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बागबेड़ा के गांधीनगर में बारिश में दीवार गिरी, दबकर वृद्धा की मौत

लोगों ने उसे बाहर निकाला तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Aug 2020 02:32 AM (IST)Updated: Fri, 21 Aug 2020 06:19 AM (IST)
बागबेड़ा के गांधीनगर में बारिश में दीवार गिरी, दबकर वृद्धा की मौत
बागबेड़ा के गांधीनगर में बारिश में दीवार गिरी, दबकर वृद्धा की मौत

जासं, जमशेदपुर : बागबेड़ा थाना क्षेत्र गांधीनगर में मूसलाधार बारिश में पड़ोसी श्याम साहू के घर की मिट्टी की दीवार वृद्धा सरस्वती देवी के ऊपर गिरने से वह दब गई। लोगों ने उसे बाहर निकाला तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। जहा कोरोना जांच में वह पॉजिटीव मिली। मृतका के पुत्र मदन पात्रो की 2012 में सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। घर में विधवा बहू रिकू और एक 16 वर्षीय पुत्र पीयूष पात्रो हैं।

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सरस्वती देवी चापाकल से स्नान कर गुरुवार सुबह अपने घर आ रही थी तभी दीवार उस पर गिर गई। जानकारी पर जिला पार्षद किशोर यादव, मुखिया नीनू कुदादा, उप मुखिया सुनील गुप्ता, वार्ड सदस्य सुरेश निषाद, पंचायत समिति सदस्य धमेन्द्र चौहान घटनास्थल पहुंचे। पार्षद ने पीड़ित परिवार को दाह संस्कार के लिए 1000 रुपये की आर्थिक सहायता की। जमशेदपुर प्रखंड के अंचलाधिकारी अनुराग तिवारी से बात कर मृतका के स्वजन को आपदा राहत कोष से मुआवजा देने की मांग की। अंचलाधिकारी ने मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया।

वहीं दूसरी ओर लगातार हो रही बारिस से गुरुवार को तिलकागढ़ में दो कच्चा मकान ढह गया। गनिमत था कि जिस समय मकान ढहा उस समय घर में कोई सदस्य मौजूद नही था वरना बड़ा हासदा हो सकता था। घटना गुरुवार दोपहर की बतायी जा रही हैं। तिलकागढ़ 5 नंबर रोड निवासी सारो मार्डी अपने तीन बच्चों के साथ घर से बाहर आगंन में थी कि अचानक कच्चा मकान पूरी तरह से ढह गया। वही दूसरी ओर तिलकागढ़ मुंडा टोला के रहने वाले विभिषण भूमिज का भी घर एकाएक ढह गया। घर में परिवार का कोई सदस्य नही होने के कारण वे बच गए। सूचना मिलते ही स्थानीय मुखिया पानो मुर्मू दोनों पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची और सरकारी मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। फिलहाल सारो का पूरा परिवार दूसरे के घर में आश्रय लिया हुआ हैं। मुखिया ने कहां कि उन्होंने प्रखंड कार्यालय के अधिकारियों से संपर्क कर पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने की मांग की हैं। दोनों ही परिवार के मुखिया मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। मकान ढह जाने दोनों परिवार काफी चितित हैं।


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