शराब दुकानों में न दिल्ली सी भीड़ दिखी, न शौकीनों में होड़ मची
बुधवार को शहर में शराब की दुकानें खुलीं। लंबे लॉकडाउन के बाद पहली बार ये दुकानें खुलीं तो लगा था कि शराब के शौकीन लंबी लाइनों में एक-एक बोतल के लिए जद्दोजहद करते दिखेंगे।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बुधवार को शहर में शराब की दुकानें खुलीं। लंबे लॉकडाउन के बाद पहली बार ये दुकानें खुलीं तो लगा था कि शराब के शौकीन लंबी लाइनों में एक-एक बोतल के लिए जद्दोजहद करते दिखेंगे। लोग मानकर चल रहे थे कि शराब दुकानों के बाहर बिल्कुल दिल्ली जैसी तस्वीरें सामने आएंगी। लंबी-लंबी लाइन लगेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। शराब की दुकानों में खरीददार तो आए, लेकिन आम दिनों की ही तरह। औसत। कोई अफरा-तफरी नहीं। कोई भीड़-भाड़ नहीं। शायद बुधवार को लगातार हुई बारिश के कारण ऐसा हुआ हो या शराब की कीमतें बढ़ने के कारण। कारण स्पष्ट नहीं, लेकिन कहा यह भी जा रहा है कि दुकानें बंद थी तब भी चोरी-छिपे शराब की सप्लाई शौकीनों तक बिना रोक-टोक जारी थी, इसलिए भी लंबी कतार नहीं लगी। मानगो गोलचक्कर के पास की दुकान तो अधिकतर खाली ही दिखीं। वहीं, रामलीला मैदान के पास की दुकान में भीड़ दिखी, लेकिन यहां शारीरिक दूरी का पालन होता भी नहीं दिखा।
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जिन दुकानों के पीछे है दरवाजा, उसमें स्टॉक कम
शहर में कई ऐसी शराब की दुकानें हैं, जिनके पीछे से आने-जाने के लिए दरवाजा है। लॉकडाउन के कारण जब शराब की दुकानों पर ताले लगे तो यही पीछे का रास्ता ज्यादा काम आया। ऐसी दुकानों में पूर्व की अपेक्षा बुधवार को माल कम दिखा।
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अधिकतर लोग बोतल की कीमत पूछते रहे
बुधवार को दुकानें खुलीं तो अधिकतर लोग सिर्फ ये तफ्तीश करने दुकान तक पहुंच रहे थे कि शराब की दुकानें सचमुच में खुली हैं या नहीं? अगर खुली हैं तो अमुक शराब की पूरी बोतल की कीमत कितनी है? सरकार ने कितना प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई है?
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शराब के लिए क्या आधार कार्ड की कॉपी देने होगी..
शराब दुकानें खुलने के बाद कागलनगर पेट्रोल पंप के पास स्थित एक शराब दुकान पर एक युवक आया। उसने दुकानदार से पूछा कि शराब लेने के लिए आधार कार्ड की फोटो कॉपी जमा करानी होगी। जब दुकानदार ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है तब युवक अचंभित हुआ और पैसे लेकर आने की बात कह चला गया।
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कुछ चुनिदा ब्रांड की डिमांड ज्यादा
लौहनगरी मजदूरों का शहर है ऐसे में यहां कम कीमत वाली शराब की डिमांड ज्यादा रहती है। इनमें इम्पीरियल ब्लू, रॉयल स्टैग, मैकडॉवेल नंबर वन, रॉयल चैलेंज ज्यादा बिकी। वहीं कुछ शराब के शौकीन वेलेंटाइन, रेड वाइन, बकाडी लेमन फ्लेवर की भी ज्यादा डिमांड की।
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शौकीनों को नहीं मिली ठंडी बीयर
बीयर पीने के शौकीनों को बीयर ठंडी ही चाहिए होती है। कई शहरी जब दुकान पर पहुंचे तो उन्हें ठंडी बीयर नहीं मिली। दुकानदारों ने भी ये कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि दो माह के बाद तो आज दुकान खुली है। माल सजाने और फ्रीज में रखने में टाइम लगता है।
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कई ग्राहकों ने की जमकर खरीदारी
सोनारी और बिष्टुपुर की दुकानों में कुछ ग्राहक ऐसे भी पहुंचे जिन्होंने जमकर खरीदारी की। एक ग्राहक ने तो लगभग छह हजार रुपये की खरीदारी की, तो एक ने बीयर की पूरी पेटी ही खरीद ली। कुछ लोगों का कहना है पहले ग्रीन से ऑरेंज जोन में पहुंचे। पता नहीं रेड जोन पहुंचने पर कहीं दुकानें फिर से बंद न करें दे प्रशासन, इसलिए स्टॉक जरूरी है ताकि दो-तीन महीने आराम से चल जाए।