जुबिली पार्क में आइसक्रीम खाने पर बोला तीन तलाक
जुबिली पार्क में आइसक्रीम खाने से नाराज होकर शौहर ने समरीन को तीन तलाक दे दिया।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। तीन तलाक ने कुछ महीना पहले ही मानगो के मानगो की रहने वाली समरीन की जिंदगी बरबाद कर दी है। उसे कतर के स्टील प्लांट में नौकरी करने वाले उसके शौहर ने जुबिली पार्क घूमने और वहां आइसक्रीम खाने से नाराज होकर तीन तलाक दे दिया था। समरीन अब अपनी बरबाद जिंदगी पर आंसू बहा रही है।
वो कहती है कि काश ये फैसला और पहले आ गया होता। तीन तलाक ने जमशेदपुर में कई मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी जहन्नुम बनाई है। इनमें से एक है मानगो की समरीन। समरीन की शादी कतर स्टील प्लांट में काम करने वाले अफसर से जनवरी में हुई थी। अफसर भी मानगो का रहने वाला है। शादी के बाद कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक-ठाक रहा। लेकिन, एक महीने बाद ही अफसर कतर चले गए। लेकिन, वहां से वो अपनी बीवी पर निगाह रख रहे थे।
समरीन बताती है कि अफसर के दोस्त उसकी जासूसी करते थे। वो कहां जाती है। क्या करती है। सारी खबर अफसर को मिल जाती। एक बार वो डिमना लेक घूमने गई। कुछ ही देर में अफसर का फोन आया और वहां से वापस लौटने को कहा। फिर एक दिन मार्च में वो जुबिली पार्क घूमने गई। वहां अफसर के किसी दोस्त ने उसे आइसक्रीम खाते देख लिया। बस, इधर आइसक्रीम खत्म हुई और उधर अफसर का फोन आ गया। बोला कि उसने बाहर निकलने को मना किया था।
जुबिली पार्क की सैर क्यों कर रही है। यहां आइसक्रीम किसके साथ खा रही हो। उसने बिना कुछ सुने ही आव देखा न ताव बस एक ही सांस में तलाक, तलाक, तलाक बोल गया। अब समरीन अपने मां के घर में किसी तरह गुजार रही है।
वेलफेयर मिशन ने बचाए कई रिश्ते
मानगो वेलफेयर मिशन ने कई रिश्ते बचाए हैं। मिशन के अध्यक्ष डा. अफरोज शकील बताते हैं कि उन्होंने छोटी बातों पर मनमुटाव होने पर कई रिश्ते टूटने से बचा लिए। वो कहते हैं कि अगर सास बहु को अपनी बेटी और बेटी सास को अपनी मां समझने लगे तो तलाक खत्म किए जा सकते हैं।
तीन तलाक की पीड़िता: निशात
मानगो की निशात खातून भी तीन तलाक की पीड़ित है। उसने तो मंत्री सरयू राय से भी गुहार लगाई थी लेकिन, कोई फायदा नहीं हुआ। निशात की शादी बिहार शरीफ में हुई थी। उसके शौहर ने उसे दहेज नहीं लाने पर तीन तलाक दे दिया। निशात बताती है कि उसके पति का यही काम है। वो तीन महिलाओं को इसी तरह तीन तलाक दे चुका है। उसने बिहार शरीफ में चौथी शादी कर ली है। निशात इंसाफ की आस में अभी भी दर-दर की ठोकर खा रही है।
जानिए, किसने क्या कहा
अभी हमने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन नहीं किया है। अभी इस फैसले पर कुछ भी बोलना समय से पहले होगा। वैसे इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की राय शामिल नहीं है।
सऊद आलम कासमी, शहर काजी इमारत-ए-शरिया
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किसी भी धार्मिक मामले में कोर्ट या सरकार का हस्तक्षेप उचित नहीं। मामला विवाह का हो या तलाक का। यह शुद्ध धार्मिक कानून का मामला है। इसमें छेड़छाड़ का मतलब उस कानून को मिटाने की साजिश है।
समर सलीम, मदर्स होम पब्लिक स्कूल
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कुरआन में अगर कोई तीन तलाक होने का दावा करता है तो वो आयत बताए। इसका कहां जिक्र है। ये महिलाओं पर जुल्म था। इसे अच्छा हुआ सुप्रीम कोर्ट ने खत्म कर दिया। हम इसका स्वागत करते हैं । इसका हमें बेसब्री से इंतजार भी था।
-आयशा परवीन, मानगो
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कुरआन में तीन तलाक नहीं है। ये हजरत मोहम्मद साहब का भी बनाया कानून नहीं है। इसे अल्लाह का कानून नहीं कहा जा सकता। ये तो रसूल पाक के बाद शुरू की गई बिदअत थी जो खत्म कर दी गई। तीन तलाक खत्म होने से हम बेहद खुश हैं।
शाहीन खान, बिष्टुपुर
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