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..तो गांव में बंद हो जाएगा इलाज, कोल्हान से हटाए गए 868 आउटसोर्स कर्मचारी

कोल्हान से 868 आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाए जाने के बाद से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 09:04 PM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 09:04 PM (IST)
..तो गांव में बंद हो जाएगा इलाज, कोल्हान से हटाए गए 868 आउटसोर्स कर्मचारी
..तो गांव में बंद हो जाएगा इलाज, कोल्हान से हटाए गए 868 आउटसोर्स कर्मचारी

जासं, जमशेदपुर : कोल्हान से 868 आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाए जाने के बाद से स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। पूर्वी सिंहभूम जिले से 157, पश्चिमी सिंहभूम जिले से 406, सरायकेला-खरसावां जिले से 280 व महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज अस्पताल से 25 कर्मचारी को हटाया गया है। गुरुवार से आंदोलन तेज हो गया है। इनके समर्थन में भाजपा व झामुमो दोनों पार्टी के नेता उतर आए हैं। हटाए गए कर्मचारी हर प्रखंड में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इनके समर्थन में स्थायी कर्मचारी व अनुबंध कर्मचारी भी उतर आए है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित अधिकांश सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), उप-स्वास्थ्य केंद्रों पर ताला लटक गया है। परसुडीह स्थित सदर अस्पताल पूरी तरह से ठप रहा। सिर्फ इमरजेंसी विभाग किसी तरह से संचालित किया जा रहा था।

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सदर अस्पताल में ओपीडी, पैथोलॉजी, एक्सरे विभाग बंद रहा। इसके कारण मरीजों को बिना इलाज कराए ही लौटना पड़ा। ओपीडी में डाक्टर बैठे जरूर थे लेकिन, मरीजों की पर्ची बनाने वाला कोई नहीं था। ईसीजी सेंटर भी बंद रहा। यहां तक की कोरोना जांच भी नहीं हुई। वहीं, मानगो के शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जुगसलाई स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी ड्रेसर व पर्ची काटने वाले आउटसोर्स कर्मचारी नहीं थे। कर्मचारियों से मिलने के लिए भाजपा सुंदरनगर मंडल अध्यक्ष चंचल चक्रवर्ती व झामुमो नेता बहादुर किस्कू पहुंचे और उन्हें हटाए जाने का विरोध किया।

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डाक्टर तो दूर अब कर्मचारी भी नहीं मिलेंगे

अधिकांश सीएचसी-पीएचसी पर पहले से ही डाक्टरों की कमी है। कर्मचारियों की भरपाई के लिए आउटसोर्स बहाली कर किसी तरह बंद पड़े स्वास्थ्य केंद्रों को खोला गया लेकिन, अब फिर से वही स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस समस्या से स्थानीय जनप्रतिनिधि भी अवगत है।

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आउटसोर्स कर्मचारियों ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन

जिले से हटाए गए आउटसोर्स कर्मियों ने उपायुक्त को भी ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारी वर्ष 2013 से कार्यरत है। प्रधान सचिव के पत्र के आलोक में सभी की छंटनी की जा रही है। कर्मचारी अपने हक की लड़ाई के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।

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कहां से कितने कर्मचारी हटाए गए

- पूर्वी सिंहभूम जिले में 300 आउटसोर्स कर्मचारी में से 157 को हटा दिया गया है।

- पश्चिमी सिंहभूम जिले में 576 आउटसोर्स कर्मचारी में से 157 को हटा दिया गया है।

- सरायकेला-खरसावां जिले में 372 आउटसोर्स कर्मचारी में से 280 को हटा दिया गया है।

- एमजीएम अस्पताल से 25 आउटसोर्स कर्मचारी को हटा दिया गया है।


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