Weekly News Roundup Jamshedpur: मथुरा का हाल भी भूल गया झामुमो, पढ़िए सियासी जगत की अंदरूनी खबर
झामुमो को मथुरा महतो के कोरोना होने से कोई फर्क नहीं पड़ा। उनकी हालत इतनी गंभीर हो गई कि धनबाद से आनन-फानन में जमशेदपुर लाया गया।
जमशेदपुर (दिलीप कुमार)। siyasi adda झारखंड सरकार के पूर्व कृषि मंत्री व टुंडी क्षेत्र के विधायक मथुरा महतो को कोरोना हो गया। सेलेब्रिटी को कोरोना होना कितना महत्व रखता है, बच्चन परिवार इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। अमिताभ व ऐश्वर्या बच्चन को कोरोना होते ही देश की सारी समस्या खत्म हो गई। कम से कम टीवी देखने से तो ऐसा ही पता चलता है।
लेकिन झामुमो को मथुरा महतो के कोरोना होने से कोई फर्क नहीं पड़ा। उनकी हालत इतनी गंभीर हो गई कि धनबाद से आनन-फानन जमशेदपुर लाया गया, लेकिन अब तक उनकी सुध लेने कोई कार्यकर्ता या नेता नहीं गया। अगले दिन पूछने पर एक कार्यकर्ता ने कहा कि टीएमएच में घुसने ही नहीं देता है, तो कैसे जानेंगे। कोविड वार्ड में तो परिंदा भी पर नहीं मार सकता। पिछले दिनों मानगो का एक लड़का कोविड वार्ड से भागकर घर आ गया था, घर के 18 लोग केस खा गए। बाप रे बाप, कौन जाएगा कोविड वार्ड में। मथुरा जी ठीक हैं।
कांग्रेस का एक युग समाप्त हो गया
लगता है कि अवतार सिंह तारी के निधन से कांग्रेस पार्टी का एक युग समाप्त हो गया। क्योंकि तारी के घर श्रद्धांजलि देने के बाद से कांग्रेस पार्टी का कोई कार्यकर्ता कहीं नजर नहीं आया। ना कोई बयान आ रहा है, ना उनके दर्शन हो रहे हैं। विधानसभा चुनाव फतह करने के बाद लगता है कि जमशेदपुर के सभी कांग्रेसी घोड़ा बेचकर सो गए हैं। बीच-बीच में इंटक वाले ही हलचल मचा देते हैं। पहले राकेश्वर पांडेय के साथ दो-दो हाथ करने स्व. राजेंद्र सिंह के सुपुत्र अनूप सिंह आ गए थे। कुछ दिन हलचल मची, फिर शांत होने के बाद रघुनाथ पांडेय को बधाई मिलने लगी। मेटल फेडरेशन पर उनका दोबारा कब्जा जो हो गया। यह फेडरेशन उन्हीं के लिए बना ही है, ऐसा लगता है। बाकी मुख्यधारा के कांग्रेसियों को ना बधाई मिल रही है, ना ङ्क्षनदा या आलोचना। ऐसा लग रहा है कि वे यहां ही नहीं।
मंडल-मंडल कमंडल लेकर घूम रहे देवेंद्र
भाजपा के पहले जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष रहे देवेंद्र सिंह लंबे समय तक शहर की राजनीति से दूर रहे। जब पिछले विधानसभा चुनाव में इनके साथ चमत्कार हुआ तो इन्हें भी राजनीति रास आने लगी। अब जिलाध्यक्ष का चुनाव होने के बाद से ये मंडल-मंडल कमंडल लेकर घूम रहे हैं। अब तो मंडल कमेटियों का ही गठन होना है, सो जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र में अपने चहेतों को कमान सौंपना चाह रहे हैं। खास बात यह है कि ये जिस मंडल में जा रहे हैं, वहां के वर्तमान अध्यक्ष को भनक नहीं लगने दे रहे हैं। जिलाध्यक्ष गुंजन यादव ने भी इन्हें अपनी टीम चुनने का अधिकार दे दिया है, ऐसा बताया जाता है। बस देरी किस बात की। साढ़े चार साल तक इनके पास राजनीति में नई पहचान बनाने का भरपूर अवसर है। हालांकि इनकी गतिविधियों को देखते हुए कुछ लोग अपने लोकल आलाकमान तक ठेक लगाने लगे हैं।
तुमको हमारी उमर लग जाए
हाल के दो दिन में शहर की दो महान हस्तियों का जन्मदिन मनाया गया। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय का जन्मदिन 16 जुलाई को, तो जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक व झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश उर्फ बन्ना गुप्ता का जन्मदिन 17 को मनाया गया। ऐसा सौभाग्य शहरवासियों को पहली बार मिला, क्योंकि इससे पहले कभी दोनों एक साथ विधायक नहीं बने। एक ही क्षेत्र में नूरा-कुश्ती चलती थी। इसी में दोनों का संबंध चाचा-भतीजा का हो गया। इस बार भी चाचा के जन्मदिन पर भतीजे ने ऐसा ट्वीट किया, मानो कह रहे हों ...तुमको हमारी उमर लग जाए। बहरहाल जब भतीजे का जन्मदिन आया तो चाचा भी नहीं चूके। बन्ना जी के कुछ समर्थकों ने कदमा के जयप्रकाश नगर में ऐसा जन्मदिन मनाया, मानों सचमुच वे खुद को कोरोना के कुर्बान कर रहे हों। केक खाने की ललक में शारीरिक दूरी का जरा भी ख्याल नहीं रखा।