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आखिर सुर्खियों में क्यों बना रहना चाहता है हत्यारोपित दारोगा मनोज गुप्ता

घाघीडीह सेंट्रल जेल में बीते 16 माह से हत्या हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट मामले में दारोगा मनोज गुप्ता बंद है लेकिन वह हमेशा सुर्खियों में बने रहना चाहता है। वह कानूनी दांवपेंच का पूरा उपयोग कर रहा है।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 02:09 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 02:09 PM (IST)
आखिर सुर्खियों में क्यों बना रहना चाहता है हत्यारोपित दारोगा मनोज गुप्ता
हत्योरोपित मनोज गुप्ता, जिसने 26 जुलाई 2019 को पत्नी की हत्या का प्रयास किया था।

 जमशेदपुर (अन्वेश अंबष्ट) : घाघीडीह सेंट्रल जेल में बीते 16 माह से हत्या, हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट मामले में दारोगा मनोज गुप्ता बंद है, लेकिन वह हमेशा सुर्खियों में बने रहना चाहता है। वह कानूनी दांवपेंच का पूरा उपयोग कर रहा है। चाहे विभागीय जांच का मामला हो या उस पर लगे हत्या के आरोप से संबंधित मामले का हो, अदालत को जेल बंदी पत्र के माध्यम से अपनी बातों को रखने में कोई कसर नहीं छोड़ते।

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बीते सप्ताह दारोगा ने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में अर्जी देते हुए बताया वह जेल के मेडिकल वार्ड में हैं। उसकी 3200 रुपए की चोरी हो गई। उसके पास अब रुपए नहीं है। ऐसे में जेल की कैंटिन से उसे कुछ जरूरत के सामान खरीदने होंगे तो वह क्या करेगा। उसे परेशानी हो रही है। रुपए चोरी हाेने की जानकारी जेल प्रशासन से की। किसी ने ध्यान नहीं दिया। ई मुलाकात पर रोक लगा रखी गई है जो नियमों के खिलाफ है। मुलाकाती व्यवस्था लागू कराई जाएं। इससे पहले अदालत में अर्जी देते हुए खुद को बीमार बताते हुए कहा था। उसे उठने-बैठने और शौच क्रिया में परेशानी हो रही है। कमर में दर्द है। रक्तचाप बढ़ गया है। जेल में इलाज की व्यवस्था नहीं है। इलाज की उचित व्यवस्था कराई जाएं।

अदालत ने महात्मा गांधी मेडिकल कालेज अस्पताल और सदर अस्पताल में इलाज को जेल प्रशासन को आदेश दिया। मेडिकल बोर्ड की टीम से रिपोर्ट मांगी गई। दारोगा की चाहत थी कि वह एमजीएम के बंदी वार्ड में जेल से शिफ्ट हो जाएं, लेकिन अदालत ने उसकी मंशा पर पानी फेर दी।

इससे पहले दारोगा ने चाईबासा के एसपी को पत्र लिख कहा था कि उसे पत्नी ने फंसाया और इसमें जमशेदपुर मुख्यालय दो के डीएसपी और सोनारी थानेदार भी शामिल हैं। दारोगा ने अपने निलंबन पर सवाल उठाएं। जमशेदपुर के अपर जिला व सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत को अर्जी देकर बताया उसके खिलाफ विभागीय जांच करने वाले पुलिस अधिकारी प्रदीप उरांव परेशान करते हैं।

मनोज गुप्ता ने अदालत को कहा कि गोली उसके सर्विस रिवाल्वर से नहीं चली। हालांकि फोरेंसिंक जांच रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हाे चुकी है। गौरतलब है ि कि 26 जुलाई 2019 को मनोज गुप्ता ने जमशेदपुर के सोनारी नौलखा अपार्टमेंट में पारिवारिक विवाद को सुलझाने के लिए अपनी पत्नी को बुलाया था। पत्नी अपने परिचित चंदन कुमार और चंदन कुमार की मां सीता देवी के साथ समझौते को लेकर बातचीत करने अपार्टमेंट में पहुंची थी।

बातचीत में विवाद होने पर मनोज गुप्ता के सर्विस रिवाल्वर से फायरिंग में सीता देवी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी, जबकि पूनम गुप्ता और चंदन कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उसके खिलाफ पूनम गुप्ता ने सोनारी थाने में गोली मारकर हत्या करने और जान मारने की नीयत से फायरिंग का मामला दर्ज कराया था।


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