Move to Jagran APP

Weekly News Roundup Jamshedpur : साहेब हमें वापस बुला लीजिए,पढ़ि‍ए शिक्षा जगत की अंदरूनी खबर

Weekly News Roundup Jamshedpur.जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में विभिन्न विद्यालयों में पदस्थापित क्लर्क इन दिनों साहेब के आस-पास दिखाई पड़ते हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 09:37 AM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 09:22 AM (IST)
Weekly News Roundup Jamshedpur : साहेब हमें वापस बुला लीजिए,पढ़ि‍ए शिक्षा जगत की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur : साहेब हमें वापस बुला लीजिए,पढ़ि‍ए शिक्षा जगत की अंदरूनी खबर

जमशेदपुर, वेंकटेश्‍वर राव। जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में विभिन्न विद्यालयों में पदस्थापित क्लर्क इन दिनों साहेब के आस-पास दिखाई पड़ते हैं। वे कुछ न कुछ कार्य के बहाने विद्यालयों से आकर जिला शिक्षा विभाग के कार्यों को बड़ी तन्मयता से कर रहे हैं। ये क्लर्क साहेब से विनती कर रहे हैं कि हमें विद्यालयों से वापस बुला लीजिए। वे लगातार अपने साहेब की गणेश परिक्रमा कर रहे हैं। देखिए इनकी किस्मत कब खुलती है। 

loksabha election banner

इन क्लर्कों को एक साल पूर्व क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक ने स्थानांतरित कर दिया। उनकी जगह नए क्लर्को को पदस्थापित किया गया, लेकिन नए क्लर्को को फाइलों में इतना उलझा दिया गया कि उनसे काम भी सही से नहीं हो रहा है। इस कारण लगभग प्रत्येक कार्य में पुराने क्लर्को की आवश्यकता हो रही है और वे इसी का फायदा उठा रहे हैं। यहां तक के ये क्लर्क वर्तमान जिला शिक्षा पदाधिकारी को सुझाव भी देने लगे हैं।

किसने देखा बेटी ने परीक्षा दी

जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज नेऑनलाइन फाइनल सेमेस्टर का परीक्षाओं का समापन तो कर लिया है, लेकिन कॉलेज के कर्मियों व शिक्षकों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि बेटी ने परीक्षा दे दी यह किसने देखा। छात्रा जमशेदपुर में है या नहीं यह भी नहीं मालूम। कई छात्राएं ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपने मम्मी -पापा को परीक्षा देने के लिए कह दिया। जब इस तरह की परीक्षा हो ही गई तो मूल्यांकन के लिए सारे शिक्षकों एवं कर्मियों को कॉलेज में बुलाने का क्या मतलब। यह कार्य भी घर से हो सकता। कॉलेज के सभी कर्मियों एवं शिक्षकों को इस कार्य के लिए कॉलेज आना अनिवार्य किया गया। मैडम के सामने तो कोई कुछ नहीं बोल रहा, लेकिन बाहर निकलते ही इनकी फसफुसाहट चालू हो जाती है। वर्तमान में यूजीसी के गाइडलाइन के अनुसार 30 सितंबर तक कॉलेज में सभी कर्मचारियों को शिक्षकों को नहीं बुलाया जाना है।

ट्रांसफर का खेल

जिला शिक्षा विभाग द्वारा विगत दिनों 76 शिक्षकों का ट्रांसफर कर दिया गया। ये वहीं शिक्षक है, जिनके तबादलें पर प्राथमिक शिक्षा निदेशक व हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी। निदेशक के आदेश के बाद इसकी जांच जिला शिक्षा पदाधिकारी ने की थी। जिला शिक्षा पदाधिकारी की जांच रिपोर्ट में 89 शिक्षकों की तबादला सूची को नियम संगत नहीं बताते हुए मात्र 6 शिक्षकों को स्थानांतरण को सही माना था। वर्तमान में हुए स्थानांतरण से एक बार फिर इस ट्रांसफर खेल की चर्चा प्रारंभ हो गई। दरअसल, इस कार्य में निपुण क्लर्क व दो शिक्षकों ने ऐसा नियम ढूंढ निकाला कि जिला शिक्षा अधीक्षक हाईकोर्ट में लंबित पड़े लगभग सभी मामलों के शिक्षकों का स्थानांतरण कर दिया। अब इस खेल में कौन मालामाल हुए यह तो शिक्षा विभाग जाने से ही पता चल जाता है। इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग में रोज कानाफुसी हो रही है। इसकी शिकायत शिक्षा मंत्री तक पहुंच चुकी है।

डॉ. आशा और केयू की आंखमिचौनी

चाईबासा महिला कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल डॉ. आशा मिश्रा और कोल्हान विश्वविद्यालय की आखमिचौनी लगातार जारी है। डॉ. आशा मिश्रा की जन्म तिथि को लेकर उठे विवाद के बाद केयू ने उन्हें प्रिंसिपल पद से तो हटा दिया, लेकिन उनको सेवानिवृत्ति देने में विवि कतारा रहा है। यह शिक्षिका बार-बार जन्म प्रमाण पत्र के लिए समय मांग रही है और विवि उन्हें समय दे रहा है। लगभग आठ माह होने को हैं, उन्होंने जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित अपना साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है। विश्वविद्यालय और डॉ. आशा के बीच आंख मिचौनी लगातार जारी है। अब विश्वविद्यालय के अन्य पदाधिकारी व कर्मचारी भी इसके आदी हो चुके हैं। डॉ. आशा का आवेदन आते ही कुलपति सर से पूछते हैं और कितने दिनों का समय दिया जाए सर। बस समय मिल जाता है। मालूम हो कि डॉ. आशा की सेवा पुस्तिका में अंकित दो-दो जन्म तिथि का साक्ष्य उनके पास नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.