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हाथी के हमले दो भाइयों की मौत से चाईबासा के गांव में पसरा मातम, नहीं जले चूल्हे

पश्चिम सिंहभूम के कुमारडुंगी थाना क्षेत्र के रतनासाई जंगल में दो उग्र हाथियों ने बैल खोजने गए दो किसान को पत्थर पर पटक कर मार दिया। करीब 24 घंटे बाद जब दोनों के मृत होने की खबर गांव में फैली तो पूरा गांव गमहीन होकर रो पड़ा।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 05:54 PM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 08:03 PM (IST)
हाथी के हमले दो भाइयों की मौत से चाईबासा के गांव में पसरा मातम, नहीं जले चूल्हे
मृतकों के अंतिम दर्शन के लिए गांव में जमा हुए लोग।

कुमारडुंगी ( पश्चिम सिंहभूम), जासं। पश्चिम सिंहभूम के कुमारडुंगी थाना क्षेत्र अंतर्गत रतनासाई जंगल में दो उग्र हाथियों ने बैल खोजने गए दो किसान को पत्थर पर पटक कर मार दिया। करीब 24 घंटे बाद जब दोनों के मृत होने की खबर गांव में फैली तो पूरा गांव गमहीन होकर रो पड़ा। लोग दोनों के शव की एक झलक पाने के लिए काफी बेसब्र रहे।

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कोविड-19 के सारे नियम कानून तोड़कर भीड़ जम गइ। दोनों मृतक रत्नासाई गांव के ही ममेरे भाई थे। मृतक अमोस बागे रत्नासाई ग्रामीण मुंडा महेन्द्र बागे का बेटा था। साथ ही वन सुरक्षा समिति का अध्यक्ष भी था। मुंडा का भगीना मृतक खगेश बिरुवा रत्नासाई गांव क्षेत्र से जमशेदपुर जाने वाली दिव्या बस का चालक था। दोनों काफी मिलनसार थे। घटना के बारे में जब पुलिस प्रशासन व वन विभाग को जानकारी मिली तो ग्रामीणों के साथ खटिया लेकर 5 किलोमीटर जंगल के अंदर गए। दोनों के शव को ग्रामीणों, समाजसेवी व मजदूर नेता ने मिलकर खटिया पर ढोकर बाहर निकाला। शव के बाहर निकलते ही पूरा गांव रोते हुए जमा हो गया। खगेश की बेटी बेहोश हो गई। करीब आधा घंटा बाद शव को कुमारडुंगी थाना ले जाया गया। वहां से पुलिस प्रशासन ने दोनों शवों को अपने कब्जे में लेकर थाना ले गई। बुधवार को दोनों को पोस्टमार्टम के लिए चाईबासा सदर अस्पताल भेज दिया गया।

गांव के चहेते थे दोनों

हाथी के हमले में मृत दोनों युवक गांव के चहेते थे। दोनों की मौत पर पूरा गांव गमहीन रहा। मंगलवार शाम को किसी के घर में चूल्हा नहीं जला। बुधवार के दिन पोस्टमार्टम होने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। बुधवार को जन्म स्थान रत्नासाई में ही दोनों के शव का अंतिम संस्कार किया गया। मृतक खगेश बिरुवा की दो पत्नी है। बड़ी पत्नी गनोर बिरुवा की दो बेटी व एक बेटा है। वहीं दूसरी पत्नी जानो बिरुवा की एक बेटी व दो बेटे हैं। वह अपने पीछे छह बच्चे समेत दो पत्नी को छोड़ गया है। मृतक आमोश बागे के दो बेटे हैं। पत्नी अनिता बागे के साथ तीन लोगों को पीछे छोड़ गया है।


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