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Yoga For Thyroid Problem: थायराइड से छुटकारा पाना है तो करें उज्जायी प्राणायाम, जानिए योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा से

Yoga For Thyroid Problem उज्जायी प्राणायाम मन को शांति प्रदान करता है तथा शरीर में वाइब्रेशन उत्पन्न करता है। जिससे हमें एक नई उर्जा का अनुभव होता है। यही नहीं इस प्राणायाम का उपयोग चिकित्सा में तंत्रिका तंत्र को ठीक करने के लिए किया जाता है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 10:21 AM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 10:21 AM (IST)
Yoga For Thyroid Problem: थायराइड से छुटकारा पाना है तो करें उज्जायी प्राणायाम, जानिए योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा से
जमशेदपुर की योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा। जागरण

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : यदि आपको थायराइड है तो आप नियमित तौर पर उज्जायी प्राणायाम करें। इस समस्या से जल्द ही छुटकारा मिल सकता है। यही नहीं उज्जायी प्राणायाम करने से लंबी उम्र और शरीर स्वस्थ रहता है। जमशेदपुर की योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा बता रही हैंं उज्जायी प्राणायाम करने की विधि, फायदे और बरती जाने वाली सावधानी। रूमा शर्मा कहती हैं कि उज्जायी प्राणायाम उन प्राणायाम में से एक है, जिसे थायराइड समस्या से निजात पाने के लिए किया जाता है। उज्जायी प्राणायाम का अर्थ होता है विजयी। इससे हम समझ सकते हैं कि यह प्राणायाम करने से एक ताजगी का अनुभव कराता है।

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उज्जायी प्राणायाम के फायदे

योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा कहती हैं कि उज्जायी प्राणायाम मन को शांति प्रदान करता है तथा शरीर में वाइब्रेशन उत्पन्न करता है। जिससे हमें एक नई उर्जा का अनुभव होता है। यही नहीं इस प्राणायाम का उपयोग चिकित्सा में तंत्रिका तंत्र को ठीक करने के लिए किया जाता है। उज्जायी प्राणायाम को करने से अनिद्रा जैसी बीमारियां अपने आप दूर हो जाती है। उज्जायी प्राणायाम करने से हृदय की गति को नियंत्रित करता है, जिसके कारण उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां कभी नहीं होती। यह प्राणायाम शरीर से धातु विकारों को नष्ट करता है।

उज्जायी प्राणायाम करने के तरीके

  • योग मैट या चटाई पर बैठ जाएं, और अपने शरीर को शांत कर लें
  • अपनी सांस लेने की गति को निरंतर रखें व समान रूप से लेते रहें।
  • सामान आसन में बैठने के पश्चात अपने ध्यान को अपने गले पर केंद्रित कर ध्यान लगाएं
  • अपने विचाारों पर नियमंत्रण रखने की कोशिश करें।
  • ध्यान केंद्रित करने के थोड़ी देर बाद ऐसा अनुभव करें कि श्वास गले से गुजर रहा है और फिर लौट रही है।
  • जब ध्यान पूरी तरह केंद्रित हो जाए तब अपनी श्वास की गति को धीमी करें।
  • कंठ द्वार को भी संकुचित करने का प्रयास करें।
  • ऐसा करते ही श्वास गले से आने-जाने की आवाज सुनाई देगी
  • आपकी श्वास लंबी एवं गहरी होनी चाहिए
  • बाएं और दाएं दोनों नाकों के माध्यम से श्वास लेना एक भास्त्रिका प्राणायाम होता है।
  • यह प्राणायाम 10 से 20 मिनट तक करें, इसे खड़े होकर या लेट कर भी कर सकते हैं।

    उज्जायी प्राणायाम करने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां

    योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा कहती हैं कि प्रत्येक आसन व प्राणायाम को सावधानी पूर्वक करना चाहिए। अगर आप सावधानी नहीं बरतेंगे तो आपके शरीर की कोई नस खिंच सकती है जो आपके लिए दर्द का कारण रहेगा। उज्जायी प्राणायाम करने के दौरान एक बात का विशेष ध्यान देने की जरूरत है। यदि आप हृदय रोग के मरीज हैं तो आप इस प्राणायाम को श्वास रोके बिना कर सकते हैं।


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