वेंडर डेवलपमेंट मीट में आदित्यपुर आएंगी डिफेंस-रेलवे की 20 कंपनियां, जानिए क्या है तैयारी
आदित्यपुर ऑटो कलस्टर में 19 व 20 दिसंबर को वेंडर डेवलपमेंट मीट होने जा रही है। इसमें डिफेंस और रेलवे की लगभग 20 कंपनियां शहर आएंगी।
जमशेदपुर [निर्मल प्रसाद]। झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मोमेंटम झारखंड के तहत आदित्यपुर ऑटो कलस्टर में 19 व 20 दिसंबर को वेंडर डेवलपमेंट मीट होने जा रही है। इसमें डिफेंस और रेलवे की लगभग 20 कंपनियां शहर आएंगी। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आदित्यपुर इंडस्टियल एरिया में संचालित कंपनियों को टाटा घराने के अलावा नई कंपनियों से काम दिलाना है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास आयोजक की भूमिका में रहेंगे वहीं, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण व रेल मंत्री पीयूष गोयल को भी आमंत्रण भेजा गया है।
आदित्यपुर इंडस्टियल एरिया में संचालित अधिकतर कंपनियां टाटा मोटर्स पर निर्भर हैं। वहीं, यहां से रेलवे को 10 और डिफेंस को मात्र तीन कंपनियां अपना माल बेचती हैं। दोनों क्षेत्रों में इनके व्यापार का अनुपात मात्र 0.50 प्रतिशत से भी कम है। ऐसे में इस आयोजन का उद्देश्य गर्वरमेंट टू बिजनेस मीट प्रोग्राम के तहत आयडा क्षेत्र में संचालित कंपनियों के व्यापार प्रतिशत को बढ़ाकर 10 से 15 प्रतिशत करना है।
प्रति वर्ष 1000 करोड़ का व्यापार होने की उम्मीद
आयोजन समिति का अनुमान है कि इस कार्यक्रम से आयडा को प्रतिवर्ष 1000 करोड़ से ज्यादा का व्यापार मिलेगा। आयोजन समिति के सदस्य बताते हैं कि केंद्र सरकार की नई नीति के तहत अगर विदेश से आयातित माल से भारतीय कंपनियों द्वारा उत्पादित माल की कीमत 10-15 प्रतिशत अधिक भी है तो भी सरकार रियायत देकर स्वेदशी कंपनियों से माल खरीदेगी। ऐसे में यह कार्यक्रम आयडा में संचालित कंपनियों के लिए सुनहरा अवसर लेकर आ रही है। झारखंड सरकार की ओर से कोल्हान में इतना बड़ा आयोजन हो रहा है जिसमें डिफेंस व रेलवे की कंपनियां इतनी बड़ी संख्या में आ रही हैं।
टाटा के कारण क्वालिटी अच्छी
आयोजन समिति के सदस्यों का कहना है कि आयडा की अधिकतर कंपनियां टाटा मोटर्स सहित टाटा समूह की कई कंपनियों को माल सप्लाई करती है। इसके कारण इनके माल की क्वालिटी काफी अच्छी है। ऐसे में संबधित कंपनियों से डिफेंस व रेलवे को काम मिलने में आसानी होगी।
उद्योग निदेशक व उपायुक्त ने किया था दौरा
बीते रविवार को उद्योग निदेशक के रवि कुमार और पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त अमित कुमार ने ऑटो कलस्टर का दौरा किया था। इस दौरान उद्योग निदेशक ने लगभग छह घंटों तक आयोजन समिति के सदस्यों से जानकारी ली। साथ ही यह सुनिश्चित किया कि वे सिर्फ आयोजन की सफलता पर ध्यान केंद्रित करें। अतिथियों के आगमन, उनके ठहरने व अन्य व्यवस्था झारखंड सरकार स्वयं करेगी।
क्या होगा क्लस्टर मीट में
-ऑटो कलस्टर में लगेंगे 150 स्टॉल।
-60 स्टॉल हो चुके हैं बुक।
-आयोजन में शामिल होने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा।
-उत्पादन कंपनियां, सप्लायर, खरीदार व स्टार्टअप कंपनियां भी होंगी इसमें शामिल।
-पीएसयू कंपनियां देंगी अपनी प्रस्तुति। स्थानीय कंपनियों को बताएंगे कि वे कैसे जुड़ सकते हैं उनके साथ।
-आइएसओ के डीजी, रेलवे से जीएम व एजीएम रैंक व डिफेंस से जनरल स्तर के अधिकारियों के आने की भी है उम्मीद।
