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Jharkhand Festival: प्रकृति ने ली अंगड़ाई, त्योहारों की रुत आई Jamshedpur News

Jharkhand Festival. आदिवासियों का प्रमुख त्योहार बाहा बोंगा यानी फूलों की पूजा का उत्सव दस्तक दे रहा है। इसे लेकर संथाल समाज के लोगों में उत्साह का माहौल देखा जा रहा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 09:18 AM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 09:18 AM (IST)
Jharkhand Festival: प्रकृति ने ली अंगड़ाई, त्योहारों की रुत आई Jamshedpur News
Jharkhand Festival: प्रकृति ने ली अंगड़ाई, त्योहारों की रुत आई Jamshedpur News

चाकुलिया (पूर्वी सिंहभूम), पंकज मिश्रा।  ऋतुराज बसंत के आगमन के साथ ही प्रकृति ने अंगड़ाई ले ली है। पहाड़ों व जंगलों से भरे झारखंड के इस इलाके का मानो रोम-रोम पुलकित हो उठा है। चहुंओर प्रकृति का सौंदर्य अपने शबाब पर है। वन उपवन सतरंगी छटा बिखेर रहे हैं। साल एवं महुआ के वृक्ष फूलों से लद चुके हैं। फिजां में इनकी खुशबू महसूस की जा सकती है।

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इसके साथ ही प्रकृति के साथ अटूट रिश्ता रखने वाले आदिवासी समुदाय के लोग भी त्योहारों के रंग में रंग चुके हैं। आदिवासियों का प्रमुख त्योहार बाहा बोंगा यानी फूलों की पूजा का उत्सव दस्तक दे रहा है। इसे लेकर संथाल समाज के लोगों में उत्साह का माहौल देखा जा रहा है। प्रकृति में बदलाव के साथ ही संथाल कैलेंडर में भी बदलाव आ गया है। विदित हो कि संथाल कैलेंडर में नववर्ष का शुभारंभ माघ महीने से होता है। नया साल के आगमन के साथ प्रकृति में नयापन इनकी खुशी को दोगुना कर देता है। लिहाजा संथाल समाज के लोग पूरे ऊर्जा एवं उत्साह के साथ पर्व मनाने में जुट जाते हैं।

साल के फूलों की होती पूजा

फूलों से लदा साल का वृक्ष।

बाहा पर्व के दौरान अधिकांश जगह सारजोम बाहा यानी साल के फूलों की पूजा की जाती है। महिलाएं इसे श्रृंगार के तौर पर बालों में भी लगाती हैं। जहां साल के फूल नहीं मिलते वहां माटकोम बाहा यानी महुआ के फूल से पूजा संपन्न की जाती है। संथाल समाज के लोग अपने पूजा स्थल यानी दिशोम जाहेर थान में जुटते हैं। पूजा पाठ के बाद महिला पुरुष सामूहिक रूप से मांदर की थाप पर खूब थिरकते हैं। प्रकृति की गोद में नृत्य संगीत का लुफ्त उठाते हुए आनंदित होते हैं।

तय हो गई बाहा बोंगा की तिथि

इस वर्ष के लिए भी बाहा बोंगा की तिथि तय कर दी गई है। क्षेत्र के जिला पार्षद शिवचरण हांसदा ने बताया कि समाज के लोगों द्वारा बाहा बोंगा की तैयारी जोर शोर से की जा रही है। मानुषमुडिय़ा जाहेर गाढ़ में 20 मार्च, चाकुलिया में 21 मार्च तथा बहरागोड़ा जाहेर थान में 22 मार्च को बाहा बोंगा धूमधाम से मनाया जाएगा। बाहा बोंगा प्रतिवर्ष मनाया जाता है जबकि 5 वर्ष में एक बार माहा मोड़े पूजा का आयोजन किया जाता है।


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