अ से ही क्यों शुरू होता था जे. ओमप्रकाश की फिल्मों का नाम, ये थी खास वजह
जे. ओमप्रकाश के साथ एक और किंवदंती जुड़ी है कि उनकी फिल्मों का नाम अ अक्षर से ही क्यों शुरू होता था। एक बार उन्होंने साक्षात्कार में वजह का खुलासा किया था।
जमशेदपुर, जासं। जे ओमप्रकाश की फिल्मों का नाम आखिर अ से ही क्यों शुरू होता था। दरसल, इसकी खास वजह थी। फिल्म अभिनेता ऋत्विक रोशन के नाना जे. ओमप्रकाश के पिता जगत राम आर्य समाज के आचार्य थे। वे जमशेदपुर में रहते हुए समाज के लोगों के घर पर संस्कार भी कराते थे। अपने पिता का असर जे. ओमप्रकाश पर भी पड़ा। वे भगवान शिव के बड़े भक्त थे। उन्होंने मुंबई के पनवेल स्थित फार्म हाउस में शिव मंदिर बनाया था, जहां हर साल शिवरात्रि पर बड़ी पूजा कराते थे। यह संयोग ही कहा जाएगा कि जे. ओमप्रकाश का निधन भी सावन में हुआ, जो भगवान शिव का पवित्र माह था।
जे. ओमप्रकाश के साथ एक और किंवदंती जुड़ी है कि उनकी फिल्मों का नाम अ अक्षर से ही क्यों शुरू होता था। एक बार उन्होंने साक्षात्कार में बताया था कि उन्होंने अ नाम से फिल्में बनाना शुरू किया था, जो हिट रहीं। इस बीच उन्होंने एक-दो फिल्म दूसरे अक्षर से बनाई, तो फ्लॉप हो गईं। इसके बाद से उन्होंने प्रण कर लिया कि अब जो भी फिल्म बनाएंगे, उसका पहला अक्षर अ रहेगा। इसके बाद अ अक्षर से फिल्म बनाने लगे और हिट होती गईं, जिससे उनका अ अक्षर पर विश्वास और बढ़ गया।
ये पिफल्में रही लोकप्रिय
निर्देशक के तौर पर जे. ओमप्रकाश ने पहली फिल्म बनाई 'आपकी कसम' बनाई थी। इस फिल्म के लीड रोल में राजेश खन्ना और मुमताज थे। फिल्म के गाने 'जय जय शिव शंकर...' और 'करवटें बदलते रहे... रात दिन हम... आपकी कसम...' आज भी लोगों के बीच उतने ही लोकप्रिय हैं, जितने तब थे।
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