देखी है ऐसी जुगाड़ तकनीक: बना डाली 54 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली साइकिल
सामान्य साइकिल 18 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलती है जबकि यह 54 किलोमीटर प्रतिघंटा से चल सकती है। विलियम ने पूरी साइकिल जुगाड़ तकनीक से अपने गैराज में बनाई है।
जमशेदपुर, जासं। टाटा स्टील के संस्थापक दिवस समारोह के दौरान बिष्टुपुर स्थित एसएनटीआइ में तकनीकी प्रदर्शनी 'टेक-एक्स-2020'लगी है। इसमें उद्योग-धंधों व आम जिंदगी को आसान बनाने के मॉडल भी प्रदर्शित किए गए हैं। इससे इतर एसएनटीआइ गेट के बाहर सड़क किनारे एक व्यक्ति अजीबो-गरीब साइकिल के साथ खड़ा मिला। प्रदर्शनी देखकर निकलने वालों की निगाह भले ही इस पर ना गई हो, लेकिन राहगीर उस साइकिल और व्यक्ति को देखकर एकबारगी ठिठक जा रहे।
छह गियर की इस साइकिल को चाईबासा स्थित सुपलसाई के विलियम लेयांगी ने बनाई है। विलियम का कहना है कि उनकी साइकिल छह गुणा ज्यादा तेज गति से चल सकती है। सामान्य साइकिल 18 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलती है, जबकि यह 54 किलोमीटर प्रतिघंटा से चल सकती है। उन्होंने पूरी साइकिल जुगाड़ तकनीक से अपने गैराज में बनाई है। इसमें दो चेन लगाए गए हैं, तो चार साइकिल से निकालकर छोटे-बड़े गियर-एक्सएल को अलग-अलग हिस्सों में जोड़ा है। अभी इसमें डिस्क ब्रेक लगाना बाकी है। पढ़ाई-लिखाई की बात पूछने पर 48 वर्षीय विलियम ने बताया कि उसने मैट्रिक फस्र्ट डिवीजन से पास किया था, लेकिन गरीबी की वजह से आगे नहीं पढ़ सका।
बड़ी मुश्किल से पहुंचे एसएनटीआइ
विलियम की चाईबासा के सुपलसाई में साइकिल मरम्मत की दुकान है। एक दिन उनके दिमाग में आइडिया आया कि जब गियर ही साइकिल को तेज चलाती है, तो क्यों ना अधिक गियर लगाकर देखा जाए। उन्होंने इसका ट्रायल 24 जनवरी को किया, तो खुद हैरान रह गए। इसी बीच उन्हें पता चला कि टाटा में थर्ड मार्च पर तकनीकी प्रदर्शनी लगती है। बस क्या था, ठान लिया कि वे इस साइकिल को वहां दिखाएंगे। सुबह में पहले उन्हें किसी ने रीगल (गोपाल) मैदान का पता बताया था, लेकिन वहां जाने पर एक सिक्यूरिटी गार्ड ने बताया कि टेक्निकल एक्जीबिशन तो एसएनटीआइ में लगी है। इसके बाद वे यहां आए। उन्होंने सोचा था कि रतन टाटा उनकी साइकिल देखेंगे, लेकिन वे तो आए ही नहीं। कपड़े के बाबत पूछने पर विलियम ने बताया कि उनके पास साफ कपड़े नहीं थे, तो अपने चाचा की बीएसएफ वाली वर्दी पहनकर आ गए।