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Yoga Tips : यदि गर्दन में दर्द है तो ये तीन योगासन करें, जल्द मिल जाएगी मुक्ति

आधुनिकता की अंधी दौड़ में हम कई ऐसे समस्याओं से घिर जाते हैं जिसे निजात पाना मुश्किल हो जाता है। गर्दन की समस्या भी उन्हीं में से एक है। लेकिन आप इस गंभीर समस्या से मुक्ति पा सकते हैं। योगा एक्सपर्ट पूनम वर्मा आपको उपाय बता रही हैं....

By Jitendra SinghEdited By: Published: Fri, 03 Sep 2021 06:00 PM (IST)Updated: Fri, 03 Sep 2021 06:12 PM (IST)
Yoga Tips : यदि गर्दन में दर्द है तो ये तीन योगासन करें, जल्द मिल जाएगी मुक्ति
यदि गर्दन में दर्द है तो ये तीन योगासन करें, जल्द मिल जाएगी मुक्ति

जमशेदपुर : आजकल बाइक चलाने या फिर कंप्यूटर पर देर तक बैठने से गर्दन की समस्या आम हो गई है। इसका सामना कभी न कभी हर कोई करता है। खासकर वर्क फ्राम होम में काम करने वालों को इसकी शिकायत बहुत रहती है। ऐसे में इस दर्द से राहत पाने के लिए योग व रेकी एक्सपर्ट पूनम वर्मा आपको आज कुछ योगासन बता रही है, जिसे नियमित रूप से कर इस समस्या से मुक्ति पा सकते हैं।

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बालासन - यह मुद्रा रीढ, गर्दन, ग्लूट्स और हैमस्ट्रिंग को खींचने और आराम देने में मदद करती है। इस योग को करने से आपकी पीठ के निचले हिस्से और गर्दन में तनाव को दूर करने में मदद करता है। इस पोज को करने के लिए अपनी पिंडली की हड्डियों पर बैठें, अपने घुटनों को एक साथ रखें ताकि आपके पैर की उंगुलियां छू रही हों। और एड़ी बाहर की तरफ निकली हुई हो। अपने कूल्हों पर आगे की ओर झुकें, फिर अपने कूल्हों को वापस अपने पैरों की ओर नीचे करें। धीरे से अपने माथे को फर्श पर रखें। अपनी बाहों को फैलाकर रखें, जितनी देर हो सके इसी पोजीशन में रहें और गहरी सांल लेते रहें।

मार्जरासन - मार्जरासन व्यायाम आपकी रीढ़ को फैलाता है। यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करते हुए आपके धड़, कंधों और गर्दन में तनाव से राहत देता है। इस मुद्रा को करने के लिए अपने पेट के नीचे जमीन की ओर छोड़ते हुए उपर की ओर देखें। सांस छोड़ें और अपनी रीढ़ को छत की ओर झुकाएं। अपनी ठुड्डी को अपनी छाती से लगाएं। ऐसा कम से कम एक मिनट तक करते रहें। इससे आपको हर तरह से राहत मिलेगा।

शव मुद्रा - शव मुद्रा शरीर के दर्द को कम करने, आराम करने और शरीर में तनाव की स्तर को कम करने में मदद करती है। शव मुद्रा करने के लिए पने पैरों को फैलाकर और हथेलियां उपर की ओर करके पीठ के बल लेट जाएं। अपनी श्वास पर ध्यान दें। जब तक चाहें आप शव मुद्रा में रहें।


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