Campus Watch : हम है बॉस...पढिए शिक्षा जगत की अंदरूनी खबर
Campus Watch विग स्कूल अभी भी ऑफलाइन क्लास ही करवा रहा है। ये स्कूल अपने आप में बॉस में बने हुए हैं। अपने रूल्स रेगुलेशन के हिसाब से चल रहे हैं। शिक्षकों के साथ-साथ छात्र भी परेशान हो रहे हैं।
जमशेदपुर, वेंकेटेश्वर राव। कोविड के भयानक रूप के कारण शिक्षा प्रतिष्ठान पठन-पाठन के लिए पूर्णत: बंद हो गए हैं, लेकिन शिक्षा निकेतन, विग इंग्लिश स्कूल समेत कई स्कूल अपने शिक्षक-शिक्षिकाओं को स्कूल में बुलाकर ही ऑनलाइन क्लास करवा रहे हैं, जो घर में रहकर भी हो सकता था। विग इंग्लिश स्कूल ने तो हद ही पार कर दी।
यहां दसवीं कक्षा का ऑफलाइन क्लास हो रहा है। अल्टरनेट डे पर बच्चों को ऑफलाइन क्लास के लिए आना पड़ रहा है। सरकार का स्पष्ट दिशा निर्देश है कि सिर्फ बोर्ड परीक्षाओं को छोड़कर किसी तरह की कोई ऑफलाइन क्लास नहीं होगा। ऑनलाइन क्लास को ही बढ़ावा दिया जाए, लेकिन विग स्कूल अभी भी ऑफलाइन क्लास ही करवा रहा है। ये स्कूल अपने आप में बॉस में बने हुए हैं। वे अपने रूल्स रेगुलेशन के हिसाब से चल रहे हैं। शिक्षकों के साथ-साथ छात्र भी परेशान हो रहे हैं। सुबह स्कूल जा रहे हैं और दोपहर एक बजे छुट्टी हो रही है।
ई हमको नहीं समझ में आता
जिला शिक्षा विभाग के कई कर्मचारियों को जब कार्य दिया जाता है तो वे अपने साहेब को जवाब देते हैं कि ई हमको नहीं समझ में आता। बेचारे पदाधिकारी भी कर्मचारियों से परेशान हैं। कोई काम बोलो हो रही है। इस कारण पुराने कर्मचारियों को स्कूल से बुलाकर काम लेना पड़ रहा है। स्कूल से आने वाले कर्मचारी दो-दो जगह काम कर परेशान हो रहे हैं। वे पहले स्कूल जाते हैं और फिर वहां पंच लगाकर जिला शिक्षा विभाग के कार्यालय में आते हैं। साहेब भी बेचारे क्या करें बड़ा बाबू तक अपनी हाथ खींच लेते हैं। साहेब का आदेश होता है कि कर्मचारी जल्दी कार्य सीख लें, लेकिन कार्यालय में पदस्थापन के एक वर्ष बीत गए कोई कार्य करने में ही रुचि नहीं ले रहा है। फाइलें अपडेट नहीं हो पा रही है। इस कारण पदाधिकारी भी रूठ जाते हैं। पदाधिकारी को मनाने के लिए सारे जतन ये कर्मचारी कर रहे हैं।
विभाग को चढ़ावे का इंतजार
अल्पसंख्यक स्कूल के शिक्षकों की नियुक्ति को वैद्य ठहराते हुए उनकी संपुष्टि कर दी गई, लेकिन अभी तक इन शिक्षकों को स्कूलों में योगदान करने नहीं दिया गया। इस संबंध में स्कूल प्रबंधन समितियों का कहना है कि हमने विभाग के पत्र के बाद उन्हें स्कूल से हटा दिया था। फिर से इन शिक्षकों को लेने का आदेश तो विभाग को ही देना पड़ेगा। इस कारण पूर्वी सिंहभूम में भी अल्पसंख्यक स्कूलों के 71 शिक्षक रोजाना स्कूल व कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन स्थानीय विभाग भी क्या करें उन्हें भी उपर से कोई आदेश नहीं आया है। शायद विभाग को चढ़ावे का इंतजार है। उसके बाद ही स्थानीय स्तर पर उपर से कोई आदेश आ सकता है। स्कूल प्रबंधन समितियों का साफ कहना है कि हम इस पर कुछ नहीं कर सकते। विभाग को तो लिखित आदेश देना ही पड़ेगा। बेचारे शिक्षक बीच मंझधार में फंसे हुए है।
वीमेंस यूनिवर्सिटी के विज्ञापन पर हो रहा वाच
जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी के कुलपति, प्रति कुलपति, रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक के विज्ञापन पर कई लोगों की गिद्ध नजर टिकी हुई है। वे परेशान है कि काहे इस विज्ञापन को निकाले जाने में इतना विलंब हो रहा है। दरअसल इसमें से एक कुलपति पद के दावेदार की सेवानिवृत्ति जून माह में हो रही है। नियमत: सेवानिवृत्ति के एक माह पहले कुलपति पद के लिए आवेदन कर देना है। इस कारण उन्होंने सारा एप्रोच झोंक दिया है कि जल्द से जल्द जेपीएससी इस संबंध में विज्ञापन निकालें। अभी तक इस संबंध में कोई विज्ञापन नहीं प्रकाशित हुआ है। इस कारण उनकी बैचेनी बढ़ती दिख रही है। अन्य पदों के दावेदार भी अपने स्थानांतरण से पूर्व इन पदों पर आवेदन करना चाहते हैं। वीमेंस यूनिवर्सिटी में परीक्षा नियंत्रक व वित्त पदाधिकारी को लेकर सबसे ज्यादा घमासान मचने वाला है। इस पद को लेकर अब तक तीन-तीन लोग प्रमुख दावेदार हैं।