Move to Jagran APP

नेशनल बंबू मिशन के तहत जमशेदपुर में शुरू हुआ काम, लोगों को मिलेगा रोजगार Jamshedpur News

नेशनल बंबू मिशन के तहत बहरागोड़ा फॉरेस्ट गेस्ट हाउस के पास करीब 30 लाख रुपये की लागत से बांस की कलाकृति बनाने का काम शुरू हो गया है।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 07:28 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 07:28 PM (IST)
नेशनल बंबू मिशन के तहत जमशेदपुर में शुरू हुआ काम, लोगों को मिलेगा रोजगार Jamshedpur News
नेशनल बंबू मिशन के तहत जमशेदपुर में शुरू हुआ काम, लोगों को मिलेगा रोजगार Jamshedpur News

जमशेदपुर (मनोज सिंह) । नेशनल बंबू मिशन के तहत बहरागोड़ा फॉरेस्ट गेस्ट हाउस के पास करीब 30 लाख रुपये की लागत से बांस की कलाकृति बनाने का काम शुरू हो गया है। इसके लिए विभिन्न प्रकार की 21 मशीनें लगाई गई हैं। इससे करीब सौ करीगरों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा। बांस की कलाकारी में हुनर दिखाने वाले ग्रामीणों ने अब मशीन पर हाथ आजमाना शुरू कर दिया है। जमशेदपुर के डीएफओ डॉ. अभिषेक कुमार ने बताया कि प्रथम चरण में बांस की चटाई बनाई जा रही है।

loksabha election banner

एक साल में 67 लाख रुपये का बांस सामग्री उत्पादन व 51 लाख रुपये फायदे का खाका बनाया गया है। ग्रामीणों की ओर से बनाई गई बांस की विशेष चटाइयों की खरीदार बड़ी-बड़ी कंपनियां होंगी। इसके लिए उषा मार्टिन समेत कई कंपनियों से बातचीत चल रही है। इन कंपनियों में बड़े पैमाने पर बांस की चटाई का उपयोग बड़ी-बड़ी मशीनों की पैकिंग मेटेरियल के तौर पर होता है। इस योजना के मुताबिक प्रत्येक माह 30- 40 हजार चटाई का निर्माण किया जा सकेगा। 

चाकुलिया-बहरागोड़ा बांस के लिए विख्यात 

चाकुलिया व बहरागोड़ा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बांस की खेती होती है। इसे पूरे भारत में भेजा जाता है। यही कारण है कि सरकार के निर्देश पर बांस को आधार बनाकर उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को रोजगार व स्वरोजगार दिलाने के लिए जमशेदपुर वन प्रमंडल को 50 लाख रुपये उपलब्ध कराए गए हैं। जमशेदपुर वन प्रमंडल ने इस राशि से बहरागोड़ा में बांस प्रसंस्करण इकाई व चाकुलिया में बांस हस्तकला इकाई का निर्माण किया गया है। जहां कारीगर व शिल्पकार बांस पर अपनी कला दिखा रहे हैं। जमशेदपुर के डीएफओ डॉ. अभिषेक कुमार ने बताया कि चाकुलिया-बहरागोड़ा में बांस से बनाई जाने वाली सामग्री विश्वस्तर हो, इसके लिए बाहर के कारीगरों को बुलाकर स्थानीय कारीगरों को प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। 

चाकुलिया में बनेंगे सोफा, पलंग 

डीएफओ ने बताया कि चाकुलिया में हस्कला इकाई स्थापित की गयी है। जहां 100 से अधिक ग्रामीण बांसशिल्प कारीगरों द्वारा टोकरी, सूप, टाटरा, झूला, सोफा, पलंग, खुची, चटाई, चलनी, झुरी, जारी, बंबू ज्वेलरी, बंबू कंस्ट्रक्शन के अलावा अन्य सजावटी सामग्री बनाई जाएगी।

42 लाख रुपये वेतन पर होगा खर्च 

वन विभाग ने बांस सामग्री निर्माण से  2020-21 में 67 लाख रुपये उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है। इसमें से 16 लाख रुपये बांस क्रय पर खर्च, 51 लाख रुपये लाभ का लक्ष्य दिया गया है। 42 लाख रुपये वेतन मद में खर्च व 4.50 लाख रुपये अन्य खर्च होंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.