Weekly News Roundup Jamshedpur : खेल-खेल में अवसाद से निकालिए बाहर,पढ़िए खेल जगत की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur. इस अनोखी पहल से क्वारंटाइन में रहने वाले लोग अवसाद से बाहर निकल सकेंगे। बैडमिंटन टेनिस को भी प्रोत्साहित किया जा सकता है।
जमशेदपुर, जितेंद्र सिंह। जमशेदपुर शहर में लगभग 200 से अधिक सरकारी क्वारंटाइन सेंटर प्रस्तावित हैं, लेकिन कोरोना संदिग्धों की संख्या देखते हुए फिलहाल 28 सेंटर ही चल रहे हैं। इनमें लगभग शहर से बाहर के आठ सौ लोगों को रखा गया है। इन बेचारों की दिक्कत यह है कि ना दिन कट रहे ना रात।
हालांकि खाने-पीने की कोई दिक्कत नहीं, लेकिन कुछ काम नहीं होने के कारण अब उनपर अवसाद हावी हो रहा है। जिला प्रशासन को चाहिए कि क्वारंटाइन सेंटर में ऐसे खेलों को प्रोत्साहित करे, जिसमें शारीरिक दूरी का पालन हो सके। इस अनोखी पहल से क्वारंटाइन में रहने वाले लोग अवसाद से बाहर निकल सकेंगे। बैडमिंटन, टेनिस को भी प्रोत्साहित किया जा सकता है। पिट्टो ऐसा ही एक खेेल है। इसमें एक बॉल होती है, और सात चपटे पत्थर एक के ऊपर एक रखा जाता है। इसे बॉल से गिराया जाता है। सिर्फ एक गेंद तो उपलब्ध कराना है।
फोकट का चंदन, घस रघुनंदन
कहते हैं, राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट। कुछ ऐसा ही हो रहा सरकारी राशन लेने के लिए। जहां भी चले जाइए, महंगा स्मार्टफोन व महंगी बाइक लगा राशन लेने को कतार में हैं लोग। हालांकि यह सुविधा गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों के लिए है, लेकिन इन महाशय को देखकर कभी नहीं लगता कि ये गरीबी रेखा से नीचे का जीवन जी रहे हैं। मौके का फायदा उठाना इसी को कहते हैं। यही हाल बैंकों में भी देखने को मिला। जन-धन योजना गरीबों के लिए ही है। लेकिन जैसे ही केंद्र सरकार ने सभी के खाते में पैसे भेजे, लोग कतार में लग गए। हालांकि इसमें अधिकतर वैसे लोग ही थे, जो गरीब हैं, लेकिन एकाध ऐसे भी देखने को मिले, जिनका सूट-बूट देख कहीं से भी नहीं लगा कि उन्हें जन-धन योजना की जरूरत है। तभी तो किसी ने कहा है-फोकट का चंदन, घस रघुनंदन।
जेएफसी में जुगत भिड़ा रहे खिलाड़ी
कल तक जमशेदपुर एफसी को छोड़ किसी और क्लब का दामन थामने की कोशिश कर रहे खिलाड़ी आज मेन ऑफ स्टील में ही बने रहने की जुगत लगा रहे हैं। चाहे वो स्पेनिश खिलाड़ी पिटी हो या फिर ब्राजीलियाई मिडफील्डर मेमो हो, सभी आजकल जमशेदपुर एफसी के समर्थन में हर दिन पोस्ट कर रहे हैं। अपरोक्ष रूप से क्लब को मिन्नत कर रहे हैं कि किसी तरह इस सीजन में रख ले, लेकिन क्लबों की भी हालत खराब है। इंडियन सुपर लीग अक्टूबर में ही शुरू हो जाता है, लेकिन सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार ने सभी क्लबों से कहा है कि अक्टूबर तक विदेशी उड़ान सामान्य होने की संभावना कम है। ऐसे में टीम अगले सीजन के लिए न तो खिलाड़ी को अनुबंध कर पा रहे हैं और ना ही कोच को। जेएफसी में अधिकतर स्पेनिश खिलाड़ी है और स्पेन कोरोना संक्रमित देशों में टॉप थ्री पर है।
तो आइएसएल से पहले होगा आइपीएल
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण दुनिया भर की खेल गतिविधियां बंद है। भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआइ) ने भी इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। यदि देश में जुलाई तक महामारी कम हो जाती है तो फिर दिसंबर में इंडियन सुपर लीग (आइएसएल) के बजाय आइपीएल होगा। दोनों ही लीग का सबसे बड़ा स्टेकहोल्डर स्टार स्पोट्र्स है। जेएफसी सूत्रों के अनुसार, यदि दोनों में से किसी एक का पहले आयोजन कराना होगा तो स्टार स्पोट्र्स आइपीएल को प्राथमिकता देगी। उधर, इंडियन सुपर लीग को भी टू टायर करने पर विचार किया जा रहा है। दूसरे टायर में आइ लीग की टीमों को शामिल किया जाएगा। विश्व के अन्य फुटबॉल लीग की तरह यहां भी रेलीगेशन की व्यवस्था होगी। इसके लिए ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआइएफएफ) आइ लीग की टीमों को मनाने का प्रयास कर रहा है। यह तो वक्त बताएगा कि वह कितना सफल होंगे।