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Dance से 22 तरह की बीमारियां हो जाती छू मंतर, ये रही पूरी जानकारी

आपको सहसा विश्वास नहीं हो लेकिन है हकीकत। Dance से 22 तरह की बीमारियां छू मंतर हो जाती है। जमशेदपुर के डॉक्टर आशू दवा के बदले नृत्य से इलाज करते हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 21 Jul 2019 02:01 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jul 2019 05:17 PM (IST)
Dance से 22 तरह की बीमारियां हो जाती छू मंतर, ये रही पूरी जानकारी
Dance से 22 तरह की बीमारियां हो जाती छू मंतर, ये रही पूरी जानकारी

जमशेदपुर [मुजतबा हैदर रिजवी]।  झारखंड के जमशेदपुर शहर के डॉक्टर आशू दवा के बदले नृत्य से 22 प्रकार की बीमारियों का इलाज करते हैं। इस नायाब डाक्टर का दावा है कि कौशिकी नृत्य से हिस्टीरिया, हर्निया, हाइड्रोसील जैसी कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं। यही नहीं यह नृत्य महिलाओं की बीमारियां ठीक करने में रामबाण है। पिछले कई वर्षों से डॉ. आशू शहर में इलाज कर रहे हैं। इनके यहां मरीजों की भीड़ देखते बनती है। कई मरीज भी कौशिकी नृत्य से ठीक होने का दावा करते हैं।

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कदमा के मोहिनी कांप्लेक्स में डॉ. आशू की व्यक्तित्व विकास की कार्यशाला लगती है। इसी कार्यशाला में बीमारी से ग्रसित लोगों का रोग दूर भगाने को उन्हें कौशिकी नृत्य सिखाया जाता है। कौशिकी नृत्य करने से छोटे-मोटे रोग तो एक महीने में स्थायी रूप से दूर हो जाते हैं। लेकिन, हिस्टीरिया जैसे बड़े रोग दूर होने में तीन से पांच महीने तक लगते हैं। बिरसानगर के सुनील बताते हैं कि उनकी हिस्टीरिया की बीमारी ठीक होने में पांच महीने लगे। अब उन्हें पूरी तरह आराम है।

नृत्य से हरेक अंग का व्यायाम

इस नृत्य से रीढ़ में दर्द, हर्निया, हाइड्रोसील, स्नायू दुर्बलता, स्नायू यंत्रणा, किडनी के रोग, गालब्लैडर के रोग, गैसट्राइटिस, डिस्पेप्पसिया, एसिडिटी, डिसेंट्री, सिफलिस, लीवर की बीमारियां आदि दूर होती हैं। कौशिकी नृत्य करने वाले 80 की उम्र में भी दक्ष रहते हैं। इस नृत्य से सिर से पैर तक एक-एक अंग का व्यायाम होता है। इंसान की उम्र बढ़ती है। इस नृत्य से मेरूदंड मजबूत बनती है। कंधे, कमर, हाथ और अन्य संधियों को भी मजबूती मिलती है। ब्लाडर और मूत्र नलियों के रोग को भी ये नृत्य दूर करता है। कौशिकी नृत्य से त्वचा की झुर्रियां ठीक होती हैं। आलस्य दूर भागता है। नींद की कमी के रोग ठीक होते हैं। 

डिप्रेशन से मिलती है निजात 

डॉ. आशू बताते हैं कि कौशिकी नृत्य करने से इंसान को डिप्रेशन से निजात मिलती है। इससे बुद्धि प्रखर होती है और इंसान का आत्मविश्वास बढ़ता है। 

सुप्रसव में भी सहायक है कौाशिकी 

 कौशिकी नृत्य सुप्रसव में भी सहायक है। यानि यदि गर्भवती ये नृत्य करती है तो उसका प्रसव आसानी से होता है। यही नहीं, उनकी अन्य बीमारियां भी आसानी से दूर हो जाती हैं। 


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