Weekly News Roundup Jamshedpur : सरयू की तर्ज पर बन्ना भी पश्चिमी के बने मंत्री, पढ़िए सियासी दुनिया की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup. जिस तरह से सरयू राय खाद्य आपूर्ति रहते हुए अधिकारियों के साथ जमशेदपुर पश्चिमी के विकास व सुविधाओं पर बातें करते थे उसी तरह बन्ना गुप्ता भी कर रहे।
जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा। Weekly News Roundup Jamshedpur जिस तरह से सरयू राय खाद्य आपूर्ति रहते हुए अधिकारियों के साथ जमशेदपुर पश्चिमी के विकास व सुविधाओं पर बातें करते थे, उसी तरह बन्ना गुप्ता भी कर रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने मंत्री की हैसियत से परिसदन में अधिकारियों की बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने अक्षेस से जमशेदपुर पश्चिमी में नाली, सड़क, सफाई देखने को कहा।
आपूर्ति पदाधिकारी से राशन कार्ड बनाने को कहा, तो सिविल सर्जन से अपने क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं देखने को कहा। इससे सरयू राय के कार्यकाल की याद ताजा हो गई। यह अलग बात है कि सरयू के बुलावे पर भी कई बार अधिकारी बैठक में नहीं आते थे। आ भी गए, तो एक कान से ही सुनते थे। थानेदार भी फोन नहीं उठाते थे। वैसे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी जमशेदपुर पूर्वी का मुख्यमंत्री कहा जाने लगा था। खैर मंत्री के नाते भी जमशेदपुर पश्चिमी क्षेत्र सुधर जाए तो छोटी बात नहीं होगी।
कमल के लिए कल लगाएंगे गोता
भगवान श्रीराम ने भी 14 वर्ष का वनवास काटा था। झारखंड विकास मोर्चा के लिए भी भाजपा से इतने ही वर्ष का अलगाव रहा। अब कल झाविमो से हजारों कार्यकर्ता श्रीराम की तरह अयोध्या ना सही रांची में घर-वापसी करेंगे। कंघी छोड़कर कमल पकड़ेंगे। कमल तो तालाब में ही मिलता है, लेकिन झाविमो कमल पाने के लिए समुंदर में गोता लगाने जा रहा है। इसके साथ ही इस बात के कयास लगने शुरू हो गए हैं कि झाविमो के प्रधान महासचिव अभय सिंह और महानगर अध्यक्ष बबुआ सिंह की भाजपा में क्या भूमिका होगी। झाविमो वैसे भी जमशेदपुर में ही नजर आता है। वह भी अभय सिंह की बदौलत। इनके एक पूर्व नेता धर्मेंद्र प्रसाद कांग्रेस के रास्ते भाजपा में आ चुके हैं। कई भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता भाजमो में जा चुके हैं। इस विलय के बाद भाजमो में और भीड़ बढ़ सकती है, यह बात भी आ रही है।
सरयू ने दोहराया खेत का पानी...
झारखंड सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में नारा दिया था 'खेत का पानी खेत...गांव का पानी गांव...'। तब जल संरक्षण के लिए दिए गए इस नारे की खूब खिल्ली उड़ी थी, क्योंकि बारिश ही नहीं हुई। जिला प्रशासन ने ताबड़तोड़ हजारों ट्रेंच खोद डाले थे, वे सूखी मिट्टी और कचरे से ही भर गए। इसके जवाब में झारखंडी कहने लगे थे, भगवान ने भी ठान लिया है 'आसमान का पानी....'। अब लोग इस नारे को भूल चुके थे, लेकिन सरयू राय ने याद ताजा करा दी। पिछले दिनों पर्यावरणविद् सरयू राय भोपाल गए थे। वहां इन्होंने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय जल अधिवेशन में कहा कि यदि खेत का पानी खेत में रह जाए, तो जलसंकट का समाधान हो सकता है। उस वक्त लोग कहने लगे, इसका मतलब रघुवर दास ने भी सही नारा दिया था! बस उनकी टाइमिंग खराब थी।
भाजमो से भाजपा में ही भ्रम
आज से 14 वर्ष पहले भाजपा के ही लोगों ने झाविमो नामक घर बना लिया था। अब उसका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, लेकिन इतिहास खुद को मरने नहीं देता है। इसके अवसान से पहले भाजपा के लोगों ने ही छोटा ही सही भाजमो नामक अलग कुनबा बना लिया है। इससे आम लोगों की कौन कहे, भाजपा में ही भ्रम की स्थिति है। वही लोग जो कल तक साथ थे, कमल पकड़े हुए इतराते थे, आज भाजमो में हैं। इसके शुरू के दो अक्षर भी समान हैं, बस अंत वाला 'पा' की जगह 'मो' हो गया है। इसके उदय के साथ ही यह चर्चा शुरू हो गई है कि भाजमो की आयु भी 14 वर्ष होगी या इसमें कम-ज्यादा की गुंजाइश है। भाजमो में गए लोगों ने भाजपा की परंपरा-संस्कृति नहीं छोड़ी है। इन्होंने भी पं. दीनदयाल की स्मृति में रक्तदान किया। पुलवामा के शहीदों को भाजपा की तरह याद किया।