आखिर सरकारी कर्मचारी क्यों कर रहे नई पेंशन योजना का विरोध
पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित घाटशिला अनुमंडल के मउभंडार फुटबॉल मैदान में मंगलवार की देर शाम सरकारी स्कूल के शिक्षकों व कर्मचारियों ने एकजुट होकर पेंशन योजना का विरोध किया। उधर जमशेदपुर में भी नेशनल मूवमेंट फाॅर ओल्ड पेंशन स्कीम के आह्वान पर सरकारी कर्मियों ने काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन किया।
घाटशिला (संवाद सहयोगी) : पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित घाटशिला अनुमंडल के मउभंडार फुटबॉल मैदान में मंगलवार की देर शाम सरकारी स्कूल के शिक्षकों व कर्मचारियों ने एकजुट होकर पेंशन योजना का विरोध किया।
दरअसल, एक दिसंबर 2004 को केंद्र व राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को समाप्त कर नई पेंशन योजना लागू की थी। दरअसल नई पेंशन योजना को भविष्य निधि में कर्मचारी के अंशदान पर आधारित बना दिया गया है, जबकि पहले सरकार इसके लिए अंशदान करती थी। अब सरकार पेंशन के दायित्व से मुक्त हो गई है। यही नहीं, कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद भी 60 फीसद राशि ही निकाल सकता है।लिहाजा एक दिसंबर को काला दिवस बताते हुए जिले भर में सरकारी कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें केंद्र व राज्य सरकार से पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग रखी। शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन किया।
इस मौके पर बसंत कुमार लाला, राजकुमार रोशन, सुजीत कुमार कर्ण, अरुण कुमार चंद्र, प्रदीप कुमार महतो, तपन कुमार चंद्र, कंचन मांझी,विश्वदेव घोष, परिमल मंडल, आलोक महतो, गंगाधर महतो, संजय दास, राजकुमार मंडल, संजय, माधव चंद्र दास, सुबोध कुमार मंडल, चंचल, राजू पूरी, धनंजय कुमार, दिनेश कुमार, सुरेंद्र प्रसाद, परीक्षित महतो आदि शामिल थे।
उधर, जमशेदपुर में भी नेशनल मूवमेंट फाॅर ओल्ड पेंशन स्कीम के आह्वान पर सरकारी कर्मियों ने काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन किया। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले पूर्वी सिंहभूम जिले में संघ के शिक्षक इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए, जिसमें वरिष्ठ शिक्षक नेता सुनील कुमार, जिला अध्यक्ष श्याम नंदन सिंह, जिला महासचिव शिवशंकर पोलाई, जिला संगठन मंत्री सुनील कुमार यादव आदि ने कहा एक दिसंबर 2004 में नई पेंशन स्कीम को लागू करने संबंधी सरकार के फैसले को काला दिन बताते हुए नई पेंशन स्कीम को वापस लेते हुए शीघ्र सभी कर्मचारियों-शिक्षकों को पूर्व की भांति पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देने की मांग सरकार से की गई है। इस संबंध में झारखंड सरकार को चुनाव के पूर्व किए गए अपने वादे को याद दिलाते हुए सुनील कुमार ने कहा कि झारखंड सरकार को भी पुरानी पेंशन लागू करने हेतु अपने वादे के मुताबिक कर्मचारी व शिक्षक हित में सक्रिय पहल करने की आवश्यकता है।