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Jamshedpur News : युवा सदन में मानगो के रोहन ने उठाया झारखंड को आईटी हब बनाने का मुद्दा, जानें इसमें जमशेदपुर के कितने युवा ने लिया भाग

Yuva Sadan रांची में आयोजित युवा सदन में झारखंड के सभी विधानसभा के युवा शामिल हुए और झारखंड की समस्या को प्रमुखता से उठाया। सरकार को झारखंड के विकास के लिए कई सुझाव दिए। इसपर अमल करने की अपील की।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Sun, 15 May 2022 07:18 PM (IST)Updated: Sun, 15 May 2022 07:18 PM (IST)
Jamshedpur News : युवा सदन में मानगो के रोहन ने उठाया झारखंड को आईटी हब बनाने का मुद्दा, जानें इसमें जमशेदपुर के कितने युवा ने लिया भाग
Yuva Sadan Ranchi : युवा सदन में मौजूद छात्र।

जमशेदपुर,जासं। रांची स्थित झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी में चल रहे युवा सदन में रविवार को जमशेदपुर के युवाओं ने झारखंड स्टार्टअप प्रमोशन बिल 2022 पर चर्चा किया। चर्चा में सभी पक्ष-विपक्ष के युवाओं ने अपना विचार रखा। सदन में पक्ष के नेता के रूप में मानगो के रोहन श्रीवास्तव ने सदन में स्टार्टअप बिल को प्रस्तुत किया। उन्होंने विपक्ष पर वार करते हुए प्रश्न किया कि झारखंड के बने हुए 22 वर्ष हो गए, इसके बावजूद यह राज्य इतना पिछड़ा क्यों है। आखिर ऐसी क्या समस्या है जोभी व्यापारी उद्योग प्रारंभ करता है उसे दो तीन सालों से ज्यादा नहीं चल पाता। झारखंड के युवा नौकरी के लिए राज्य से पलायन कर रहा है। खासकर आइटी के क्षेत्र में। झारखंड को भी आइटी हब बनाने की जरूर है, ताकि यहां के युवा बेंगलुरू, कोलकाता व अन्य राज्यों में पलायन न कर सकें।

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जमशेदपुर पूर्वी के शुभम ने उठाया बेरोजगारी का मुद्दा

युवा सदन में जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र के बाराद्वारी के रहने वाले शुभम ने प्रश्नकाल में बेरोजगारी की समस्या और समाधान के मुद्दे के साथ ग्रामीण स्वरोजगार के विषय को गंभीरता से उठाया। शुभम ने विपक्ष के लोगों से आग्रह किया कि आरोप-प्रत्यारोप के राजनीति से ऊपर उठ कर विकास को गति देने के लिए विपक्ष के लोगों की बातों को गंभीरता से सुना जाए, और बिल में संशोधन किया जाए। उन्होंने अपने सरकार से कहा कि ग्रामीण लोगों को पारंपरिक कामों से जोड़ने के लिए बिल में प्रावधान किया जाए, जिससे साल पत्ता से दोना प्लेट ,तसर, मधुमक्खी, बांस की फर्नीचर आदि कार्य करने वाले लोगों को पेपर पेन में न उलझाना पड़े। ग्राम सभा द्वारा उन्हें चिन्हित कर सीधे लाभ से जोड़ा जाए। सरकारी आफिस का चक्कर न लगवाया जाए। जो शहरी लोग है उनको स्टार्टअप पालिसी समझ आएगी और वो लाभ लेंगे, लेकिन गांव के भोले-भाले लोग योजना का लाभ नहीं ले पाते हैं। इसलिए योजना ऐसा बने जो सीधे ग्रामीण को मिले और उनका विकास हो। सरकारी नौकरी की नियमावली ऐसा बने जिसमें छात्रों से भी राय लिया जाए ताकि परीक्षा के बाद मामला कोर्ट में न जाये और आग्रह किया कि नियुक्ति से संबंधित विषय के लिए एक फास्टट्रैक कोर्ट बनाया जाए।


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