अप्रैल से बंद हो सकती शराब दुकानें, ये रही वजह
राज्य सरकार ने निजी हाथों में शराब दुकानों का संचालन देने का फैसला जरूर किया है लेकिन फैसले को अमल में लाने की गति को देखते हुए मामला जटिल होता दिख रहा है।
जमशेदपुर, जेएनएन। राज्य सरकार ने निजी हाथों में शराब दुकानों का संचालन देने का फैसला जरूर किया है लेकिन फैसले को अमल में लाने की गति को देखते हुए मामला जटिल होता दिख रहा है। मार्च के पहले सप्ताह में चुनाव की घोषणा होने की चर्चा को सही मान लिया जाए तो शराब दुकानों की बंदोबस्ती आदर्श चुनावी आचार संहिता की भेंट चढ़ सकती है। इसकी एक ठोस वजह यह भी है कि फरवरी में केवल एक सप्ताह बचा है और इस अवधि में पूर्वी सिंहभूम जिले की 75 शराब दुकानों की बंदोबस्ती होनी मुश्किल है क्योंकि अबतक निविदा भी नहीं निकाली गई है।
31 मार्च को समाप्त हो जाएगी लाइसेंस की अवधि
जिले में संचालित शराब दुकानों की अनुज्ञप्ति 31 मार्च को समाप्त हो रही है। सरकार एक अप्रैल से शुरू होने वाली वित्तीय वर्ष से अपने स्तर से शराब दुकानों का संचालन न कर निजी हाथों में संचालन का जिम्मेदारी देने वाली है। इसके लिए अब तक निविदा नहीं निकाली गई है। चुनाव आचार संहिता के पूर्व बंदोबस्ती की प्रक्रिया पूरी हो सके इसके लिए सरकार के मुख्य सचिव ने खुदरा उत्पाद दुकानों की बंदोबस्ती समय पर संपन्न कराने के लिए पत्र जारी किया था।
एक अप्रैल से बंद हो सकती बिक्री
उन्होंने ई लॉटरी से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को समय पर निष्पादन करने के लिए अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में जिला उत्पाद अधीक्षक, जिला सूचना पदाधिकारी व उनके अधीनस्थ कोषांग का गठन करने, राजस्व पर्षद से अनुमोदित बिक्री अधिसूचना का प्रकाशन करने और उपायुक्त की उपस्थिति में बंदोबस्ती की प्रक्रिया संपन्न कराने का निर्देश दिया है। ऐसे में अगर बंदोबस्ती के पूर्व चुनाव आचार संहिता लागू हो जाती है तो दुकानों की अनुज्ञप्ति का समय विस्तार करना होगा या एक अप्रैल से शराब की बिक्री बंद करनी पड़ेगी।