जरूरत है। क्योंकि अभिभावकों के प्रयास से विद्यालय में संचालित योजनाओं को बल मिलता है। मुखिया लीलमुनि मुर्मू ने कहा कि सरकार समय-समय पर शिक्षा से जुड़ी सामग्री दे रही है। इसलिए अभिभावक अपने बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दें। सीआरपी राजेश गुप्ता ने अभिभावकों से बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजने की अपील की। बच्चों का कहना था कि अपने घर से किताब और पेंसिल प्लास्टिक या झोला में ले जाना पड़ता था। इस क्रम में कई बार रास्ते में ही पठन-पाठन की सामग्री गिर जाती थी। अब वे स्कूल बैग में ही अपनी किताबें व अन्य सामग्री लाएंगे। मौके पर एसएमसी अध्यक्ष मंगल किस्कू, अभिभावक सिकंदर सोरेन, कालेश्वर सोरेन, पूर्णिमा मुर्मू, शिवू हेंब्रम, शिक्षक शंकर पंडित, मोतीलाल पंडित, ºीस्टीना हेंब्रम, मोहन पंडित सहित विद्यालय के छात्र-छात्राए व अभिभावक मौजूद थे।


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