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यहां 'कोहबर' में जोड़ों को दिलाते हैं स्वच्छता की शपथ

यहां कोर्ट मैरिज करने आए जोड़ों के लिए कोहबर की व्यवस्था की गई है। शादी करने के लिए आने वाले जोड़ों को स्वच्छता की शपथ भी दिलाई जाती है।

By Edited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 02:08 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 04:00 PM (IST)
यहां 'कोहबर' में जोड़ों को दिलाते हैं स्वच्छता की शपथ
यहां 'कोहबर' में जोड़ों को दिलाते हैं स्वच्छता की शपथ

जमशेदपुर, विश्वजीत भट्ट। ये रजिस्ट्रार ऑफिस नायाब है। क्योंकि, यहां कोर्ट मैरिज करने आए जोड़ों को बाकायदा 'कोहबर' में बैठाकर स्वच्छता, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे रोपने और उनको संरक्षित करने की शपथ दिलाई जाती है। ये ऑफिस इसलिए भी है नायाब क्योंकि एक तो कोहबर की व्यवस्था पूरे देश के किसी भी रजिस्ट्रार ऑफिस में नहीं है। दूसरा यह कि शादी करने के लिए रजिस्ट्रार ऑफिस आने वाले प्रेमी जोड़ों को यह शपथ कहीं नहीं दिलाई जाती।

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पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त अमित कुमार और जिला अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी इस नायाब व्यवस्था के जनक हैं। निबंधन विभाग ने झारखंड के सभी निबंधन कार्यालयों में कोहबर बनाने की योजना 10 साल पहले बनाई थी। इसके लिए विभाग के ही एक अधिकारी ने सभी जिलों के लिए 10-10 हजार रुपये फंड का भी इंतजाम किया। लेकिन, निबंधन कार्यालयों में स्थान की कमी, सुविधाओं के अभाव के कारण कोहबर नहीं बन पा रहा था। चूंकि कुछ समय पहले ही पूर्वी सिंहभूम जिला अवर निबंधक कार्यालय का नया भवन बना है और इसमें पर्याप्त स्थान और तमाम जरूरी सुविधाएं भी हैं, इसलिए केवल जमशेदपुर में ही यह योजना मूर्त रूप ले पाई है।

ऐसे बनी योजना
10 अप्रैल 2010 को रांची में हुई राजस्व बैठक में प्रधान सचिव सुधीर प्रसाद ने निबंधन कार्यालयों में कोहबर निर्माण का विचार रखा। उनकी सोच थी कि पारंपरिक शादियों में वर को भगवान विष्णु और कन्या को माता लक्ष्मी का स्वरूप मानते हुए उनके लिए विशेष व्यवस्था की जाती है। इसके उलट, निबंधन कार्यालयों में शादी के लिए आने वाले जोड़े भीड़-भाड़ के बीच धक्का खाते हैं। यदि यहां भी ससम्मान उनके बैठने आदि की व्यवस्था कर दी जाए तो क्या बुरा है? इसी को ध्यान में रखकर उन्होंने कोहबर की परिकल्पना की और व्यवस्था दी कि निबंधन कार्यालय के किसी कक्ष में वर और कन्या के बैठने के लिए कुर्सियां लगाई जाए और उसको कोहबर के समान रंग-रोगन और चित्रकारी से सजाया जाए।

महिला अवर निबंधक को मिली थी जिम्मेदारी
इस कल्पना को साकार करने के लिए उन्होंने बेरमो की तत्कालीन महिला अवर निबंधक श्वेता कुमारी से इसलिए सुझाव मांगा कि घरों में महिलाएं ही कोहबर बनाती हैं। बेरमो, तेनुघाट की तत्कालीन महिला अवर निबंधक श्वेता कुमारी ने 15 अप्रैल 2010 को अपना सुझाव प्रधान सचिव को समर्पित कर दिया। इसमें उन्होंने बताया कि कोहबर वह स्थान है जहां भारतीय संस्कृति के अनुसार वधू विवाह से पूर्व वैवाहिक जीवन की मंगल कामना करती है। हर क्षेत्र में इसको सजाने के अलग-अलग विचार हैं। क्षेत्रीय परंपरा के हिसाब से कोहबर में चित्रकारी की जा सकती है और वर-वधू के बैठने के लिए कुर्सी-टेबल लगाया जा सकता है। अब जिला अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी इस परिकल्पना को तो साकार कर ही रहे हैं, शादी करने वाले जोड़ों को शपथ भी दिलवा रहे हैं।

जानें, क्‍या कहते हैं पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त
पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्‍त अमित कुमार ने कहा कि स्वच्छता, लिंग अनुपात की समानता और पर्यावरण का संरक्षण हर खास-ओ-आम की नैतिक जिम्मेदारी है। हम भी इसी जिम्मेदारी के निर्वहन का एक छोटा सा प्रयास कर रहे हैं।

जानिए, क्‍या कहते हैं अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी
पूर्वी सिंहभूम के जिला अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी ने कहा कि देश स्वच्छ बने, स्वस्थ बने, बेटियां खिलखिलाएं, पढ़ें और आगे बढ़ें। पर्यावरण संतुलन बना रहे। इसी की कड़ी में यह एक छोटा प्रयास है। लोग थोड़े से गंभीर हो जाएंगे तो प्रयास सफल हो जाएगा।


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