सातवीं की छात्रा के साथ दुष्कर्म करने वाले अधेड़ को बीस वर्ष की कैद Saraikela News
नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में 20 वर्ष सश्रम कारावास और दस हजार आर्थिक दंड की सजा अदालत ने सुनायी है। आर्थिक दंड नहीं देने पर तीन माह साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
सरायकेला, जासं। एक आवासीय विद्यालय में पढ़नेवाली सातवीं क्लास की बारह वर्षीय छात्रा के साथ दुष्कर्म करनेवाले महेंद्र महतो 54 वर्ष को जिला अपर एवं सत्र न्यायधीश धनंजय कुमार की अदालत ने भादवि की धारा 376(2) व पोक्सो एक्ट के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास और दस हजार आर्थिक दंड की सजा सुनायी है। आर्थिक दंड नहीं देने पर तीन माह साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
दुष्कर्मी पीड़िता का रिश्तेदार है। मामला वर्ष 2016 के जुलाई महीने का है। स्कूल की वार्डेन ने चौका थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार छात्रा स्कूल के अवकाश के दौरान घर गई हुई थी। फिर स्कूल आई तो कुछ दिन के बाद उसका तबियत खराब हो गई। तबीयत खराब होने के कारण डॉक्टरी जांच कराने पर वह आठ-नौ सप्ताह की गर्भवती पायी गई। इसके बाद वार्डेन ने इसकी सूचना डीसी को देते हुए चौका थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी।
स्कूल पहुंचाने के क्रम में दुष्कर्म
प्राथमिकी के पश्चात जांच में पता चला कि अवकाश के समय जब छात्रा घर गई थी तो छह अगस्त को उसका मामा महेंद्र महतो स्कूल पहुंचाने की बात कह कर घर से लेकर आया और चांडिल डैम जंगल की ओर ले जाकर डूबा देने की बात कह कर धमकी देते हुए जबरन दुष्कर्म किया। दुष्कर्म करने के पश्चात किसी को नहीं बताने अन्यथा जान से मारने की धमकी देते हुए पीडि़ता को स्कूल पहुंचा दिया।
कुल ग्यारह लोगों की हुई गवाही
मामले में कुल ग्यारह लोगों की गवाही हुयी। अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर महेंद्र को दोषी करार दिया और बीस वर्ष की सजा दी। लोक अभियोजक राजीव कुमार ने बताया कि मामले पर चौका थाना में 376(2) व पोक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज हुयी थी जिसमें महेंद्र को अदालत ने दोषी पाया और सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए बीस वर्ष की सजा सुनायी है। उन्होंने बताया कि पीड़िता को मुआवजा देने के लिए डालसा को लिखा गया है।