Ved Pathshala : झारखंड के इस मंदिर में खुलने जा रही वेद पाठशाला, जानें क्या होगी खासियत
झारखंड के किसी मंदिर में इस तरह का काम नहीं हुआ जो जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित राम मंदिर में होगा। यहां मंदिर कमेटी मंदिर परिसर में ही वेद पाठशाला खोलने जा रही है। इसके साथ ही शादी-ब्याह के लिए कुंडली मिलान से लेकर जन्मपत्री तक बनाई जाएगी।
जमशेदपुर, जासं। अब तक झारखंड के किसी मंदिर में इस तरह का काम नहीं हुआ, जो जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित राम मंदिर में होगा। यहां मंदिर कमेटी मंदिर परिसर में ही वेद पाठशाला खोलने जा रही है। इसके साथ ही शादी-ब्याह के लिए कुंडली मिलान से लेकर जन्मपत्री तक बनाई जाएगी। इसके लिए लोग जहां-तहां भटकते हैं। यह निर्णय बिष्टुपुर स्थित आंध्रभक्त श्रीराम मंदिरम कमेटी की कार्यकारिणी समिति ने लिया।
कमेटी का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है, जिसमें इसके दो वर्ष पूरे हो गए हैं। चूंकि कोरोना की वजह से मंदिर में श्रद्धालुओं, भक्तों-सदस्यों का प्रवेश नहीं हो रहा था, इसलिए कमेटी ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन कर दो वर्ष की उपलब्धियां गिनाईं। इसके साथ ही वेद पाठशाला खोलने समेत भावी योजना भी बताई।
डिजिटल हो गया दान
इस मौके पर कमेटी के महासचिव एस वेंकट दुर्गाप्रसाद शर्मा ने बताया कि 27 नवंबर 2019 को हमने पिछली कमेटी से कार्यभार ग्रहण किया था, तब हमें करीब 12 लाख रुपये का कर्ज मिला था। इसके बावजूद कमेटी ने पारदर्शिता के साथ सारे कार्य करते हुए मंदिर के 90 प्रतिशत तक डिजिटल कर दिया गया है। श्रद्धालु-भक्त मंदिर को जो भी दान करते हैं, वह मंदिर के एकाउंट में सीधे जमा होता है। इसके अलावा नैवेद्यशाला का निर्माण किया गया। राधा-कृष्ण मंदिर में खंडित मूर्ति को बदला गया। टूटे दरवाजों और मुख्यद्वार बदला गया। कोविड में प्रतिदिन 400 लोगों को भोजन कराया गया। पुरोहितों के आवास और स्कूल भवन की मरम्मत की गई।
पहले से चल रहा स्कूल
बिष्टुपुर राम मंदिर में एक माध्यमिक स्कूल भी चलता है, जिसकी पूरी देखरेख मंदिर कमेटी करती है। मंदिर परिसर में होम्योपैथिक चिकित्सक भी बैठते हैं। इस तरह से देखा जाए तो मंदिर कमेटी पूजा-पाठ के अलावा कई धर्मार्थ कार्य कर रही है, जो शायद ही किसी मंदिर में चलते हैं।
इनकी रही उपस्थिति
संवाददाता सम्मेलन में अध्यक्ष वीडी गोपाल कृष्णा, उपाध्यक्ष जम्मी भास्कर, सीएच रमणा व वाइ श्रीनिवास, सहसचिव डी. प्रभाकर राव, गंगा मोहन, राजशेखर, चंद्रशेखर राव, सूर्या राव, रविशेखर, पी. कुमार, नागेश, नानाजी आदि उपस्थित थे।