Ratan Tata : टेस्ला के प्रमुख एलोन मस्क ने रतन टाटा को क्यों कहा ‘विद्वान’ और ‘सज्जन’
Ratan Tata एलोन मस्क और रतन टाटा दोनों अपने आप में महान हैं क्योंकि दोनों ने ऑटोमोबाइल व्यवसाय में क्रांति ला दी है। टाटा और मस्क दोनों के भारत में बहुत सारे प्रशंसक हैं लेकिन दुनिया के अरबपतियों में शुमार एलोन मस्क रतन टाटा प्रशंसक हैं। जानिए कैसे....
जमशेदपुर, जासं। टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा की तारीफ दुनिया भर में होती है। ना केवल जमशेदपुर के लोग, बल्कि पूरी दुनिया में उनकी सहृदयता के किस्से बड़े चाव से कहे और सुने जाते हैं।
रतन टाटा ना केवल भारत, बल्कि विश्व स्तर पर सबसे सम्मानित उद्योगपतियों में से एक हैं। दुनिया भर में ऐसे कई व्यवसायी व उद्योगपति हैं, जो रतन टाटा की तारीफ करते नहीं अघाते। नई बात टेस्ला के प्रमुख एलोन मस्क की है, जिन्होंने रतन टाटा को ‘विद्वान’ और ‘सज्जन’ कहा।
मस्क ने नैनो को लेकर टाटा की प्रशंसा की थी
चार्ली रोस के साथ 2009 के एक साक्षात्कार में मस्क ने टाटा की प्रशंसा की थी। जब रोस ने मस्क से टाटा की नैनो कार के बारे में पूछा, जो उस समय चर्चा में थी। रोस ने मस्क से पूछा था कि एक पल के लिए रतन टाटा भारत में क्या कर रहे हैं। 2300 बिलियन डालर से एक छोटी सी सेडान विकसित कर रहे हैं। ऐसी कारों का भविष्य कहां है, आपकी क्या राय है।
इस पर एलोन मस्क ने जवाब दिया था- मैं रतन टाटा को जानता हूं। मुझे लगता है कि सस्ती कारों का होना एक अच्छा विचार है। मस्क इस परियोजना से सहमत नहीं थे, लेकिन टाटा के लिए उनकी प्रशंसा स्पष्ट थी। कुछ इस तरह की समस्या - मैं समस्या नहीं कहूंगा, क्योंकि रतन टाटा एक सज्जन और विद्वान हैं। यह एक अच्छा विचार है। हालांकि भविष्य में यह चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है, जब गैसोलीन की कीमत बढ़ती है, कार खरीदने की लागत कार चलाने की लागत की तुलना में बहुत कम है।
मस्क ने किया इशारा, लंबे समय बाद इसकी लागत होगी कम
साक्षात्कार के दौरान मस्क ने इशारा किया कि टाटा नैनो की कीमत बहुत प्रतिस्पर्धात्मक थी। आगे चलकर पेट्रोल की ऊंची कीमतों का मतलब यह होगा कि लंबी अवधि में इसका अधिकांश लागत लाभ कम जाएगा। ऐसा ही हुआ। मस्क बिल्कुल सही थे। एक दशक पहले की तुलना में भारत में तेल की कीमतें काफी अधिक हैं। देश भर के कई शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों ने 100 रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है और मुद्रास्फीति के साथ लगभग गति बनाए रखी है।
2019 में बंद हो गई नैनो
टाटा नैनो अब भारत में नहीं बन रही है, क्योंकि इसे 2019 में बंद कर दिया गया था। वैसे ईंधन की बढ़ती लागत नैनो को बंद करने का कारण नहीं था। लांच के तुरंत बाद नैनो कारों में से एक में आग लग गई थी, जिसने इस उत्पाद के प्रति जनता के विश्वास को कम कर दिया।
बाद में टाटा नैनो के विपणन ने "दुनिया की सबसे सस्ती कार’ टैग के रूप में मदद नहीं की। कई भारतीय, जिन्होंने कारों को एक स्टेटस सिंबल के रूप में खरीदा था, उस टैग के कारण इसे खरीदने से हिचकिचा रहे थे।
‘सबसे सस्ती’ कहकर हुई गलती
जुलाई 2015 में रतन टाटा ने कहा था कि उनकी सबसे बड़ी गलती नैनो कार को ‘सबसे सस्ती' कहना रहा। हमारा उद्देश्य इसे सबसे सस्ती कहकर ब्रांडिंग करने की थी।
कार को सबसे सस्ते के रूप में ब्रांड करने से बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। 83 वर्षीय रतन टाटा ने कहा कि "सफलता तभी मिलती है जब कोई ऐसे फैसले लेता है जो उसे सही लगता है।’ बिक्री घटने लगी और फिर उत्पादन भी शून्य हो गया। हालांकि टाटा नैनो पूरी तरह से अलग कारणों से विफल रही, मस्क की बात अभी भी कायम है।
एक बार रतन टाटा ने टेस्ला पर कही थी ये बात
2014 में रतन टाटा ने एलोन मस्क की टेस्ला के बारे में तीखे अंदाज में बात की थी। उन्होंने कहा था कि जब कोई टेस्ला कार खरीदता है, तो इसे चलाने के बाद उसे अलग-अलग अनुभव मिलते हैं’। उन्होंने कहा, "कार का पता इंटरनेट पर लगाया जा सकता है, जब कार गैरेज में हो - ग्राहक के गैरेज में, तो सॉफ्टवेयर की खराबी को ठीक किया जा सकता है।’
टेस्ला ग्राहकों को ऋण लेने वाली कारों को देने की अनुमति देता है और यदि वे इसे पसंद करते हैं तो वे अंतर का भुगतान कर सकते हैं और इसे खरीद सकते हैं। टेस्ला ने ऐसे कई काम किए हैं, जो उन्हें नहीं करने चाहिए थे। यह सिर्फ एक और इलेक्ट्रिक कार हो सकती थी। उत्पाद से परे समग्र अनुभव तक जाना और ग्राहक को उसकी अपेक्षा से अधिक देते हैं। उत्पादों में अन्य चीजें भी होनी चाहिए, जो उनके अनुभव को अलग बनाती हैं।
मस्क व टाटा दोनों महान
एलोन मस्क और रतन टाटा दोनों अपने आप में महान हैं, क्योंकि दोनों ने ऑटोमोबाइल व्यवसाय में क्रांति ला दी। टाटा और मस्क दोनों के भारत में बहुत सारे प्रशंसक हैं। दोनों एक-दूसरे के काम को भी काफी पसंद करते हैं। दोनों के बीच एक मुलाकात जरूर देखने लायक होगी।