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World Blood Donor Day 2021: मेरे खून से धड़कता है उसका दिल, कहती है तुम्हारी वजह से ही मैं जिंदा हूं

World Blood Donor Day 2021 रक्तदान करने का मतलब आप किसी व्यक्ति को नया जीवन दे रहे हैं। इसके माध्यम से आप उसकी जान बचा कर उसके दिल में सदा के लिए जगह बना सकते हैं। इस तरह से जमशेदपुर के रक्तदाताओं का संबंध गहरा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 03:45 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 03:45 PM (IST)
World Blood Donor Day 2021:  मेरे खून से धड़कता है उसका दिल, कहती है तुम्हारी वजह से ही मैं जिंदा हूं
राहुल ने ब्लड देकर दोस्त की बचाई थी जान, अब मुंबई में रहती है प्रिया।

अमित तिवारी, जमशेदपुर।   वह जमशेदपुर छोड़ चली गई लेकिन उसके दिल में आज भी धड़कता हूं। फोन आता है तो वह कहती हैं तुम्हारी वजह से ही जिंदा हूं। यह वाक्य कदमा निवासी राहुल कुमार का है, जो अब 44 साल के हो गए हैं। जब वे 24 साल के थे और को-ऑपरेटिव कालेज में पढ़ाई कर रहे थे तभी उनके साथ एक दुर्घटना घटी थी। इसमें उनकी दोस्त प्रिया कुमारी (किसी कारण से नाम बदला हुआ), जो सोनारी में रहती थी, उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई।

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टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने खून चढ़ाने की बात कहीं। मैं जमशेदपुर ब्लड बैंक गया तो बी पॉजिटिव खून मौजूद नहीं था। संयोग से मेरा ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव ही था। इसे देखते हुए मैंने तत्काल खून देने को तैयार हो गया और प्रिया की जान बच सकी। अभी प्रिया फिलहाल मुंबई में रहती है। उसकी शादी हो गई है लेकिन दोस्ती इतनी गहरी है कि आज भी फोन करती है और कहती हैं तुम्हारी वजह से ही जिंदा हूं। इस तरह, राहुल दूर होकर भी प्रिया से नजदीक है। राहुल कहते हैं -रक्तदान महादान है। अगर किसी के जीवन में आप सदा के लिए जगह बनाना चाहते हो तो रक्तदान से अच्छा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। रक्तदान करने का मतलब आप किसी व्यक्ति को नया जीवन दे रहे हैं। इसके माध्यम से आप उसकी जान बचा कर उसके दिल में सदा के लिए जगह बना सकते हैं। इस तरह से जमशेदपुर के रक्तदाताओं का संबंध गहरा है।

कोरोना में भी नहीं हुई खून की किल्लत

लौहनगरी में रक्तदान को लेकर जितने जागरूक वयस्क हैं उससे ज्यादा सक्रिय युवा दिख रहे हैं और इसी कारण से कोरोना जैसे महामारी में भी यहां खून की किल्लत नहीं हुई। जमशेदपुर ब्लड बैंक में कुल 42 शतकवीर रक्तदाताओं के नाम दर्ज हैं, जो देश के किसी एक शहर में सर्वाधिक हैं। दूसरे स्थान पर गुजरात का अहमदाबाद है, जहां करीब 32 शतकवीर हैं।

खून देने में लौहनगरी नंबर वन

खून देने में लौहनगरी सबसे आगे हैं। यहां कुल तीन ब्लड बैंक है और वर्तमान में लगभग 892 यूनटि रक्त मौजूद हैं। राज्य का सबसे बड़ा ब्लड बैंक जमशेदपुर ब्लड बैंक है। वहीं, रांची में ब्लड बैंकों की संख्या अधिक है लेकिन ब्लड कम रहता है। कई बार जमशेदपुर से ब्लड भेजा जाता है। रांची में लगभग 14 ब्लड बैंक है और वर्तमान में लगभग 729 यूनिट रक्त मौजूद है। इसी तरह, धनबाद में लगभग तीन ब्लड बैंक है और वर्तमान में 477 यूनिट रक्त मौजूद है।

जमशेदपुर में आठ बांबे ब्लड ग्रुप के रक्तदाता भी मौजूद

जमशेदपुर शहर में आठ बांबे ब्लड ग्रुप के रक्तदाता भी मौजूद हैं, जिनकी मांग देशभर से होती है। इन्हें काफी सहेज कर रखा जाता है। जब जरूरत पड़ती है तो इन्हें बुलाया जाता है और खून संग्रह कर भेजा जाता है। बांबे ब्लड ग्रुप काफी दुर्लभ ब्लड ग्रुप होता है। इस ग्रुप का खून लेने के लिए झारखंड सहित बिहार, छत्तीसगढ़, बंगाल, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों से भी मांग होती है।

शहर में हर साल 62 हजार यूनिट खून संग्रह होता

जमशेदपुर में हर साल करीब 26 हजार यूनिट खून संग्रह होता है, जो राज्य में सर्वाधिक है। बिष्टुपुर स्थित जमशेदपुर ब्लड बैंक में प्रतिवर्ष लगभग 55 हजार यूनिट, महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ब्लड बैंक में पांच हजार व परसुडीह स्थित सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में लगभग दो हजार यूनिट रक्त संग्रह होता है।

38 साल की उम्र में 62 बार किया रक्तदान

परसुडीह स्थित सरजामदा निवासी राजेश मार्डी की उम्र 38 साल हो रही है लेकिन ये अभी तक कुल 62 बार रक्तदान कर चुके हैं। इतना लक्ष्य देश में सबसे अधिक बार रक्तदान कर मिसाल कायम करना चाहते हैं। राजेश मार्डी बीते 20 साल से हर तीन माह के अंतराल में रक्तदान करते हैं।

हर साल चार बार करता हूं रक्तदान

बिष्टुपुर निवासी चान्कया वर्मा हर साल चार बार रक्तदान करते हैं। वह अबतक लगभग 25 बार रक्तदान कर चुके हैं। चान्कया कहते हैं कि जब वे कॉलेज में पढ़ाई करते थे और एक कैंसर रोगी को खून की जरूरत पड़ी तो उसे मिल नहीं रही थी। उसी दौरान वे खून दिए। उसके बाद से वे लगातार हर तीन माह पर रक्तदान करते हैं।

कोरोना काल में भी एक हजार खून किया दान

कोरोना काल में भी आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल की ओर से लगातार रक्तदान शिविर आयोजित कर लोगों को खून उपलब्ध कराने का काम किया गया। संस्था के सुनील आनंद ने बताया कि कोरोना काल में उनके द्वारा लगभग एक हजार यूनिट रक्त उपलब्ध कराया गया है।

सुखविंदर सिंह को किया गया सम्मानित

जुगसलाई निवासी सुखविंदर सिंह की उम्र 24 साल है लेकिन अभी तक वे 25 बार रक्तदान कर चुके हैं। इस मौके पर जमशेदपुर ब्लड बैंक में उन्हें सम्मानित भी किया गया। सुखविंदर हर तीन माह पर रक्तदान करते हैं। वह कहते हैं कि जमशेदपुर में खून की किल्लत नहीं है लेकिन सभी मरीजों को आसानी से खून मिल सकें, इसका प्रयास मैं कर रहा हूं।

कहां कितने ब्लड बैंक व कितने यूनिट रक्त मौजूद (12 जून तक)

जगह - ब्लड बैंक - कितने यूनिट रक्त

जमशेदपुर - 03 - 892

रांची - 14 - 729

धनबाद - 03 - 477


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