जमशेदपुर के सीतारामडेरा में महिलाओं को मिली कानूनी अधिकार की जानकारी
Jamshedpur News पत्नी औऱ बूढ़े माता- पिता पर अत्याचार करना संगीन अपराध की श्रेणी में आता है जिसमें सजा का प्रावधान हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं अक्सर घरेलू हिंसा का शिकार होती है पर लोक -लिहाज के डर से तथा कानूनी जानकारी नहीं के कारण विरोध नहीं कर पाती हैं।
जमशेदपुर, जासं। सीआरपीसी की धारा 125 में पत्नी, संतान और माता-पिता के लिए भरणपोषण की व्यवस्था की गयी है। उक्त बातें झारखंड ह्यूमन राइट्स कॉन्फ्रेंस के केंद्रीय अध्यक्ष मनोज मिश्रा ने सीतारामडेरा के छायानगर में आयोजित संगोष्ठी में महिलाओं के कानूनी अधिकार विषय पर मुख्य अतिथि के रूप में कहीं।
संगोष्ठी का आयोजन जमशेदपुर महिला शक्ति मंच के बैनर तले किया गया। संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि पत्नी औऱ बूढ़े माता- पिता पर अत्याचार करना संगीन अपराध की श्रेणी में आता है, जिसमें सजा का प्रावधान हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं अक्सर घरेलू हिंसा का शिकार होती है पर लोक -लिहाज के डर से तथा कानूनी जानकारी नहीं के कारण विरोध नहीं कर पाती हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 354 ए के अनुसार यौन उत्पीड़न का मामला बनता है जिसके तहत कोई पुरुष किसी महिला को गलत निगाह रखते हुए छूता है या उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहता है या उसे उसकी इच्छा के विरूद्ध अश्लील साहित्य/पुस्तकें दिखाता है या उस महिला पर अश्लील टिप्पणी/छीटाकशी करता है। वह यौन उत्पीड़न 354 ए का दोषी होगा और उसे कारावास की सजा होगी। जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दंड या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
इनकी भी रही मौजूदगी
कार्यक्रम का संचालन महिला मंच की सचिव यशोदा देवी, अध्यक्षता मंजू शर्मा व धन्यवाद ज्ञापन वंदना मोदक ने किया। कार्यक्रम में मनोज मिश्रा के साथ अधिवक्ता सलावत महतो, श्याम लाल, डीएन शर्मा, कबीन्द्र पाण्डेय, सावित्री देवी, सीमा देवी, गीता देवी, रीना दास, पूजा लोहार, सुखमती लोहार, रेणु कुमारी, संगीता देवी, श्वेता, सरोज कुमारी, सुमित्रा कुमारी, प्रियंका कुमारी, दामिनी देवी, सोमवारी सहित कई महिलाएं मौजूद थीं ।