आदिवासियों को आर्थिक रूप से सबल बनने के लिए करना होगा ये काम, जाने किसने कही ये बात
आदिवासी युवाओं से कहा कि खुद का अपने समाज का विकास करना है तो पहले पढ़ना होगा।। उन्होंने कहा कि सरकार कई तरह की योजना लेकर आती है लेकिन आदिवासी समाज अब भी उन योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रही है।
जमशेदपुर, जासं। आदिवासी बहुउद्देश्यीय उत्थान सहकारी समिति लिमिटेड, झारखंड द्वारा दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शनिवार से सोनारी स्थित ट्राइबल कल्चर सेंटर में शुरू हुआ। उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए पूर्वी सिंहभूम के उप विकास आयुक्त (डीडीसी) परमेश्वर भगत ने पूरे जिले से आए आदिवासी युवाओं से कहा कि खुद का, अपने समाज का विकास करना है तो पहले पढ़ना होगा।।
उन्होंने कहा कि सरकार कई तरह की योजना लेकर आती है लेकिन आदिवासी समाज अब भी उन योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रही है इसके लिए कहीं ना कहीं हम खुद जिम्मेदार हैं। हमारे अंदर ही कमजोरी है। हमें अपने जीवन में जो मिला उसी से संतोष कर लिया लेकिन हमें अब समृद्ध होना होगा सरकार मनरेगा सहित कृषि कल्याण से संबंधित कई तरह की योजनाएं लेकर आती हैं। हमारा यह दायित्व है कि हम पूरे अधिकार से उन योजनाओं को जिले के अधिकारियों से मांगे हमें तालाब लेना है हमें कुआं खुदवाने हैं हमें मछली पालन करना है। ऐसी योजनाओं को लेने के लिए खुद जागरूक होना होगा।
युवाओं से की ये अपील
आज कई तरह की योजनाएं दूसरे युवा उठा रहे हैं और सफल भी हो रहे हैं लेकिन कुछ युवा योजना तो लेते हैं लेकिन सफल नहीं हो पाते । एक दो साल काम करने के बाद भूल जाते हैं। ऐसे युवाओं से मेरी अपील है कि वह समझे कि कि वह असफल हुए क्यों। दूसरे उसी प्रोजेक्ट को लेकर सफल हो रहे हैं। आदिवासी जमीन का दावा करते हैं लेकिन उनके पास उसके कागजात नहीं है। सरकार आपको पट्टा देने के लिए तैयार है आपको खुद आगे आना होगा। लेकिन इन सब चीजों के लिए सबसे जरूरी है पढ़ाई। जब तक हम पढ़ाई नहीं करेंगे ज्ञान का सागर खुलेगा नहीं। पढ़ाई से जानकारी मिलेगी। समझ में पाएंगे कि इस तरह योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।
बंदा ब्लाॅक का िदिया उदाहरण
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि बंदा ब्लॉक का एक आदिवासी युवक आज भारतीय फॉरेन सर्विस में चयनित हुआ है यह सब पढ़ाई के कारण ही संभव है जो नए नए दरवाजे खोलते हैं । उन्होंने सभी आदिवासी युवाओं से अपील की है कि संकोच ना करें। सरकारी अधिकारियों तक अपनी पहुंच बनाएं और उनसे योजना के बारे में पूछे क्योंकि सरकारी अधिकारी उनकी मदद के लिए ही वहां बैठे हैं। आर्थिक रूप से यदि मजबूत होना है तो पढ़ाई करनी होगी संकोच छोड़ना होगा। साथ ही उन्होंने पूरे आदिवासी समाज के युवाओं से अपील की है कि नशा पान से दूर रहें।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में जिला कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कालिंदी आत्मा से गीता कुमारी कामा आदिवासी बहुउद्देशीय उत्थान सहकारी समिति के केंद्रीय अध्यक्ष राजेश कश्यप उपाध्यक्ष चंद्रमोहन हेससा, जिला अध्यक्ष संजय मुर्मू आर्थिक विशेषज्ञ वाटर कंडोला और आईसीएमपीएल सूरदा माइन्स के एचआर सोमाय टूडू सहित अन्य उपस्थित थे।।