डेकची व हंडी लेकर पहुंची महिलाएं, अफसरों से कहा हमें पानी दो
संवाद सूत्र, पटमदा (जमशेदपुर) : भीषण गर्मी में पेयजल भी मयस्सर नहीं। क्या होता होगा ग्रामीणों का। बर
संवाद सूत्र, पटमदा (जमशेदपुर) : भीषण गर्मी में पेयजल भी मयस्सर नहीं। क्या होता होगा ग्रामीणों का। बर्दाश्त से बाहर होने पर ग्रामीण महिलाएं डेकची, हंडी व बाल्टी लेकर अफसर के दरवाजे तक पहुंची। सिर्फ अफसरों से कहा हमें पानी दो। शुक्रवार को यही नजारा पटमदा प्रखंड कार्यालय में देखने को मिला। पूर्वी सिंहभूम के पटमदा प्रखंड के पटमदा बस्ती की सैकड़ो महिलाएं पानी की समस्या से त्रस्त होकर प्रखंड कार्यालय में विभिन्न तरह के पानी रखने की सामग्रियों को लेकर पहुंची और प्रदर्शन करने लगी। महिलाओं का कहना था कि सैकड़ो परिवार गांव के एक चापाकल पर ही निर्भर है। गांव के बाकी चापाकल खराब पड़े हैं। प्रखंड के करीब एक किमी की दुरी में स्थित है पटमदा बस्ती। इसके बावजूद यहां के अफसरों को इस बस्ती की समस्या का बिलकुल ध्यान नहीं है। जबकि अफसर गांव में मॉर्निग वाक करने जाते हैं। गांव की महिला संध्यारानी महतो का कहना है कि प्राय: चार-पांच महीने से गांव में पानी की भारी किल्लत है। मंदिरा महतो का कहना है कि एक कुंआ था जो करीब एक साल पहले भारी बारिश के कारण जमींदोज हो गया है। दुलीवाला महतो का कहना है कि 100 परिवार के लोग एकमात्र इसी चापाकल पर निर्भर है। रिंकु महतो का कहना है कि सुबह तीन बजे से ही महिलाएं सालो भर पानी भरने को उठकर चापाकल में लंबी कतार लगाकर पानी भरती है। दोपहर से रात दस बजे तक पानी भरने में चापाकल के सामने प्रत्येक घर का एक सदस्य अपनी बारी के आने का इंतजार करता है।