Women Cricketers Dress : पीरियड के दौरान सफेद ड्रेस पहनकर महिला क्रिकेटर कैसे खेलती हैं, क्या उन्हें रक्तस्राव लीक होने का डर नहीं रहता
Women Cricketer Dress यह ऐसी कहानी है जिसकी चर्चा बहुत कम होती है। भारत में तो इसे टैबू माना जाता है। हाल ही में भारतीय महिला क्रिकेट टीम के खिलाफ इंग्लैड ने टेस्ट मैच खेला था। इस मैच में आधी से अधिक खिलाड़ी पीरियड में थी।
जमशेदपुर, जासं। मासिक धर्म या पीरियड हर महिला के लिए चिंता का विषय रहता है। यह महिला क्रिकेटरों के लिए ज्यादा परेशानी का कारण बन जाता है, क्योंकि उन्हें टेस्ट क्रिकेट सफेद ड्रेस में खेलना पड़ता है। इस दौरान यदि उन्हें पीरियड से गुजरना पड़ रहा हो, तो इसके लीक होने और कैमरे की नजर से पकड़ में आने का डर सताता रहता है। जरा सोचिए कि इस हालत में वह कैसे क्रिकेट खेलती होंगी। आमतौर पर हमारा ध्यान इस ओर नहीं जाता, हम क्रिकेट के नतीजों पर ही गौर करते हैं।
फिलहाल अंपायर की भूमिका निभाने वाली झारखंड की ओर से खेलने वाली पूर्व महिला क्रिकेटर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उन दिनों में खिलाड़ियों को तनाव से गुजरना होता है। स्थिति तब और खराब हो जाती है, जब ड्रेस कोड सफेद हो। आप अपने खेल पर केंद्रित नहीं कर पाती हैं।
एक टेस्ट मैच के दौरान इंग्लैंड की आधी महिला टीम पीरियड में थी
हाल ही में भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट के दौरान लगभग आधी महिला टीम पीरियड में थीं। खेल के दौरान उन्हें इतना लंबा ब्रेक भी नहीं मिलता कि वे सैनिटरी पैड बदल सकें। इंग्लैंड की क्रिकेटर टैमी ब्यूमोंट ने अनुभव साझा किया है कि जब वह खेल रही थीं, तो मैच के पहले दिन ही उन्हें पीरियड आ गया था। इससे वह काफी परेशान थीं। उन्होंने महिला अंपायर से इस बारे में बात भी की थी, लेकिन वह भी उनकी बहुत मदद नहीं कर सकीं।
टैमी ब्यूमोंट ने अंपायर से पूछा, ड्रिंक्स के क्या नियम हैं
टैमी ब्यूमोंट।
इंग्लैंड की टैमी ब्यूमोंट ने कहा कि सफेद ड्रेस टेस्ट क्रिकेट की पहचान है। महिला-पुरुष दोनों क्रिकेटर को इसी ड्रेस के साथ देश का प्रतिनिधित्व करना होता है। लेकिन इस बात का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है कि महिला क्रिकेटरों को इस सफेद ड्रेस के कारण कितना तनाव सहना पड़ता है। टैमी ने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं ओपनिंग बल्लेबाज थी। पहले दिन ही मुझे पीरियड आ गया था।
ऐसे में मैंने अंपायर से पूछा, ड्रिंक्स ब्रेक के नियम क्या हैं। वहां एक महिला अंपायर से मैंने उनसे कहा कि पहला दिन है। उन्होंने कहा कि मैं आपको समझती हूं। यह कोई समस्या नहीं है। हम इसका सामना कर सकते हैं। मैच के दूसरे दिन भारतीय बैट्समैन में से एक को इसी कारण से बाहर जाना पड़ा था। मुझे लगता है कि आने वाले सप्ताह में हर कोई यह पता लगा रहा था कि उनके पीरियड आने वाले हैं या नहीं। हममें से बहुतों के लिए सफेद कपड़े पहनना काफी कठिन काम था। इस पोशाक की वजह से बहुत अधिक चिंता थी।
शिवर ने बताया कि रक्तस्राव कम करने की दवा ली थी
नताली शिवर
पांच दिवसीय टेस्ट के दौरान इंग्लैंड की लगभग आधी टीम अपने पीरियड पर थी। इंग्लैंड की ऑलराउंडर नताली शिवर के पास इस मामले में कुछ अनुभव था। 2014 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने टेस्ट डेब्यू पर उनके पीरियड चल रहे थे। शिवर के लिए अंडरशॉर्ट्स अब जरूरी हैं, लेकिन इस मौके पर सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत की जरूरत थी। शिवर ने बताया कि हमारे डॉक्टर ने हमें रक्तस्राव कम करने के लिए कुछ दवा की सलाह दी थी।
खिलाड़ी भी पीरियड की बात करने में शर्माती हैं
पीरियड्स के बारे में बात करना अब भी अक्सर खेल में वर्जित माना जाता है। इंग्लैंड की महिला क्रिकेटर खेल में महिला स्वास्थ्य देखभाल के दृष्टिकोण को बदलने के मिशन पर हैं। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने एक महिला स्वास्थ्य समूह बनाया है, जो दरअसल टैमी ब्यूमोंट का ही विचार था।
कोविड-19 के दौरान टैमी ने महिला एथलीट के स्वास्थ्य पर शोध करते हुए इसकी शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि मैंने अपने अनुभवों को देखना शुरू कर दिया। जब मुझे शायद महसूस हुआ कि मैं बहुत सुस्त महसूस कर रही थी। अच्छा नहीं खेल पा रही थी। यदि आप मां बनना चाहती हैं, तो आप गर्भावस्था से कैसे वापस आती हैं। मैंने हमेशा महसूस किया कि भले ही महिलाएं ऐसा करने में सक्षम हैं, तब भी मैं व्यक्तिगत रूप से ऐसा कभी नहीं करुंगी। मुझे ऐसा नहीं लगता कि मैं शारीरिक रूप से फिर से खेलने के लिए लायक फिट हो सकती हूं।
भारतीय महिला टेस्ट क्रिकेट टीम।
रक्तस्राव कम करने की दवा कारगर उपाय
एक सर्वेक्षण से पता चला है कि पीरियड्स और प्रदर्शन, बोन केयर, ब्रेस्ट केयर, गर्भनिरोधक, गर्भावस्था और प्रजनन क्षमता आदि के बारे में महिला खिलाड़ी अधिक जानना चाहती थीं। ब्यूमोंट को उनके टेस्ट की तैयारी में मदद करने के लिए क्लॉटिंग और एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं ट्रैनेक्सैमिक एसिड और मेफेनैमिक एसिड की सलाह दी गई थी। ये दवाएं रक्तस्राव की मात्रा को कम कर देती हैं। ये दवाएं दर्द कम करने में भी मदद करती हैं। ये सामान्य दवाएं हैं, इसलिए इसे अपनाने में कोई हर्ज नहीं है।