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Air India Sale Update : 15 अक्टूबर तक पता चलेगा रतन टाटा के किस्मत में महाराजा है या नहीं

Air India Sale Update कभी एयर इंडिया टाटा समूह का हुआ करता था। लेकिन 1953 में सरकार ने इसका अधिग्रहण कर लिया। 15 अक्टूबर के बाद यह पता चल जाएगा कि कौन होगा एयर इंडिया का महाराजा...

By Jitendra SinghEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 08:15 AM (IST)Updated: Wed, 29 Sep 2021 09:48 AM (IST)
Air India Sale Update : 15 अक्टूबर तक पता चलेगा रतन टाटा के किस्मत में महाराजा है या नहीं
Air India Sale Update : 15 अक्टूबर तक पता चलेगा रतन टाटा के किस्मत में महाराजा है या नहीं

जमशेदपुर, जासं। केंद्र सरकार एयर इंडिया को किसी निजी हाथ में सौंपने की पूरी तैयारी कर ली है, जिसमें टाटा सबसे आगे है। इसके बावजूद आखिरी बोली नहीं होने से उहापोह की स्थिति बनी हुई है। अब कहा जा रहा है कि 15 अक्टूबर तक आखिरी बोली की घोषणा हो सकती है।  ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि एयर इंडिया के लिए आखिरी बोली की घोषणा के लिए 15 अक्टूबर की तारीख रखी गई है, जबकि अब तक प्राप्त वित्तीय बोलियां इस सप्ताह कभी भी खोली जा सकती हैं।

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केंद्र सरकार ने 15 सितंबर को एयर इंडिया के विनिवेश के लिए कई वित्तीय बोलियां प्राप्त की थीं। इसके मुताबिक टाटा संस और विमानन उद्योग के महारथी स्पाइसजेट के अजय सिंह ने दावेदारी पेश की है। वैसे अब तक की जानकारी के मुताबिक टाटा संस का दावा सबसे मजबूत बताया जा रहा है।

किसका पलड़ा भारी, कहना मुश्किल

हालांकि इनकी दावेदारी का फैसला अलग-अलग मापदंड के आधार पर ही किया जाएगा। इसका फैसला गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के आधार पर लिया जाना है। इसे पहले कहा गया था कि विनिवेश की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि टाटा संस और बाकी के निवेशकों में किसका पलड़ा भारी है। टाटा की बोली बहुप्रतीक्षित थी, क्योंकि उसका नाम पिछले कुछ समय से चर्चा में था। टाटा हर हाल में एयर इंडिया का अधिग्रहण करने को इच्छुक है, क्यों, यह बात कई बार आ चुकी है। इधर, सरकार ने भी राष्ट्रीय विमानन सेवा के निजीकरण को लेकर तेजी से पूरा करने के लिए कई कदम उठाए हैं।

वित्त मंत्री के बयान से देरी की संभावना

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय बजट पेश करते समय कहा था कि निजीकरण के सभी प्रस्तावों की प्रक्रिया वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरी हो जाएंगी, लेकिन एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश में बहुत देरी हो सकती है। इससे पहले भी टाटा सहित कुछ इच्छुक पार्टियों को बोली दौर के लिए चुना गया था। एयरलाइन में अपनी हिस्सेदारी बेचने का मौजूदा केंद्र सरकार का यह दूसरा प्रयास है।

कोरोना से पहले रहा बेहतर प्रदर्शन

एयर इंडिया का ट्रैक रिकार्ड काफी बेहतर रहा है। कोरोना से पहले एयर इंडिया ने अकेले 50 से अधिक घरेलू और 40 से अधिक अंतरराष्ट्रीय स्थानों तक उड़ान का संचालन करती थी। इसने कोरोना महामारी से पहले 120 से अधिक विमानों का संचालन किया। उस समय एयरलाइन में 9,000 से अधिक स्थायी और 4,000 संविदा कर्मचारी थे।


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