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Waterman of Jamshedpur : राजकुमार सिंह को आर्थिक तंगी के कारण छोड़नी पड़ी थी पढ़ाई, जन्मदिन पर पढ़ें वाटरमैन की कहानी

Waterman of Jamshedpur शांत व शालीन स्वभाव के राजकुमार सिंह को जमशेदपुर का हर शख्स जानता है। इनके विनम्र स्वभाव का हर कोई कायल है। वाटरमैन के नाम से मशहूर राजकुमार सिंह सामाजिक सरोकारों में हमेशा बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। जन्मदिन पर जानिए उनकी जिंदगी के अनछुए पल...

By Jitendra SinghEdited By: Published: Mon, 10 Jan 2022 07:30 AM (IST)Updated: Mon, 10 Jan 2022 07:30 AM (IST)
Waterman of Jamshedpur : राजकुमार सिंह को आर्थिक तंगी के कारण छोड़नी पड़ी थी पढ़ाई, जन्मदिन पर पढ़ें वाटरमैन की कहानी
Waterman of Jamshedpur : राजकुमार सिंह को आर्थिक तंगी के कारण छोड़नी पड़ी थी पढ़ाई

जमशेदपुर, जासं। कहते हैं, कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं होता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारों। दुष्यंत कुमार की यह कविता राजकुमार सिंह पर सटीक बैठती है। कभी आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। परिवार में 21 सदस्य, घर चलाना मुश्किल होता था। लेकिन जीवटता की मूर्ति राजकुमार सिंह ने हिम्मत नहीं हारी और संयुक्त परिवार की पूरी जिम्मेवारी निभाई। वाटरमैन के नाम से मशहूर यह शख्स आज भी मुफ्त में शहर के हर कोनों में पानी मुहैया कराता है।

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को-ऑपरेटिव कॉलेज से की इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई

परसुडीह के रहने वाले राजकुमार सिंह का जन्म 10 जनवरी 1974 में जमशेदपुर के टाटा मुख्य अस्पताल में हुआ था। उनकी शिक्षा दीक्षा आरडीटाटा सी यूनिट बर्मामाइंस से हुई। इस स्कूल से उन्होंने कक्षा सातवीं तक पढ़ाई की। इसके बाद बीपीएम उच्च विद्यालय बर्मामाइंस से मैट्रिक किया। बाद में जमशेदपुर को-आपरेटिव कालेज में इंटर में एडमिशन लिया। परिवार की आर्थिक स्थिति तथा संयुक्त परिवार की जिम्मेदारी के कारण वे स्नातक नहीं कर पाएं तथा उसके बाद से उन्होंने संयुक्त परिवार की पूरी जिम्मेदारी निभाई।

परिवार में कुल 21 सदस्य

उनके परिवार में कुल 21 सदस्य रहते हैं, जिनमें पांच भाइयों का परिवार शामिल हैं। इस परिवार के मुखिया राजकुमार सिंह हैं। उनके पिता का नाम स्व. रामअवतार सिंह और माता का नाम स्व. राजमुनी देवी है। उनकी शादी जमशेदपुर के कीताडीह निवासी पूनम सिंह से वर्ष 1997 में हुई थी। राजकुमार सिंह के दो बेटे हैं, दोनों उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। संयुक्त परिवार के मुखिया होने के बावजूद वे समाजसेवा के पर्याय बनें हैं। आज भी जरूरतमंद की मदद करते हैं। निश्शुल्क टैंकर से पानी उपलब्ध करवाते हैं।

वर्ष 1999 में बीजेपी से जुड़े

राजकुमार सिंह ने अपना राजनीतिक करियर 1999 से शुरू किया और यहीं सामाजिक जीवन की भी शरुआत हुई। शांत व शालीन स्वभाव के राजकुमार 1999 में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े। उसके बाद वे बर्मामाइंस मंडल अध्यक्ष बनें। बाद में वे प्रदेश युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष बने। उसके बाद प्रदेश की कार्यसमिति में भी रहें। वर्तमान में भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं।

वर्ष 2010 में जीता जिला परिषद का चुनाव

अपने निष्पक्ष स्वभाव के कारण उन्होंने जमशेदपुर जिला परिषद का चुनाव वर्ष 2010 में जीता था। इसके बाद उन्होंने पानी की समस्या को देखते हुए निजी खर्चे से तीन टैंकर की खरीद की और लोगों को टैंकर से पानी निश्शुल्क उपलब्ध कराया। वर्ष 2015 में जनता की फिर पसंद बनें और जिला परिषद का चुनाव फिर जीता। इस वर्ष वे जिला परिषद उपाध्यक्ष भी बनें। वर्तमान में पेयजल की किल्लत तो उनके क्षेत्र में नहीं है, लेकिन जहां भी पानी की समस्या होती है वे टैंकर से पानी भेजवा देते हैं।

दो दशक से अधिक समय से सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय

जिला परिषद उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने कहा कि वे पिछले दो दशक से अधिक समय से सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय हैं। लोगों ने उन्हें उम्मीद से ज्यादा प्यार दिया है। उनका प्यार, उम्मीद और भरोसा ही है, जिसकी बदौलत वे विगत 10 वर्षों से जिला परिषद में रिकॉर्ड वोटों से जीत दर्ज करते आये हैं, लेकिन उनका मानना है कि सोच व्यापक होनी चाहिए। किसी पद को पाने और उसे हमेशा बरकरार रखने की लालसा इंसान को स्वार्थी और लालची बना देती है।


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