Common Law Admission Test : इंजीनियरिंग -मेडिकल के बाद क्लैट में बढ़ रहा रुझान, ये रही वजह
Common Law Admission Test. इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं पर केंद्रित रहे छात्रों का रुझान मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के अलावा अब कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) में लगातार बढ़ रहा है।
जमशेदपुर, विकास श्रीवास्तव। लंबे समय से इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं पर केंद्रित रहे लौहनगरी के छात्रों का रुझान मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के अलावा अब कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) में लगातार बढ़ रहा है। इसका एक कारण कारण इंजीनियरिंग व मेडिकल के मुकाबले इसमें होनेवाले कम खर्च के अलावा बेहतर प्लेसमेंट को माना जा रहा है। इस साल क्लैट-2019 आगामी 26 मई को है। परीक्षाएं ऑफलाइन मोड यानी पेन-पेपर पर होंगी। शहर से पांच सौ से अधिक छात्रों के इसमें शामिल होने का अनुमान है।
बढ़ी सीट संख्या, ढाई हजार सीटों पर होंगे दाखिले
इस बार देशभर के कुल 54 विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में दाखिले होंगे। इनमें 21 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और 33 निजी क्षेत्र के यूनिवर्सिटी व कॉलेज शामिल हैं। पिछले साल 19 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ही इसमें शामिल थे। दो नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जबलपुर व शिमला में खुल चुकी है। इन दोनों संस्थानों को मिलाकर ढाई सौ सीटों की बढ़ोत्तरी हुई है। इस हिसाब से इस बार ढाई हजार सीटों पर दाखिले होंगे जबकि पिछले साल कुल 2200 सीटों पर क्लैट की रैंकिंग के आधार पर नामांकन हुए थे।
इन संस्थानों में भी मिलेंगे मौके
इस बार लॉ कंसोर्टियम ने निजी क्षेत्र के 33 विश्वविद्यालय व कॉलेजों के साथ करार किया है जो क्लैट स्कोर के आधार पर दाखिले लेंगे। जिन निजी संस्थानों से क्लैट का स्कोर इस्तेमाल करने के लिए समझौता हुआ है उनमें सोबित यूनिवर्सिटी, आरएनबी ग्लोबल यूनिवर्सिटी, आइएसबीआर लॉ कॉलेज, ग्लोकल लॉ स्कूल, इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ, जेवियर लॉ कॉलेज, एमिटी यूनिवर्सिटी आदि शामिल हैं।
इस बार दो सप्ताह विलंब से होगा क्लैट
पिछले वर्षों की तुलना में इस साल क्लैट करीब दो सप्ताह विलंब से ऑफलाइन मोड में 26 मई को होगा। शहर में टाइम कोचिंग के निदेशक विपिन बताते हैं कि पिछले वर्षों की तुलना में जमशेदपुर में क्लैट के प्रति रुझान लगातार बढ़ रहा है। दरअसल, जो छात्र आइआइटी या मेडिकल नहीं कर पाने की स्थिति में हैं वे क्लैट को चुनते हैं। आइआइटी-मेडिकल की अपेक्षा इसमें कम खर्च के साथ ही प्लेसमेंट के बेहतरीन अवसर भी एक कारण हैं।
मल्टीनेशनल फर्म में भी बढ़ रहे अवसर
अच्छे संस्थान से इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स करनेवालों के लिए कई तरह के कॅरियर विकल्प उपलब्ध हैं। इस कोर्स को करने के बाद व्यक्तिगत रूप से अधिवक्ता की प्रैक्टिस के पारंपरिक अवसर के अलावा कारपोरेट लॉयर की मांग बढ़ रही है। इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट के मामलों में भी अवसर बढ़े हैं। साथ ही इधर मल्टीनेशनल फर्म भी अच्छे पैकेज पर छात्रों का कैंपस कर रही हैं।
क्लैट की तैयारी के लिए विशेषज्ञ टिप्स
- लॉजिकल रीजनिंग की तैयारी का बेहतर तरीका है कि पुराने मॉक टेस्ट का रिव्यू पढ़ें
- प्रैक्टिस के लिए दो दिन में एक ही मॉक टेस्ट दें लेकिन पुराने मॉक टेस्ट का रिव्यू भी करते रहें
- लीगल रीजनिंग क्लैट का अहम हिस्सा है
- ज्यादातर लीगल रीजनिंग के सवाल रिपीट होते हैं या उन्हीं सवालों को आगे-पीछे कर पूछा जाता है।
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