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Jharkhand Assembly Election 2019 : क्या हर बार एकलव्य ही अपना अंगूठा देगा..

लोग चटखारे लेकर सोशल मीडिया पर चुनाव का मजा ले रहे हैं। वायरल हो रहा था कि सरयू राय व अभय सिंह एक ही जाति से आते हैं। ऐसे में अभय सिंह को इसबार चुनाव नहीं लड़ना चाहिए।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 01:31 PM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 09:52 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019 :  क्या हर बार एकलव्य ही अपना अंगूठा देगा..
Jharkhand Assembly Election 2019 : क्या हर बार एकलव्य ही अपना अंगूठा देगा..

जमशेदपुर (अमित तिवारी)। यूं तो सोशल मीडिया पर बहुत कुछ चल रहा है लेकिन मैं आपको सबसे चर्चित विधानसभा सीट जमशेदपुर पूर्वी पर केंद्रित कर रहा हूं। जहां से भाजपा प्रत्याशी मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ उनके ही मंत्रिपरिषद के मंत्री सरयू राय निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं।

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झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) से अभय सिंह व कांग्रेस के गौरव वल्लभ भी मैदान में हैं। इससे मुकाबला दिलचस्प हो गया है। हर कोई आनंद ले रहा है।

शुरुआत करते हैं झाविमो प्रत्याशी अभय सिंह की उस पोस्ट से, जो खूब वायरल हो रही है। अभय सिंह ने फेसबुक वाल पर लिखा है- क्या हर बार एकलव्य ही अपना अंगूठा देगा? सरयू राय को वर्ष 2005 में मेरे टिकट (तब बीजेपी में अभय सिंह थे) कटने के बावजूद हमने बड़ा दिल कर सारे बगावत के बावजूद 4500 वोट से जितवाने में मेरी बड़ी भूमिका थी। उस दौरान सारे कार्यकर्ताओं को समेट कर काम में लगाया था। ये सारे लोग जानते हैं? इस पर पंकज कुमार सिंह ने टिप्पणी की है कि रायजी की इच्छा अभयजी को सपोर्ट कर के भी पूरी हो सकती है, उनका सम्मान भी समाज में और बढ़ जाएगा। इस तरह कुल 45 लोगों ने अलग-अलग टिप्पणी की है। वहीं 219 लाइक व 15 लोगों ने इसे शेयर किया है।

लोग चटखारे लेकर चुनाव का मजा ले रहे हैं। दरअसल, कुछ दिनों पूर्व सोशल मीडिया पर जोरशोर से वायरल हो रहा था कि सरयू राय व अभय सिंह एक ही जाति से आते हैं। ऐसे में अभय सिंह को इसबार चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। इस पर सच्चिदानंद सिंह लिखते हंै- एकता का परिचय देना चाहिए। रवींद्र तिवारी पोस्ट किए हैं- पूर्वी में जातीय समीकरण फेल हो रहा है।

सब दिग्गजों की साख दांव पर है। जवाब में अजीत सिंह ने टिप्पणी की है कि ईवीएम का बटन नंबर 20 दबाए, भ्रष्टाचार को दूर भगाएं। इसपर विष्णु रवानी लिखते हैं- कुछ काम नहीं करेगा, रघुवर दास ही आएगा। भूषण दीक्षित फेसबुक पर लिखा-पूर्वी विधानसभा में आस्था के साथ खिलवाड़, कहां थे सरयू राय। इसपर मोचन सिंह टिप्पणी करते हैं कि घबराने की जरूरत नहीं है, वहां मौजूद हैं सरयू राय। सतीश गुप्ता ने लिखा है कि पूर्वी विधानसभा की जनता अबकी बार कोई भूल ना करें, यह मौका दोबारा नहीं आएगा? इसपर हेमंत साहू टिप्पणी करते हैं कि सावधान, घर में फूट डाल चूल्हा अलग कराने सिलेंडर ले कर आए हैं।

हेमंत साहू फिर एक पोस्ट करते हैं जिसपर हेमंत सोरेन, बाबूलाल मरांडी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की स्केच के साथ लिखा है- हमारे पास सब आओ, हम सिखाएंगे, कैसे जनता को मूर्ख बनाएं। हम बताएंगे, कैसे घोटालों वाली सरकार बनाएं। इसपर लंबी बहस चल रही है। रविकांत भ्रष्ट नेता नहीं चुनने की सलाह दे रहे हैं, तो उमेश प्रसाद स्वच्छ प्रत्याशी चुनने की अपील कर रहे हैं। घनश्याम प्रसाद ने लिखा है कि ज्ञानी अपना ज्ञान दें। सरकार बनने के बाद सबसे पहले उसे लागू किया जाएगा। इसपर मोहित कुमार की टिप्पणी है कि हाथी उड़ने से दूर हो जाएगी बेरोजगारी। अर¨वद वैद्य कहते हैं- छात्र युवाओं ने ठाना है, भ्रष्टाचार मिटाना है।


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