World Wildlife Day 2021 : विश्व से 25 सौ से अधिक जीवों की प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर
World Wildlife Day 2021. समुद्रीय जीव हों या जंगल में रहनेवाले जीव जलवायु में परिवर्तन का शिकार हो गए हैं। इंटरनेशनल यूनियन कंजर्वेशन ऑफ नेचर के एक अध्ययन के अनुसार जीवों की 2500 से अधिक प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं।
जमशेदपुर, जासं। World Wildlife Day 2021 समुद्रीय जीव हों या जंगल में रहनेवाले जीव जलवायु में परिवर्तन का शिकार हो गए हैं। इंटरनेशनल यूनियन कंजर्वेशन ऑफ नेचर के एक अध्ययन के अनुसार जीवों की 2500 से अधिक प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार पिछली एक सदी में लाखों जीव व वनस्पति लुप्त हो चुके हैं।
यह कहना है दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के डीएफओ डा. अभिषेक कुमार का। डा. कुमार ने बताया कि भारत में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए आजादी से पहले ही वाइल्ड एलीफेंड प्रिजर्वेशन एक्ट एवं 1927 में भारतीय वन अधिनियम पारित किया गया। जिसके अनुसार वन्यजीवों के शिकार व वनों की अवैध कटाई को दंडनीय अपराध घोषित कर दिया गया। इसके साथ ही 1972 में पारित भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम में वन्यजीवों यथा हाथी, बाघ, हिरण, लंगूर, सेही, गेंडा, डाल्फिन, बारहसिंगा, उदबिलाव, गिरगिट, बड़ी गिलहरी, तेंदुआ आदि के अवैध शिकार, मांस, खाल, हड्डी, बाल,दांत आदि के व्यापार पर रोक लगाकर संरक्षण प्रदान करता है।
घर के आंगन से गायब हो रहे गौरैया-मैना
डीएफओ ने आम जनता से भी अपील की कि गर्मी के दिनों में कम से कम एक पानी का बर्तन अपने घर के आसपास रख दें ताकि प्यासे छोटे-छोटे जीव, पक्षी उसे पी सकें। आज प्रकृति के सफाईकर्मी गिद्ध 95 प्रतिशत लुप्त हो गए। घर के आंगन में मनुष्य साथ रहने वाले गौरैया मैना अब बहुत कम दिखाई देते हैं। उन्होंने लोगों से अपील किया कि संकट में वन्यजीव हैं, उसकी रक्षा करना केवल वन विभाग की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हम सब को अपनी ओर से कुछ न कुछ करना होगा तभी हम और हमारा संसार सुरक्षित रह सकेगा। जंगल में आग तो किसी किमत पर नहीं लगाना चाहिए। इससे हम अपना अस्तित्व को खुद नष्ट करने पर तुले हैं।