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जानेमाने उद्यमी एसके बेहरा की राय: इंफ्रास्ट्रक्चर ही तेजी से भर सकता झारखंड का खजाना

झारखंंड के जानेमाने उद्यमी एसके बेहरा का मानना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर ही तेजी से झारखंड का खजाना भर सकता है।औद्योगिक क्षेत्र की सड़कें-नाली दुरुस्त हों तो निवेशक रिझेंगे।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 31 Dec 2019 12:18 PM (IST)Updated: Tue, 31 Dec 2019 12:18 PM (IST)
जानेमाने उद्यमी एसके बेहरा की राय:  इंफ्रास्ट्रक्चर ही तेजी से भर सकता झारखंड का खजाना
जानेमाने उद्यमी एसके बेहरा की राय: इंफ्रास्ट्रक्चर ही तेजी से भर सकता झारखंड का खजाना

जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा।  Jharkhand Economy झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नई सरकार बनी है। मुख्यमंत्री युवा हैं, जोश और ऊर्जा से भरे हैं, लेकिन उनके सामने चुनौतियों का अंबार है। पूरे देश के साथ झारखंड की आर्थिक स्थिति भी डांवाडोल है। झारखंड समेत पूरा कोल्हान उद्योग-धंधों पर ही टिका है, इसलिए सबसे पहले इनकी हालत सुधारनी होगी। ऐसा मानना है सीआइआइ (कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री), झारखंड काउंसिल के पूर्व चेयरमैन व आरएसबी ट्रांसमिशन (आइ) लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एसके बेहरा का।

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बेहरा कहते हैं कि सुनने में आ रहा है कि झारखंड का खजाना खाली है। ऐसी स्थिति में आधारभूत संरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर) ही तेजी से राज्य का खजाना भर सकता है। सड़क, पुल, भवन आदि के काम होंगे, तो ना केवल यहां बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर खुलेंगे, बल्कि बड़े पैमाने पर राज्य में निवेश भी होगा। इससे ऑटो इंडस्ट्री व अर्थमूविंग इक्विपमेंट इंडस्ट्री भी आगे बढ़ेगी। चूंकि इसका अधिकांश राजस्व राज्य सरकार के खाते में आएगा, यहां के लोगों के पास पैसा आएगा, तो वह बाजार में भी जाएगा। उनकी समझ से यही एक रास्ता है, जो झारखंड में तेजी से समृद्धि ला सकता है। इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को केंद्र सरकार से कर्ज या अनुदान भी आसानी से मिल सकता है। एक बार जब पैसे का फ्लो शुरू हो जाएगा, तो उसका असर अन्य क्षेत्रों में भी दिखेगा। 

... तो निवेशक भी होंगे आकर्षित

जहां तक निवेशकों को आकर्षित करने की बात है, तो इसके लिए भी सबसे पहले इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करना होगा। आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र ना केवल झारखंड, बल्कि देश का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया है। यहां अंदर की सड़कें और सीवरेज सिस्टम पिछले तीन साल से बदहाल स्थिति में हैं। इसे अविलंब ना केवल दुरुस्त करना होगा, बल्कि वल्र्ड क्लास बनाना होगा। आयडा को वाल डेकोरशन भी करना चाहिए। यह सभी काम आयडा बखूबी कर सकता है। पिछले साल स्ट्रीट लाइटें खूब लगीं, लेकिन कभी-कभार ही पूरी जलती हैं। ऐसे में कोई यहां निवेश करने कैसे आएगा। मेरा मानना है कि आदित्यपुर ही नहीं, झारखंड के सभी औद्योगिक क्षेत्र में वल्र्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए। 

धालभूमगढ़ एयरपोर्ट जल्द बने

जमशेदपुर सहित कोल्हान के औद्योगिक माहौल में एयरपोर्ट बड़ी बाधा है। सरकार ने धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट का शिलान्यास व भूमिपूजन कर दिया है। अब इस पर तेजी से काम होना चाहिए। इसके बनने से ना केवल जमशेदपुर सहित कोल्हान का औद्योगिक परिदृश्य बदलेगा, बल्कि बंगाल व ओडिशा के सीमावर्ती क्षेत्र में भी आर्थिक हलचल तेज होगी। 

हर जिले में होना चाहिए कोल्ड स्टोरेज

उद्योग-धंधों के बाद झारखंड की आर्थिक ताकत किसान हैं। यहां धान-गेहूं की खेती बहुुत कम होती है, लेकिन सब्जी के मामले में काफी समृद्ध है। इसके बावजूद अभी तक किसान को फसल का सही दाम नहीं मिल रहा है। यहां के किसान सिर्फ इसलिए बदहाल हैं, क्योंकि यहां कोल्ड स्टोरेज नहीं है। सरकार हर जिला में कोल्ड स्टोरेज के साथ छोटा ही सही फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाए। मार्केटिंग यूनिट बनाए। इसके बिना किसानों को उनकी उपज का समुचित मूल्य नहीं मिल सकता। सिर्फ उन्हें छूट या मुआवजा देकर उनका जीवन स्तर नहीं बढ़ा सकते हैं। 

रेरा के नियमों में सुधार जरूरी

राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना पर काम तो चलेगा ही, रेरा (रियल इस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट) के नियमों में सुधार होना जरूरी है। रियल इस्टेट सेक्टर में जो कानूनी पेचीदगी या नियम इसकी गति को धीमा बनाते हैं, उसे दूर करना होगा। आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में इस सेक्टर की भूमिका अहम होती है। खेती के बाद यही सेक्टर सबसे ज्यादा रोजगार देता है। 


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