-आयोजन का सीधा प्रसारण करने की हो रही है तैयारी।
-ऑटो कलस्टर में एक साथ 1200 अतिथियों के बैठने की रहेगी व्यवस्था। ऊपर व नीचे वाले दोनो सभागार में होंगे आयोजन।
डिफेंस से आनेवाली कंपनियां
आर्डिनेंस इक्वीपमेंट फैक्ट्री बोर्ड (ओइएफबी)
भारतीय सेना को आयुध की सप्लाई इस बोर्ड की अनुशंसा पर होती है। हालांकि यहां गोला-बारूद के बजाय इंजीनियरिंग सेक्टर पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। जिसके तहत हथियार निर्माण के लिए उपयोग में आने वाले स्प्रिंग, नली सहित अन्य सामान शामिल हैं।
हैवी व्हेकिल फैक्ट्री (एचबीएफ)
चेन्नई के अवडी स्थित उक्त कंपनी डिफेंस के लिए मिसाइल लाउंचर से लेकर थल सेना के लिए कई तरह के भारी वाहन का निर्माण करती है।
व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर (वीएसजे)
भारतीय सेना के लिए ये कंपनी एलपीटीए पर 2 केएल वाटर बाउजर, स्टेलियन पर 5 केएल वाटर बाउजर, सुरंग निरोधी वाहन और वाहनों पर बुलेट प्रूफिंग का काम करती है।
राइफल फैक्ट्री इच्छापुर (आरएफआइ)
रक्षा विभाग के लिए यह कंपनी हथियारों का निर्माण करती है। इन्हें मशीनी पार्ट्स सहित कई तरह के सामानों की जरूरत होगी।
आर्डिनेंस फैक्ट्री कमरिया
मध्य प्रदेश की ये कंपनी थल, भारतीय सेना के लिए पिस्टल, कर्बाइन, एल-70 गन, टी-72 गन, आइसीवी बीएमपी-2 गन सहित सब मरीन के लिए कई तरह के हथियार, आयुध व मशीनी उपकरण बनाती है।
रेलवे से आनेवाली कंपनियां
रेलवे डिजाइन एंड सेनेटाइजेशन आर्गनाइजेशन (आरडीएसओ)
लखनऊ मुख्यालय वाली उक्त कंपनी रेलवे के डिब्बों के सुंदरीकरण, ट्रैक, वैगन के अलावे सेफ्टी से संबधित सामानों का निर्माण करती है।
डीजल लोकोमोटिव वर्क्स वाराणसी, चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स
ये दोनों कंपनियां रेलवे के लिए डीजल इंजन का निर्माण करती हैं। इन्हें भी इंजीनियरिंग पार्ट्स से संबधित कई सामानों की आवश्यकता होगी।
राइट्स : रेलवे को नट, बोल्ट, वाशर समेत कोच में लगने वाले लगभग दस हजार से ज्यादा सामानों की सप्लाई राइट्स के माध्यम से होती है। राइट्स ही किसी भी कंपनी के माल, उसकी गुणवत्ता और टिकाऊपन की जांच कर उसे सेफ्टी के लिहाज से अनुमति देती है।
भारत अर्थ मूवर्स प्रा. लि. बेंगलुरू (बीइएम)
रेलवे के लिए कोच के अलावे डिफेंस के लिए भारी हथियार व मिसाइल को लाने व ले जाने के लिए 70 चक्कों वाले ट्रकों का निर्माण करती है।
इंट्रीगेटेड कोच फैक्ट्री चेन्नई
दुनिया में सबसे बड़ी कोच फैक्ट्री। जिन्हें इंजीनियरिंग से संबधित कई सामानों की आवश्यकता होगी। ईस्टर्न रेलवे, साउथ ईस्टर्न रेलवे, ईस्टर्न कोस्ट रेलवे, साउथ ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे भी इस आयोजन में शामिल होने आ रही है।
प्राइवेट कंपनी भी होगी शामिल
इस आयोजन में कोलकाता में वैगन निर्माता कंपनी टेक्समेको, पटना की जनरल इलेक्ट्रानिक्स और हंिदूुस्तान इंजीनियरिंग इंडस्ट्री लि. नई दिल्ली भी शामिल होंगी।
ऑनस्पॉट रजिस्ट्रेशन का मिलेगा फायदा
इस कार्यक्रम के आकर्षण का मुख्य केंद्र होगा संबधित कंपनियों को ऑनस्पॉट रजिस्ट्रेशन का फायदा मिलेगा। यहां डिफेंस और रेलवे के लिए काम करने वाली कंपनियां आ रही हैं। उन्हें किस गुणवत्ता वाली कौन-कौन से माल चाहिए? वह माल, संबधित माल का ड्राइंग साथ लेकर आएगी। यहां के उद्यमियों का माल अगर संबधित कंपनियों को पसंद आ गई तो उन्हें तत्काल माल सप्लाई के लिए उनका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा।