NTTE पर अब भी मौन क्यों है टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व, मोहन पांडेय ने पूछा सवाल
टाटा स्टील में एनटीटीई में कब बहाली प्रक्रिया शुरू होगी। कंपनी की मान्यता प्राप्त टाटा वर्कर्स यूनियन इस दिशा में क्या पहल कर रही है इसका खुलासा करें। टिस्को निबंधित कर्मचारी पुत्र का नेतृत्व करने वाले मोहन पांडेय ने यह सवाल यूनियन के सभी नेताओं से पूछा है।
जमशेदपुर, जासं। टाटा स्टील में एनटीटीई में कब बहाली प्रक्रिया शुरू होगी। कंपनी की मान्यता प्राप्त टाटा वर्कर्स यूनियन इस दिशा में क्या पहल कर रही है, इसका वे खुलासा करें। टिस्को निबंधित कर्मचारी कर्मचारी पुत्र का नेतृत्व करने वाले मोहन पांडेय ने यह सवाल यूनियन के सभी नेताओं से पूछा है।
उनका कहना है कि टाटा स्टील के निबंधित कर्मचारी पुत्र लंबे समय से कंपनी में स्थायी नियोजन की मांग कर रहे हैं। सितंबर 2019 में ग्रेड रिवीजन समझौते के बाद निबंधित पुत्रों के स्थायी नियोजन पर सहमति बनी और वर्ष 2021 में इसे लेकर प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन ग्रेड रिवीजन समझौते में एक और समझौता हुआ था जिसके तहत वैसे निबंधित कर्मचारी पुत्र जो बहाली प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सके या उनकी उम्र ज्यादा थी वैसे कर्मचारी पुत्रों को प्राथमिकता के आधार पर एनटीटीई में बहाल किए जाएंगे। मोहन पांडेय का कहना है कि कंपनी में बहाली प्रक्रिया तो शुरू हो गई और जिन कर्मचारी पुत्रों की उम्र 42 वर्ष से कम है वे इसके लिए आवेदन कर निश्चित हो गए। अब कंपनी प्रबंधन कोविड 19 के कारण भले ही देर से परीक्षा ले लेकिन उन्होंने इसके लिए आवेदन कर दिया।
प्रबंधन और यूनियन की पहल का बस इंतजार
लेकिन अब भी 6000 से ज्यादा निबंधित कर्मचारी पुत्र हैं जो एनटीटीई में बहाली प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। मोहन पांडेय का कहना है कि कोविड 19 के कारण यूनियन नेतृत्व ने अपना कार्यालय बंद कर खुद तो सुरक्षित हो गए लेकिन हजारों निबंधित पुत्र बेरोजगार होकर सड़क पर घूम रहे हैं और भूख से तड़प रहे हैं। इसलिए यूनियन नेतृत्व को इस दिशा में ठोस पहल करनी चाहिए। क्योंकि वे जब भी यूनियन के निवर्तमान अध्यक्ष आर रवि प्रसाद के पास गए तो वे कहते हैं कि यूनियन की ओर से एनटीटीई पर कंपनी प्रबंधन से समझौता किया जा चुका है। अब वर्तमान यूनियन नेतृत्व को ही इस दिशा में पहल करना होगा जबकि वर्तमान अध्यक्ष संजीव चौधरी कहते हैं कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं। ऐसे स्थिति में निबंधित कर्मचारी पुत्र सम्मानजनक जीवन की आस में प्रबंधन और यूनियन की पहल का बस इंतजार ही कर रहे हैं।