World AIDS Day 2021: एचआइवी मरीजों का नहीं हो रहा इलाज, कोई एक साल से भटक रहा तो कोई 15 माह से है भर्ती
World AIDS Day 2021 एचआइवी मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। कोई एक साल से भटक रहा है तो कोई 15 माह से भर्ती है। तीन मरीजों की कहानी खोल रही सिस्टम की पोल। दवा के लिए भी होती परेशानी। एमजीएम में रजिस्टर्ड हैं लगभग तीन हजार रोगी
अमित तिवारी, जमशेदपुर : आम जनता ही नहीं बल्कि पढ़े-लिखे डॉक्टर भी एड्स मरीजों के साथ भेदभाव कर रहे हैंं। ऐसा तीन मामला सामने आने के बाद नेटवर्क फायर पीपुल्स लिविंग एचआइवी/एड्स सोसाइटी के सचिव बीके शुक्ला ने महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार के सामने रखीं। हालांकि, अधीक्षक के पास यह मामला पहुंचते ही उन्होंने त्वरित कार्रवाई की और सभी मरीजों को जल्द से जल्द सर्जरी करने का निर्देश दिया गया।
दरअसल, एचआइवी संक्रमित एक महिला को हर्निया है। एक साल पूर्व बीमारी की पहचान हुई थी। तब एमजीएम के चिकित्सकों ने उसे रांची रिम्स रेफर कर दिया। मरीज के पास रांची जाने का पैसा नहीं था। इसके बाद वह परसुडीह स्थित सदर अस्पताल पहुंची। वहां भी सर्जरी नहीं हुई। इसके बाद मर्सी अस्पताल गई। वहां भी किसी कारण से सर्जरी नहीं हुई। तब से महिला भटक रही है। इसी तरह, एचआइवी संक्रमित एक मरीज बीते 15 माह से एमजीएम में भर्ती हैं लेकिन उसकी सर्जरी अभी तक नहीं हुई है। मरीज को पाइल्स है। वहीं, एचआइवी संक्रमित एक महिला को पथरी की समस्या है। उसका भी ऑपरेशन नहीं हो रहा है।
दवा, पेंशन के लिए भी भटकना पड़ता
एचआइवी व एड्स मरीजों को दवा व पेंशन के लिए भी भटकना पड़ता है। हाल ही में एमजीएम अस्पताल के एआरटी सेंटर में दवा खत्म हो गई। जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। मरीजों की दवा एक दिन भी गैप नहीं होने चाहिए लेकिन अव्यवस्था के अभाव में दवाएं नहीं मिल पाती हैं। वहीं, लगभग 35 प्रतिशत मरीजों को पेंशन भी नहीं मिल पा रही है। सरकार की ओर से इन मरीजों को हर माह एक हजार रुपये पेंशन दी जाती है लेकिन ऐसे कई मरीज हैं जिसका लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है।
पांच एचआइवी संक्रमित महिलाओं का हुआ प्रसव, सभी के बच्चे स्वस्थ
एचआइवी संक्रमित महिलाओं के लिए अच्छी खबर है। एमजीएम अस्पताल में जनवरी से अक्टूबर माह तक कुल चार हजार 845 गर्भवती महिलाओं की जांच हुई है। इसमें पांच महिलाएं एचआइवी संक्रमित मिली। इनका प्रसव हुआ। इसके बाद उनके बच्चों की भी जांच हुई तो सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। यानी उन्हें एचआइवी नहीं है। फिलहाल सभी बच्चे स्वस्थ हैं। चिकित्सकों का कहना है कि अगर गर्भवती महिलाओं में समय से बीमारी की पता चल जाएं तो उन्हें दवा दी जाती है। ताकि उनके बच्चों को संक्रमण से रोका जा सकें।
एड्स रोग कैसे फैलता है
- एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संपर्क से।
- एचआईवी संक्रमित सिरिंज व सूई का दूसरों के द्वारा प्रयोग करने से।
- एचआईवी संक्रमित मां से शिशु को जन्म से पूर्व, प्रसव के समय या प्रसव के शीघ्र बाद।
एचआईवी संक्रमित अंग प्रत्यारोपण से।
- एक बार एचआईवी विषाणु से संक्रमित होने का अर्थ है-जीवनभर का संक्रमण।
- एचआइवी मरीजों के साथ भेदभाव करना दुर्भाग्यपूर्ण है। कई मरीजों का इलाज नहीं हो रहा था। इसे लेकर मैंने अधीक्षक से मिला। इस दौरान अधीक्षक ने तत्काल संज्ञान लिया और मरीजों को भर्ती करने का निर्देश दिया है।
- बीके शुक्ला, सचिव, नेटवर्क फायर पीपुल्स लिविंग एचआइवी/ एड्स सोसाइटी।-