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टाटा मोटर्स अस्पताल में एमजीएम की डॉक्टर के बच्चे की मौत पर हंगामा, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

टेल्को स्थित टाटा मोटर्स अस्पताल में शनिवार को एक डॉक्टर के बच्चे की मौत होने के बाद उसके स्वजनों ने हंगामा किया। स्वजनों का आरोप है कि पहले दिन से ही नवजात के इलाज में लापरवाही बरती गई। बार-बार गुहार लगाने के बावजूद भी उसपर ध्यान...

By Vikram GiriEdited By: Published: Sat, 14 Nov 2020 05:14 PM (IST)Updated: Sat, 14 Nov 2020 05:55 PM (IST)
टाटा मोटर्स अस्पताल में एमजीएम की डॉक्टर के बच्चे की मौत पर हंगामा, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
टाटा मोटर्स अस्पताल में एमजीएम की डॉक्टर के बच्चे की मौत पर हंगामा। प्रतीकात्मक तस्वीर

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता) । टेल्को स्थित टाटा मोटर्स अस्पताल में शनिवार को एक डॉक्टर के बच्चे की मौत होने के बाद उसके स्वजनों ने हंगामा किया। स्वजनों का आरोप है कि पहले दिन से ही नवजात के इलाज में लापरवाही बरती गई। बार-बार गुहार लगाने के बावजूद भी उसपर ध्यान नहीं दिया गया। स्वजन बाहर ले जाने को भी तैयार थे लेकिन चिकित्सकों ने भरोसा दिया कि यहां इलाज संभव है। जिसके कारण वे लोग बाहर नहीं ले गए। दरअसल, महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. आर्शी परवीन का नेशनल हाइवे स्थित उमा हॉस्पिटल में बीते रविवार को प्रसव हुआ।

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इसके बाद बच्चे को सांस लेने में परेशानी होने लगी। इसके बाद टाटा मोटर्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां पर उसे सी-पैप मशीन लगाया गया। साथ ही रुटिंग जांच हुअा। इसके बाद से बच्चे के इलाज में लगातार लापरवाही बरती जाने लगी। डॉ. आर्शी परवीन के पति ड. सरवर आलम भी एमजीएम अस्पताल में लेप्रोस्कोपिक सर्जन है। उन्होंने बताया कि सोमवार की शाम को बच्चे का इको हुआ।

इसके बाद वे लोग हृदय रोग विशेषज्ञ को बुलाकर दिखाएं तो थोड़ा राहत जरूर मिला। लेकिन, इसके बाद बच्चे का दोबोरा न तो रूटिंग जांच किया गया और न ही इको हुआ। जबकि इसके लिए वे लोग बार-बार गुहार लगाते रहे। इलाज कर रहे चिकित्सकों ने उसे नजरअंदाज किया। डा. सरवर आलम ने बताया कि अगर यहां इलाज संभव नहीं था तो उन्हें पहले ही बता देना चाहिए था लेकिन नहीं बताया गया। कुछ भी कहने या पूछने से सिर्फ ठीक है ठीक है कहा गया। इसी दौरान बच्चे की मौत हो गई। अब जवाब देने को कोई तैयार नहीं है।

इलाज करने वाले डाक्टर अस्पताल से चले गए है। डा. सरवर आलम ने कहा कि अगर उन्हें सही जवाब नहीं मिला तो वे लोग आरोपित चिकित्सकों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराएंगे। ताकि हमें न्याय मिल सकें। डा. सरवर आलम ने बताया कि अगर बच्चे का सही इलाज हुआ रहता तो शायद उसकी मौत नहीं होती। वहीं, इस संदर्भ में जानकारी के लिए टाटा मोटर्स प्रबंधन से संपर्क करने की कोशिश किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।


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